नीयत बुरी तो दावत कैसी
एक थी मकड़ी बड़ी सयानी
नाम था उसका बीबी जानी
उसका था इक मकड़ा राजा
मकड़ा राजा लाया बाजा
बाजा देखा वह मुस्काई
अक्ल में उसके बात यह आई
बाजा खूब अनोखा है यह
अच्छा बढिया मौका है यह
चींटी पिस्सू मक्खी मच्छर
दावत दूंगी सबको जाकर
बाजा सुनने सब आएँगे
हम भी दावत फिर खाएंगे
मकड़ी ने फिर पहनी साड़ी
साथ में ले ली अपनी गाड़ी
फिर पहुची मक्खी के घर
मक्खी भाग जान बचाकर
मकड़ी बोली आओ आओ
हम से इतना मत खबराओ
सुनो सुनो ऐ बीबी जानी
हमें पता है तुम हो ज्ञानी
और सुना है मकड़े राजा
लाए है इक बढिया बाजा
दावत देने तुम आई हो
हमको लेने तुम आई हो
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