Short Poem In Hindi Kavita

बकरी पर कविता | Poem on Goat in Hindi

 बकरी की सूझ

इक पुलिया थी बिलकुल संकरी
उसमें गुजर रही थी बकरी
सम्मुख वह दूजे को पाकर
काँप गई मन में घबराकर

अब बकरी ने युक्ति लगाई
मन ही मन में शक्ति जुटाई
बोली देखों मेरी बहना
आँख मूंदकर बैठी रहना
निकल गई उसके ऊपर से
कहीं न उसमें हुआ विवाद
अब तू ही बतला दे नानी
है ना, मुझे कहानी याद

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