Short Poem In Hindi Kavita

ऊँट पर कविता | Poem on Camel in Hindi

 ऊँट रे

ऊँट रे, ओ ऊंट रे
बोल न बिलकुल झूठ रे

सात बाल्टी पीकर पानी
कहाँ निकलने की है ठानी?
खाकर कांटे ठूठ रे
ऊंट रे ओ ऊंट रे

गरम रेत पर चलते चलते 
तेरे पाँव  न कैसे जलते
जरा पहन ले बूट रे
ऊँट रे ओ ऊँट रे

बल बल बल बल करता क्यों हैं?
बल है तो फिर डरता क्यों है?
बनकर बिजली टूट रे?
ऊंट रे ओ ऊंट रे?

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