शेर "सरोजनी प्रीतम"
जंगल का राजा है शेर
यहाँ वहां यह भागे
किस दिन छुट्टी होती इसकी
अम्मा मुझे बता दें
इसकी छुट्टी कैसी?
करता बड़े बड़ों की छुट्टी
इसीलिए तो सबने
कर ली, कर ली कुट्टी
यहाँ वहां यह भागे
किस दिन छुट्टी होती इसकी
अम्मा मुझे बता दें
इसकी छुट्टी कैसी?
करता बड़े बड़ों की छुट्टी
इसीलिए तो सबने
कर ली, कर ली कुट्टी
राजा
डिस्कवरी पर हमने देखा
एक तमाशा ऐसा
जंगल के राजा के पीछे
लगा जंगली भैंसा
पहले तो था खूब सताया
शेर ने उस भैंसे को
लेकिन उसके अत्याचारों
को सहता कैसे वो
भैंसे ने जो जोश में आकर
राजा को फिर पटका
अकड़ शेर में थी राजा की
पल में उसको झटका
शेरो को भी कभी कभी तो
सवा शेर मिल जाते हैं
अगर हौसला हो जाए तो
तख्त ताज हिल जाते हैं
नकली शेर "सोहनलाल द्वेदी"
सुनो गधे की एक कहानी
उसने की कैसी शैतानी
जब होती थी रात घनेरी
तब करता था नित फेरी
चुपके चुपके बाहर जाता
खेतों से गेहूं खा आता
गेहूं खा खा मस्ती छाई
तब क्या उसके में आई
अब आगे की सुनो कहानी
देखो औघाओ मत रानी
खाल बाघ की उसने पाई
उसने सूरत अजब बनाई
पहनी उसने खाल बदन में
चला खेत चरने फिर बन में
खाल पहन ली ऐसे वैसे
गदहा बाघ बना हो जैसे
फिर खुश होकर सीना ताने
दिन में चला खेत को खाने
डरे किसान देखकर सारे
भागे झटपट बिना बिचारे
तब कुछ गदहे बोले ही ज्यों
यह भी बोला चीपों चीपों
खुली बाघ की कलई सारी
तब तो शामत छाई भारी
डंडे लगे धड़ाधड पड़ने
लगे गधे के पैर उखड़ने
भगा वहां से यह बेचारा
सभी तरफ से हिम्मत हारा
गिरते पड़ते घर को धाया
मरते मरते प्राण बचाया
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