चॉकलेट "रोचिका शर्मा"
चॉकलेट भाती है मुझको चाहे रोज खिलाना
थोड़ी कड़वी मीठी लगती खुशियाँ बने बहाना
अलग अलग हैं फ्लेवर इसके मुँह में ही घुल जाती
भूरे रंग की डार्क कहें और श्वेत मिल्क कहलाती
कोको बीज सुखाए जाते और मिलाते चीनी
अगर मिले एसेंस वनीला आए खुशबू भीनी
आकर्षक सा पैक बनाते देख जिया ललचाए
गिफ्ट में दे दे कोई पुलकित मन हर्षाए
बच्चों जब जब इसको खाओ मुख की करो सफाई
दाँतों में गर चिपकी रहती उनकी शामत आई
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