रिक्शा वाले
रिक्शा वाले रिक्शा वाले
कहाँ कहाँ तुम जाते हो
पापा को दफ्तर पहुंचाते
मम्मी को घर लाते हो
सर्दी गर्मी या बरसात
सुबह, दोपहर या हो रात
हरदम दौड़ लगाते हो
चक्का खूब घुमाते हो
दुबले पतले नाटे छोटे
भारी भरकम मोटे मोटे
सबका भार उठाते हो
रिक्शा तेज चलाते हो
कोई प्रेम से बतियाता है
पर कोई गुस्साता है
सुन लेते हो सबकी बातें
आगे बढ़ते जाते हो
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