सर्कस
सर्कस भी क्या सर्कस है
अच्छे अच्छे बेबस हैं
जंगल के जो राजा थे
मानव के आगे वे शेर
सेवक बनकर घूम रहे
देखों यह किस्मत का फेर
बंदर बाजा बजा रहा
हाथी नाच दिखाता है
श्वान साइकिल तेजी से
घेरे में दौडाता है
मैना बग्घी में बैठी
तोता उसकों खींच रहा
घोडा दो पैरों पर चलता
कैसा अचरज हुआ यहाँ
लड़का रस्सी पर चलकर
खेल अनोखे दिखलाता
जोकर अपने करतब से
सबके मन को खुश करता
अजब अजूबा सर्कस हैं
सबका प्यारा सर्कस हैं
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