Short Poem In Hindi Kavita

त्योहार पर कविता | Poem on festival in Hindi

 ख़ुशी लुटाते है त्यौहार "दिविक रमेश"

उपहारों की खुशबू लेकर 
जब तब आ जाते त्यौहार
त्योहारों का आना जैसे
टपटप टपटप माँ का प्यार

लेकिन सोचा तो यह जाना
सभी मनाते हैं त्योहार
सबको ही प्यारे लगते है
माँ की गोदी से त्यौहार

जब लहलहाती हैं फसलें तो
खेत मनाते हैं त्यौहार
जब लद जाते है फूल फलों से
पेड़ मनाते है त्यौहार

पानी से भर जाती हैं तब
नदियों का होता त्यौहार
ठंड में मीठी धूप खिले तो
सूरज का होता त्योहार

जिस दिन पेड़ नहीं कटते
जंगल का होता त्यौहार
और अगर मन अडिग रहे तो
पर्वत का होता त्यौहार

अगर दुर्घटना न हो कोई
सड़क मनाती तब त्यौहार
मार काट चोरी न हो तो
शहर मनाता त्यौहार

दिल खोलकर ख़ुशी लुटाते
कोई हो सब पर त्यौहार
खिलखिल हँसते खुशियाँ लाते
लेकिन लगते कम त्यौहार

अगर बीज इनके भी होते
खूब उगाते हम त्यौहार
खुश होकर तब उड़ते जैसे
पंछी उड़ते बाँध कतार

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