Short Poem In Hindi Kavita

चॉकलेट पर कविता | Poem on Chocolate in Hindi

चॉकलेट पर कविता | Poem on Chocolate in Hindi नमस्कार दोस्तों यदि आप वेब पर Chocolate Poems से सम्बंधित कविताओ की खोज में है, तो आज का यह हमारा आर्टिकल आपके लिए उपयुक्त है. इस आर्टिकल में हम आपके लिए चॉकलेट जुडी कुछ कविताए लेकर आए है. 


यह कविताए आपको चॉकलेट के साथ परिचय करवाएगी इस आर्टिकल में हम आपके समक्ष चॉकलेट पर विभिन्न शीर्षक वाली कविताएँ आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है. आशा है, आपके लिए उपयोगी होगी. 

चॉकलेट पर कविता | Poem on Chocolate in Hindi


चॉकलेट पर कविता | Poem on Chocolate in Hindi


चॉकलेट "रोचिका शर्मा"

चॉकलेट भाती है मुझको चाहे रोज खिलाना
थोड़ी कड़वी मीठी लगती खुशियाँ बने बहाना

अलग अलग हैं फ्लेवर इसके मुँह में ही घुल जाती
भूरे रंग की डार्क कहें और श्वेत मिल्क कहलाती

कोको बीज सुखाए जाते और मिलाते चीनी
अगर मिले एसेंस वनीला आए खुशबू भीनी

आकर्षक सा पैक बनाते देख जिया ललचाए
गिफ्ट में दे दे कोई पुलकित मन हर्षाए

बच्चों जब जब इसको खाओ मुख की करो सफाई
दाँतों में गर चिपकी रहती उनकी शामत आई

Chocolate Poem in Hindi

बचपन था, जब तुम मेरे लिए रोते थे,
घर की सामग्री को पटकते और तोड़ते थे,
हर कोशिश करने में कोई कसर नही छोड़ते थे,
हाँ, मैं वही हूँ, तुम्हारा प्यारा तुम्हारा चॉकलेट।

आते थे, पापा तुम्हारे जब कहीं बाहर से,
कुछ उनसे पाने की खास उम्मीद जगाते थे मन में ,
घर के कोने-कोने में कोहराम मच जाता था,
पर जब कभी भूल से चॉकलेट नही लाते थे।

उसे पाने के लिए हर किसी सब  से लड़ जाते थे,
चॉकलेट पाने के लिए माँ-बाप के पीछे पड़ जाया करते थे,
जिसे पाने के लिए गुस्से से अलमारियों पर चढ़ जाया करते थे,
हाँ, हूँ मैं वही प्यार तुम्हारा चॉकलेट।

वे रिश्तेदार बड़े खास हुए थे,
जो चॉकलेट रखते पास थे,
उनको मिलता बड़ा सम्मान था,
पता नही वो किसका मान था,
वह हमारे लिए भगवान था।

जिस चॉकलेट का रंग थोड़ा करिया था,
मगर स्वाद में वो ही सबसे ज्यादा बढ़िया था,
बच्चों की खुश का मै एक जरिया था,
हाँ, हूँ मैं वही प्यारा तुम्हारा चॉकलेट।

हूँ मै बच्चों का पहला प्यार ,
बच्चों के जीवन में लाता हूँ हर बार बहार हूँ,
मेरे बिना बचपन अधुरा है,
बचपन में चॉकलेट खाना जरूरी है।
मेहमान को इसे लाना उसकी मज़बूरी है| 

लाओ मेरी चॉकलेट / रमेश तैलंग

दफ्तर से फ़िर आये लेट,
पापा ब़हुत क़राया वेट,
प्रॉमिज़ तोडा हैं अपना
अब, लाओं मेरी चॉकलेट।

पाँच बज़े आ ज़ाना था,
साथ हमारें ज़ाना था,
बाहर खाना ख़ाना था,
अच्छा-ख़ासा मूड हमारा
कर डाला पर मटियामेट।

वादा फ़िर करना होगा,
जुर्मांना भराना होगा,
झगडा अब वर्ना होगा,
देखो, कैंसे पिचक-पिचक़कर
हुआ हमारा आधा पेट।
अब़, लाओं मेरी चॉकलेट

चॉकलेट

हर प्यार भरें इज़हार मे हैं
रूठें हुवे दिल की प्यास मे हैं
अब इस चॉकलेट के बारें मे
आपकों क्या बताऊ यह तो
आपकें ही मन की मिठास मे हैं

रूठना मनाना मिलनें पर ख़िल जाना
ब़चपन की वो नादानीं मे हैं
वो सावन भरी ज़वानी का आलम
उस लडकपन की रवानीं मे हैं
पलक झ़पकते आया बुढापा फ़िर भी
टूटें हुए दांतों की कहानीं मे हैं
अब इस चॉकलेट...........

ललचाहक़ भरी सुंदरता का साज़ हैं
लड़को के लिये तो क़म पर हर
लड़कियो की पहली आवाज़ हैं
प्यार से देदों उन्हे तो
उनकें आगे हर गुनाह माफ़ हैं
अब इस चॉकलेट............

क्या विष़य दिया हैं आज़ मुझें
चॉकलेट की हसींन बातो पर
मेरा क़लम भी हैं दिवाना
इसक़ी हर एक अदाओ पर
इस स्याहीं से इसका मिठास चख़ाना चाहता हू
अगर ग़लत हैं तो ध्यान न देना इन बातों पर
यहा बैठें सभी के अहसास मे हैं
अब इस चॉकलेट .............
यह भी पढ़े

प्रिय दर्शको उम्मीद करता हूँ, आज की हमारी कविताएँ चॉकलेट पर कविता | Poem on Chocolate in Hindi आपको पसंद आई होगी यदि कविताएँ अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें