अगर बनूँ मैं टीचर मम्मी "शकुंतला कालरा"
अगर बनूँ मैं टीचर मम्मी
सब बच्चों को पास करूँगा
खुले हाथ से नम्बर दूँगा
उनको नहीं निराश करूँगा
बात बात पर कभी न डाटू
करने दूंगा मैं शैतानी
पढ़ते पढ़ते जब थक जाएं
तब छेडूगा नई कहानी
नहीं डराऊँगा मैं उनको
इतना उनसे प्यार करूंगा
नहीं पढ़ाई होगी हव्वा
इस ढंग से तैयार करूँगा
पिकनिक पर भी ले जाऊँगा
खाना उनके संग खाऊँगा
नाचे गाएंगे सब बच्चे
मैं भी उनके संग गाऊँगा
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