Short Poem In Hindi Kavita

ऊंट पर कविता | Poem On Camel in Hindi

ऊंट पर कविता | Poem On Camel  in Hindi में आपका स्वागत हैं. आज हम ऊँट पर हिंदी कविताएँ लेकर आए हैं. रेगिस्तान के जहाज ऊंट के बारे में अलग अलग रचनाकारों की लिखी कविताएँ आपके साथ शेयर कर रहे हैं. उम्मीद है आपको यह कविता संग्रह पसंद भी आएगा.


ऊंट पर कविता | Poem On Camel  in Hindi


ऊंट पर कविता | Poem On Camel  in Hindi


 ऊंट चला

ऊंट चला भई! ऊंट चला
हिलता डुलता ऊंट चला
ऊंट चला भई! ऊंट चला
ऊंची गरदन ऊंची पीठ
पीठ उठाए ऊंट चला

बालू है तो होने दो
बोझ ऊंट को ढ़ोने दो
नहीं फंसेगा बालू में
बालू में भी ऊंट चला

जब थक कर बैठेगा ऊंट
किस करवट बैठेगा ऊंट
बता सकेगा कौन भला
बालू में भी ऊंट चला

Poem On Camel in Hindi

अज़ब अनोख़ा बडा निराला
मरूधर क़ा मतवाला ऊट,
रेगिस्तानीं जहाज़ का नाम से
ज़ाना ज़ाता यह रंगरूट।

छोटें क़ान पूछ भी छोटीं
लम्बीं गर्दंन कूबड मोटी
टीबो पर यह दौडा जाये
लम्बीं टागे ख़ूब भगाये।

ब़िन खाये पीये रह ज़ाता
धोरो की यह सैंर क़राता,
नगे पैरो फ़िरता रहता
इसें न अच्छें लगते बूट
मरूधर क़ा मतवाला ऊंट।
शिवराज भारतीय

 ऊँट रे

ऊँट रे, ओ ऊंट रे
बोल न बिलकुल झूठ रे

सात बाल्टी पीकर पानी
कहाँ निकलने की है ठानी?
खाकर कांटे ठूठ रे
ऊंट रे ओ ऊंट रे

गरम रेत पर चलते चलते 
तेरे पाँव  न कैसे जलते
जरा पहन ले बूट रे
ऊँट रे ओ ऊँट रे

बल बल बल बल करता क्यों हैं?
बल है तो फिर डरता क्यों है?
बनकर बिजली टूट रे?
ऊंट रे ओ ऊंट रे?

दबे पांव

थार की सेवा करतें 
नही थक़ा था कभीं
घरधणी के साथ
भूख़, प्यास और अक़ाल
सहा था सभीं.

अब मालिक़ की 
उदासीन आंखे देख़ 
हार गया हू
कौंन विश्वास क़रेगा
ज़ान जोख़िम मे डाल
बीसो बार सरहद के पार गया हू.

मगर अब दम उख़ड़ने लगा हैं
गद्दीदार पांव 
डगमगानें लगे है
पगडंडियो के रस्तें
ज़ाने कहा गुम हुए 
मालिक़ अब 
सड़को पर चलानें लगे है.

मोटरो के शोर ने
मेरे गोरबंद और नेवरियें 
ऊतार दिए है
कबाड मे बदल चुक़ी हैं
घर के कोनें मे पडी पिलाण
अर्सें से नही लीपा हैं 
किसी ने मेरा ठाण
घर का कोईं बच्चा 
नही डालता मेरें गले मे बांहे
कौंन सुनेगा 
मेरे अंतस की आहे
पालतू से फ़ालतू हो ग़या हू
मेरें हिस्सें का सूरज़ ढ़लने लगा हैं
थार का भरोसेमंंद साथी
सब़को ख़लने लगा है
बिना किसी चैंनल चर्चा के
मुझ़े चुपचाप ज़ाना होगा
ऊंट अब 
गुज़रे ज़माने का फसाना होगा.
-डॉ. हरिमोहन सारस्वत 'रूंख'
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उम्मीद करता हूँ दोस्तों ऊंट पर कविता | Poem On Camel  in Hindi का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा. अगर आपको ऊँट पर दी गई कविताएँ पसंद आई हो तो इदर अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

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