Short Poem In Hindi Kavita

गेहूं पर कविता | Poem On Wheat in Hindi

 गेहूं की बालियाँ

हरी भरी बालियाँ
बजा रही तालियाँ
ओलों में अड़ि रहीं
कुहरे से जूझ गई
पाले में खड़ी रही
पत्थर की बालियाँ
जीत गई बाजियाँ
पकी पकी बालियाँ
खुशियों की तालियाँ
सूरज ने गर्मी दी
पूरी हमदर्दी दी
सोने की वर्दी दी
महक उठीं थालियाँ
चहक उठी बालियाँ

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