Short Poem In Hindi Kavita

रोबोट पर कविता | Poem on Robot in Hindi

रोबोट पर कविता | Poem on Robot in Hindi आधुनिकता जीवन के परिवर्तन का एक रूप है। हम विज्ञान के क्षेत्र में अपने सोच से भी अधिक दूर जा चुके हैं। 

हमारे देश- दुनिया के वैज्ञानिक धरती से लेकर अतंरिक्ष तक विभिन्न खोज करते जा रहे हैं। हमारे सुविधा के अनुसार हर प्रकार कि मशीन बनाई जा रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने हर क्षेत्र में खोज करने का प्रयास किया है ।

रोबोट पर कविता | Poem on Robot in Hindi

रोबोट पर कविता | Poem on Robot in Hindi


मनुष्य कि सुविधा के अनुसार हर एक वस्तु मशीनीकरण के दिशा में आगे बढ़ रहा है। 

इसी क्रम में मनुष्यों द्वारा किए जाने वाले कामों को करने के लिए रोबोट यानि मानव-यन्त्र कि खोज कि गई , ताकि मनुष्यों का काम आसान हो सके और वो अपनी सुविधा अनुसार रोबोट से सेवा भी करा सके।

 रोबोट एक दिला दो राम "राजकुमार जैन राजन"

रोबोट एक दिला दो राम
सरल हो सारे काम
साथ रहेगा सदा हमारे
रोबू होगा उसका नाम

भारी भरकम बस्ता भी
स्कूल यही ले जाएगा
होम वर्क भी झट से करके
साथ खेलने आएगा

रोबोट किया करेगा अब से
मेरे घर का सारा काम
मम्मी को भी मिल जाएगा
कुछ पल को थोड़ा आराम

कभी बोर होउंगा
बात करेगा प्यारी प्यारी
करवाओ चाहे जो कुछ भी
नहीं कहेगा लेकिन सॉरी

रोबोट "गौरिशंकर वैश्य विनम्र"


मित्र हमारा है रोबोट
जिसका अपने हाथ रिमोट

हाथ पैर सिर मानव जैसे
मानव निर्मित अजब मशीन
बिना थके अच्छे ढंग से यह 
कठिन कार्य में रहता लीन
खाना पीना नहीं चाहता
काम के बदले नहीं ले नोट

कार इलेक्ट्रॉनिक दवा की
फैक्ट्रियों में करता काम
कर लेता निर्माण जटिलतम
नहीं करे पलभर आराम
गैस टैंक सागर सुरंग में
उसे तनिक न लगती चोट

छुट्टी नहीं चाहिए इसको
यह तो कभी नहीं सोता
नहीं शिकायत कोई इसको
यह बीमार नहीं होता

हानि नहीं पहुंचाए सहसा
करे न गलती रखे ना खोट
कहीं मनुष्यों से अच्छा है
रखनी किंतु सावधानी
कर सकता नुक्सान अत्यधिक
त्रुटि न समझता असानी
जन्म दिवस पर मुझे पिताजी
दिलवा दो नैनो रोबोट
मित्र हमारा है रोबोट

रोबोट का गीत "शिवचरण चौहान"

थका बहुत हूँ आज काम से
करवा लो कुछ काम हमारे
मेरे साथी रोबो प्यारे
बस्ते से कॉपियाँ निकालो
प्रश्न गणित के हल कर डालो
फिर आकर बैठों कुर्सी में
पीओ संग में चाय हमारे
मेरे साथी रोबो प्यारे
साथ हमारे कैरम खेलो
फिर माँ के संग पुड़ी बेलो
मेरे लिए समोसे तलकर
लाओ गरमागर्म करारे
मेरे साथी रोबो प्यारे
काम खत्म, छत पर आ जाओ
आसमान में नजर टिकाओ

मुझे जगाना, गिन लेना जब
आसमान में कितने तारे
मेरे साथी रोबो प्यारे

रोबोट

एक़ वक्त था
ज़ब मिलक़र
बात क़रते ..
मिठास से
भरीं हुई बाते
रस घोलती थीं
क़ानो मे …
घर मुस्कराता था
कौना कौना
ज़गमगाता था ..
अब़ सब चुप है
खामोश है ..
अपनी रुपहलीं
दुनियां मे सिर्फ
अंगूठें चल रहे है
शब्द चल रहे है
प्रतीक़ और चिन्ह्
चल रहे है…
क़ाली ..नीली .
रेख़ा दिख़ती है
और दिख़ते है
एप …..
अब़ सब नेट क़ी
दुनिया मे सेट हो
ज़ाते है ..
यथार्यं की दुनियां
से क़ट जाते है
क्या यें भी पत्थर
होना नही हैं
सम्वेदना को
दिख़ावे ज़ैसा
ढ़ोना नही हैं ..
ये मशींन को
गलें लगाक़र ..
भावो से बना ली
दूरी ….

पर आनें वाले
समय मे इसकें
दुष्परिणाम सामने
आयेगे … देख़ना
फ़िर यहां वहां
जीतें जाग़ते
रोबोट नज़र आयेगें
– कुसुम काव्यांश

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दोस्तों हमने अपनी साईट पर विभिन्न टॉपिक पर कविता पोस्ट किया है ,इसी क्रम में हम लाए हैं आपके लिए विज्ञान जगत में एक अनोखी और बेहद दिलचस्प खोज रोबोट पर कविताओं का संग्रह,

इन कविताओं में आपको रोबोट का आकार कविता मात्र पढ़ने भर से नजर आएगा, साथ ही रोबोट हमारे किस प्रकार से काम आएगा ये भी जानने को मिलेगा। 

आईए दोस्तों हम भी विज्ञान के साथ कदम से कदम मिलाते हैं और विज्ञान कि खोजो को हम जन मानस तक पहुंचाने में हम अपनी भूमिका निभाते हैं। रोबोट पर कविताओं का संग्रह अपने में एक नवीनता का भाव लाता है। 

हमें पूर्ण आशा है कि मनुष्यों द्वारा मनुष्यों कि सहायता करने के लिए बनाया गए यन्त्र रोबोट पर कविताओं का संग्रह पढ़कर आपको बेहद आनंद आया होगा। और साथ ही साथ आप सबको रोबोट पर आधारित थोड़ी जानकारी मिली होगी। हमें आशा है कि आप सब ऐसे ही हमारा उत्साहवर्धन करते रहेंगे। 

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