Short Poem In Hindi Kavita

रिक्शा चालक पर कविता | Poem on rickshaw driver in Hindi

 रिक्शा वाले

रिक्शा वाले रिक्शा वाले
कहाँ कहाँ तुम जाते हो
पापा को दफ्तर पहुंचाते
मम्मी को घर लाते हो

सर्दी गर्मी या बरसात
सुबह, दोपहर या हो रात
हरदम दौड़ लगाते हो
चक्का खूब घुमाते हो

दुबले पतले नाटे छोटे
भारी भरकम मोटे मोटे
सबका भार उठाते हो
रिक्शा तेज चलाते हो

कोई प्रेम से बतियाता है
पर कोई गुस्साता है
सुन लेते हो सबकी बातें
आगे बढ़ते जाते हो

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