Short Poem In Hindi Kavita

नेताओं पर कविता | Poem on politician in Hindi

 अगर कहीं मैं नेता होता

खादी कुरता धुला पहनता
हाथ जोड़कर वोट मांगता
सच्ची बात सुनो कहता हूँ
अगर कहीं मैं नेता होता

खुल्लम खुल्ला झूठ बोलता
वादा पूरा कभी न करता
उसको तो हरदम पिटवाता
जिस पर मेरा मन गुस्साता

धर्म बेचता, कर्म बेचता
बरसों तक ईमान बेचता
भाई भाई को लडवाकर
अपना स्वारथ पूरा करता

नहीं नहीं मैं झूठ कह गया
जितनी बात कही हैं मैंने
सबका बिलकुल उल्टा करता
अगर कहीं मैं नेता होता

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