रसगुल्ले के पैसे लाओ
चिड़ियों ने बाजार लगाया
कौआ चौकीदार बिठाया
मेले में जब भालू आया
उठा एक रसगुल्ला खाया
गौरेया यह कह मुस्काई
कहाँ चल दिए भालू भाई
जल्दी क्या है रूक भी जाओ
रसगुल्ले के पैसे लाओ
भालू बोला क्या फरमाया
मुझको क्या यह जान न पाया
मंत्री जी हैं पिता हमारे
होश करें वो ठीक तुम्हारे
सुनकर झगड़ा कौआ आया
डांटा कोट उतार रखाया
और कहा भालू जी जाओ
कल तक पैसे लेकर आओ
जब पैसे देकर जाओगे
कोट तभी वापस पाओगे
मंत्री जी को जा बतलाना
अब अँधेरे नहीं चल पाना
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