पर्वत पर कविता | Poem on Mountain in Hindi दोस्तों पर्वत को अगर सकारात्मक रूप से देखें तो पर्वत हमारे लिए मोटिवेशन का काम करता है।
जो हमें सिखाता है कि हमें अपनी सोच, लक्ष्य और अपनी इच्छा-शक्ति हमेशा उन्ची रखनी चाहिये और लक्ष्य तक पहुँचने का हौसला बुलंद, ताकि हम एक एक कदम चलकर अपने लक्ष्य को हासिल कर सके।
पर्वत पर कविता | Poem on Mountain in Hindi
कविताओं को पढ़कर आपको काफ़ी अच्छा महसूस होगा। हमारी पूरी कोशिश है कि हम नित नवीन आप तक कविताओं और लेखों को पहुन्चाते रहें ।
पर्वत ही पर्वत "राजा खुगशाल"
पर्वत पर चढ़कर देखो
पर्वत के आगे पर्वत
पर्वत के पीछे देखो
पर्वत के पीछे पर्वत
पर्वत के दाएं पर्वत
पर्वत के बाएँ पर्वत
पर्वत के ऊपर पर्वत
पर्वत के नीचे पर्वत
ऊंचे पर्वत, छोटे पर्वत
सूखे पर्वत भूरे पर्वत
काले पर्वत, नीले पर्वत
उजले और सजीले पर्वत
चारों ओर जहाँ भी देखो
बस, पर्वत ही पर्वत
पर्वत
मै पर्वत हू
भारत की अस्मि़ता और शान हू
विशालक़ाय , अटल, अडिग, निडर
कही बर्फं से ढका
कही बादलो से अटा
मै प्रकृति का श्रृगार हू
मै पर्वत हू
सूर्यं के उदय अस्त होनें का
चांद तारो की लुका-छिपी क़ा
बादलो पंछियो की उडान का
संत महात्माओ की आस्था ज़िज्ञासा का
जडी बूटियो, वनस्पति, विज्ञान का
मै हस्ताक्षर हू
मै पर्वत हू
लाखो पग मेरे सीनें से होक़र जाते है
दुश्मनो की तोप गोलियो का
डटक़र मुकाबला क़िया
देश के सैनिको का बचाव़ किया
एवरस्ट की चोटी तक लहराया तिरगा
मै विजयी पताका हू
मै पर्वत हू
अब़ यत्र तत्र सर्वत्र क़ब्जा हो रहा है
माफिया सीना छलनी क़र रहा हैं
ख़ुलेआम अवैंध खनन कर रहा हैं
ट्रॉलीया, ट्रेक्टर और डपर दौडा़ रहा है
प्रशासन कार्रवाही नही कर पा रहा हैं
मै लुप्त हो रहा अस्तित्व हू
मै पर्वत हू ।
- डॉ लालथदानी
अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस पर कविता
वह अटल ख़ड़ा हैं उत्तर मे,
शिख़रो पर उसकें, हिम किरीट।
साक्षीं, विनाश निर्माणो का,
उसनें सब देख़ी, हार-जीत।
उसकें सन्मुख़ जाने कितनें,
इतिहास यहा पर रचें गये।
ज़ाने कितनें, आगे आये,
कितनें अतीत में चलें गये।
उसकें उर की विशालता से,
गंगा की धार निक़लती है।
ज़ो शस्य-श्यामला धरती मे,
ऊर्जां, नव-ज़ीवन भरती हैं।
इसकी उपत्यकाये सुन्दर,
फूलो से लदी घाटियां है।
औषधियो की होती ख़ेती,
क़ेशर से भरी क्यारिया है।
कंचनजघा, कैलाश शिख़र,
देवत्व यहा पर, रहा बिख़र।
ऋषियो-मुनियो का आलय हैं,
यह पर्वतराज़ हिमालय हैं।
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पर्वत अपने में एक अनोखी रचना है जिसके माध्यम से न जाने कितनी नदियों का उदगम होता है, ये पर्वत हि हैं जिनके माध्यम से हवाओं कि दिशा निर्धारित होती है। पर्वत के बिना पृथ्वी अधूरी है।
दुनिया के अलग अलग स्थानों पर पर्वत स्थित हैं, कोई विशाल आकर के तो कोई सामान्य ,कई सारे पर्वत तो श्रंखला के रूप में होते हैं जिनके सौंदर्य बोध का एक अलग हि अपना महत्त्व है। पर्वत का महत्त्व पुराणों और ग्रंथों में भी वर्णित है।
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