Short Poem In Hindi Kavita

शेर पर कविता | Poem on Lion in Hindi

जंगल के राजा शेर को हम सभी ने अपनी किताबों से देखने की शुरुआत की थी. शेर पर कविता | Poem on Lion in Hindi में हम शेर पर लिखी गई विभिन्न कविताओं को पढ़ेगे.


उम्मीद करते है ये लेख आपको पसंद आएगा. शेर एक खूंखार जंगली शिकारी जानवर है ही साथ ही शक्ति और शौर्य का प्रतीक भी माना जाता हैं.

शेर पर कविता | Poem on Lion in Hindi

शेर पर कविता | Poem on Lion in Hindi


 शेर "सरोजनी प्रीतम"

जंगल का राजा है शेर
यहाँ वहां यह भागे
किस दिन छुट्टी होती इसकी
अम्मा मुझे बता दें
इसकी छुट्टी कैसी?
करता बड़े बड़ों की छुट्टी
इसीलिए तो सबने
कर ली, कर ली कुट्टी

राजा

डिस्कवरी पर हमने देखा
एक तमाशा ऐसा
जंगल के राजा के पीछे
लगा जंगली भैंसा
पहले तो था खूब सताया
शेर ने उस भैंसे को
लेकिन उसके अत्याचारों
को सहता कैसे वो

भैंसे ने जो जोश में आकर
राजा को फिर पटका
अकड़ शेर में थी राजा की
पल में उसको झटका
शेरो को भी कभी कभी तो
सवा शेर मिल जाते हैं
अगर हौसला हो जाए तो
तख्त ताज हिल जाते हैं

नकली शेर "सोहनलाल द्वेदी"

सुनो गधे की एक कहानी
उसने की कैसी शैतानी
जब होती थी रात घनेरी
तब करता था नित फेरी

चुपके चुपके बाहर जाता
खेतों से गेहूं खा आता
गेहूं खा खा मस्ती छाई
तब क्या उसके में आई

अब आगे की सुनो कहानी
देखो औघाओ मत रानी

खाल बाघ की उसने पाई
उसने सूरत अजब बनाई
पहनी उसने खाल बदन में
चला खेत चरने फिर बन में

खाल पहन ली ऐसे वैसे
गदहा बाघ बना हो जैसे
फिर खुश होकर सीना ताने
दिन में चला खेत को खाने

डरे किसान देखकर सारे
भागे झटपट बिना बिचारे
तब कुछ गदहे बोले ही ज्यों
यह भी बोला चीपों चीपों

खुली बाघ की कलई सारी
तब तो शामत छाई भारी
डंडे लगे धड़ाधड पड़ने
लगे गधे के पैर उखड़ने

भगा वहां से यह बेचारा
सभी तरफ से हिम्मत हारा
गिरते पड़ते घर को धाया
मरते मरते प्राण बचाया

शेर पर कविता

जंगल का राज़ा हैं शेर
ब़हुत हिम्मत वाला होता यें
तेज नुकीलें दांत है ज़िसके
जो भी आये आगें इसकें
करदें पल मे उसको ढ़ेर
सबक़ो बहुत डरानें वाला
बडी-बडी मूछे मटकानें वाला
दहाड ज़ब भी लगाता हैं
सारा जगल डर जाता हैं
जंगल मे ये राज़ है करता
दबे पाव शिकार ये करता
जंगल का राजा क़हलाता
पर चिडियाघर मे भी पाया जाता

बाल कविता : कहा शेर ने.

मैनें कहा शेर से भैंया,
मेरें घर पर आओं।
अतिथि बनों मेरें प्रिय भैंया,
मुझें धन्य कर जाओं।
 
कहा शेर ने इन बातो मे,
समय मत करों ज़ाया।
जंगल का पशु मानव के संग,
क़हां कभीं रह पाया।

आम आदमी सिग़रेट पीता,
तम्बाक़ू ख़ाता हैं।
जंगल के हम ज़ीवो को यह,
भला कहा भाता हैं।

न हम कभीं चरस पीतें है,
न अफ़ीम ही ख़ाते।
इंसानो के योग्य कही हम,
अपनें को न पातें।

यह भी पढ़े

उम्मीद करते है फ्रेड्स आपको शेर पर कविता | Poem on Lion in Hindi का यह आर्टिकल पसंद आया होगा. अगर आपको यहाँ दी गई कविताएँ पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें