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सफाई कर्मी पर कविता | Poem on sweeper in Hindi

सफाई कर्मी पर कविता | Poem on sweeper in Hindi - नमस्कार दोस्तों यदि आप वेब पर sweeper  Poems से सम्बंधित कविताओ की खोज में है, तो आज का यह हमारा आर्टिकल आपके लिए उपयुक्त है. इस आर्टिकल में हम आपके लिए सफाई कर्मी जुडी कुछ कविताए लेकर आए है. 

यह कविताए सफाई कर्मी ko आपके साथ परिचय करवाएगी इस आर्टिकल में हम आपके समक्ष सफाई कर्मी ki विभिन्न शीर्षक वाली कविताएँ आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है. आशा है, आपके लिए उपयोगी होगी.

सफाई कर्मी पर कविता | Poem on sweeper in Hindi

सफाई कर्मी पर कविता | Poem on sweeper in Hindi

सफाई वाला "शैलेन्द्र सरस्वती"

दादाजी! वह सफाई वाला
है वह कितना भोला भाला
सुबह सुबह का मुंह अँधेरे
गली का कचरा कितना बुहारे

दादाजी, कभी उसे बुलाओ
पास बैठा के कुछ बतलाओ
चाय उसे क्या पिला न सकते?
कितना अच्छा काम वह करता
स्वच्छ गली को सदा है रखता

दादीजी, वह सफाई वाला
है वह कितना मस्त निराला
क्यों तुम उससे आँख चुराते?
दादाजी! वह सफाई वाला
हमारा अंकल है मतवाला

सफाई कर्मी पर कविता

सोचिये जरा मूर्ति को,
देखो के इंसानियत कतराता है।
वही को अपने हाथों से,
सफाई कर्मचारी उठाता है।

गंदे और बेकार से निकले,
प्रोडक्ट में जब घर जाता है.
जाने कितने विषादनों को,
अपने घर ले जाओ।

जब तक रोग प्रतिरोधक क्षमता है,
समान लड़कियाँ रहती हैं।
बिना सुरक्षा किट के लिए,
ड्यूटी पर डेटा रहता है।

यह सम्मान पात्र क्या नहीं है?
इसका कोई अधिकार नहीं है।
सेवा के बदले में केवल,
यह अपमान ही पाता है।

कुछ डॉक्टर के लिए यह अपनी,
जान की बाजी लगाई गई है।
जीवित उतरता है उद्यम में,
'शव' रूप सामने आता है।

जिसका नाम जीवन-भर,
सारा परिवार उठाता है।
सोचिए सफाई ज़रा अनार,
अंतिम जीवन कैसे है।।
नरेंद्र वाल्मिकी

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