सबका प्यार दुलार
सबका प्यार दुलार
हमारा जन्मजात अधिकार
हमें अब मत धमकाना जी
नर्म मुलायम हाथों से
तितली को छूना
कोई कभी करे खुशियों पर
अब ना जादू टोना
मत देना औजार पेचकस
हमें कलम थमाना जी
धूल, धुंए धक्कड़ में रखकर
बचपन को मत छीनों
कलियों की कोमल देहों पर
रहम करों संगीनों
बाल श्रम है पाप
इसे, अब मत दोहराना जी
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