Short Poem In Hindi Kavita

बैलगाड़ी पर कविता | Poem on Bullock cart in Hindi

 बैलगाड़ी

चर्र चूं चर्र चूं
गीत सुनाए बैलगाड़ी
ढेरों बोझा
और सवारी
पीठ पे लादे बैलगाड़ी
चर्र चूं

कच्ची हों
या पक्की सड़कें
झूम के जाए बैलगाड़ी
गाँव शहर
कस्बे के रस्ते
नाप रही है बैलगाड़ी
चर्र चूं

सूखे जब
पहियों का तेल
गा के मांगे बैलगाड़ी
थक जाते
जब इससे बैल
रूक जाती है बैलगाड़ी

चर चू चर्र चू
चर्र चूं चर्र चूं
गीत सुनाए बैलगाड़ी

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