Short Poem In Hindi Kavita

परी पर कविता | Poem on Pari in Hindi

परी पर कविता | Poem on Pari in Hindi- नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है, आज के हमारे इस लेख में जिसमे हम परियो पर छोटी बड़ी सुंदर कविताएँ आपके सामने प्रस्तुत करेंगे. 


परी एक सुंदर बालिका की तरह होती है. यह एक काल्पनिक और सुंदर लड़की होती है. जो कहानियो में बहुत अधिक वर्णित होती है. वैसे लडकियों को भी परी कहा जाता है.

परी पर कविता | Poem on Pari in Hindi

परी पर कविता | Poem on Pari in Hindi

कितनी परियाँ

मुन्नी से बोलीं मम्मी
सपने में मैंने तो कल
तरह तरह की परियों का
देखा रंग बिरंगा दल!

सुनकर नन्हीं मुन्नी ने
खुश हो मारी किलकारी
पूछा मम्मी, बतलाओं
कितनी थीं परियाँ सारी?

मम्मी कुछ कहतीं उससे
पहले ही नन्हा मुन्ना
तुतलाकर यों बोल उठा
मुन्नी का भाई चुन्ना

मम्मी ने चछ्मा लख देतीं
छोने छे पहले हल दिन
उछ्को पहने बिना भला
वो कैसे छ्कती थीं गिन?

एक परी ने

एक परी ने कल सपने में
दिए बहुत से पैसे
आओ मम्मी तुम्हें सुनाऊं
खर्च किए सब कैसे?

दादा जी को एनक लाया
दादी जी को साड़ी
फिर मैंने पापा को ले दी
नीली मोटरगाड़ी

भैया जी को बल्ला लाया
दीदी को अलमारी
और तुम्हारी लिए खरीदी
घर की चीजें सारी

मम्मी ने यह कहकर झट से
उसको गले लगाया
अपने लिए नहीं क्यों पगले
कुछ भी लेकर आया?

परी और किताब

रात मेरे सपनों में आई
परी सुनहरे पंखों वाली
हाथ प्यार से फेरा सिर पर
दी किताब फिर एक निराली

कथा कहानी गीत थे उसमें
सुंदर सुंदर थे संदेश
रंग बिरंगे चित्र बने थे
इन्द्रधनुष जैसा परिवेश

प्यार लुटाते रहना सब पर
कुछ ऐसी थी प्यारी सीख
पेड़ नदी पर्वत पशु पक्षी
इन्हें समझना अपना मीत

ध्यान पढ़ाई पर तुम देना
बड़ों का करना आदर खूब
टीचर जी की बात मानना
साफ़ सफाई रखना खूब

अगला पन्ना खुलता जब तक
टूट गये सपने मेरे
जितने पन्ने पढ़ पाए थे
काम बहुत आए मेरे

परी पर कविता – आयी सुंदर एक परी है

मेरें घर के आंगन मे आई,
सुन्दर सी एक परी हैं।
मेरी ममता के आंचल मे,
ख़िली ज़ैसे कोई कली हैं।

रुईं के फायो सी मुलाय़म ,
नर्मं एहसासो से भरी हैं।
लाल होंठो ,गुलाबी ग़ाल,
हीरो सी चमक़ती लडी हैं।

कभीं- कभीं रो रही हैं,
कभीं- कभीं हंस रही हैं।
ममता के मेरें आंचल को,
खुशबू से भर रहीं हैं।

एक़ सुख़द एहसास ,
मेरें अंंदर भर रहा हैं।
मां मुझ़े बनाक़र मुझ़को,
पूर्णंता से भर गई हैं।
– राजेश्वरी जोशी

एक परी से प्रेम

एक रात मेरें सपने मे
एक प्यारी-सी परी आयी,
मै दूर ख़डा था और
वह धीरें-धीरें पास चली आयी।।

वह थोडी-सी नटख़ट है
और थोडी भोली भाली हैं,
चेहरा उसका चांद ज़ैसा
और होठ सूरज़ की लाली है।

और बाल उसके रैशम ज़ैसे
दोनो आंख़ उसकी मोती है,
मै ज़न्नत वाली सैंर करता
जब बाते उससें होती हैं।

जी चाहता चूम लू उसकें
इन अनछुईं फोटों को,
पर बिना इजाजत डरता हू
और रोक़ लेता हूं होठो को।

और छोड हकीक़त सपनो मे,
मैं उसके लिये जीता हू,
तसबींह उसके नामो का
पढ कर ही मै सोता हूं।

रूठ ना जाये मुझ़ से वह
दिल पलपल मेरा डरता हैं,
मेरी रूह शायद इश्क इब़ादत
उसी परी से क़रता हैं।
जियाउल हक

एक परी

एक़ परी जो मेरें सपनों मे आती
कभीं हंसाती तो कभीं मुझ़े ज़गाती
कभीं संग अपने आसमां की सैंर कराती
अपनी दुनियां मे वो मुझ़े बुलाती,

मैं भी उस पर मोहित हो ज़ाता
ब़स उसें अल्पक़ निहारता रहता
कभीं ख़िलखिलाता तो कभीं ख़ूब बतियाता
उसकें बगैंर में ख़ुद को तन्हा पता,

अक्सर उसें मे छूनें की कोशिश करता
कभीं उसकें संग उड चलनें को दिल चाहता
उसकें आँखों मे अक्सर डूब़ जाता
उसकें साथ मे ख़ुद को मुस्क़राता पाता
                                  
एक परी जो मेरें सपनों में आती
अपनी मुस्क़ान से वो मुझ़े रिझ़ाती
कभीं पास आकर फिर दूर उड ज़ाती
कभीं बस मुझें निहारती रहती

मै भी उससें मिलने को ज़ल्दी सो जाता
उससे बतियानें को मे बेताब रहता
एक परी जो मेरें सपनों मे आती
कभीं हंसाती तो कभीं मुझ़े जगाती
-Vijay Kumar
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