भारत माता पर कविता | Poem On Bharat Mata In Hindi जननी जन्म भूमि यानी कि हमारी धरती ,भूजा जिसे हम प्यार से भारत माता पुकारते हैं।
इस पर कविता लिखने का आज हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस कविता में एक छोटे से बच्चे को माँ के द्वारा भारत माता के प्रति प्रेम, सम्मान और महत्त्व बतलाने कि एक चर्चा का जिक्र ,इस कविता में किया गया है।
भारत माता पर कविता | Poem On Bharat Mata In Hindi
यह कविता आप सबके दिल को छू जाएगी।कितना खास और प्यारा क्षण है, ये कविता पढ़कर आपको महसूस होगा, यकिनन यह काफी लाज़वाब है।
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भारत माँ कि सेवा कौन नहीं करना चाहता, इसी कड़ी में हम भी अपनी लेखन शैली के माध्यम से उन सभी भारत् के बच्चों को ऐसी कविताएं पढ़ाकर उनके मन में देश प्रेम कि भावना जगाना चाहता हूँ।
ताकि वे बड़े होकर देश के लिए कुछ ऐसा काम कर जाएं कि दुनिया उन्हें देखती रहे। आइए दोस्तों अब अपनी इस प्यारी सी मनोहर कविता को पढ़ते हैं।
भारत माँ की शान
मम्मी मम्मी मुन्ना बोला
बच्चे गर ना होते
बोझ बड़े बस्ते का इतना
क्या दादा जी ढोते
मम्मी बोली मुन्ने राजा
तुम ऐसा ना कहना
जीवन सफल बनाने का तो
है यह अमूल्य गहना
बस्ते को तुम बोझ न समझो
यह तो भाग्य तुम्हारा
पाटी पुस्तक पेन बिना तो
सूना जीवन सारा
रही बात बच्चों की तो
तुम से है संसार
स्वर्ग सरीखी धरती का
अपना है साकार
बिन बच्चों के कैसी दुनिया
घर आंगन वीरान
बच्चों से ही बनती है
भारत माँ की शान
भारत माता की जय
संस्कार जहा का दुनियां मे ,ऊजियाला फैंलाता हैं .
इस दुनियां मे सबसे सुदर , मेरी भारत माता हैं.
कोई अतिथि आये तो, हमे मेहमानवाज़ी आता हैं.
इस दुनियां मे सबसे सुदर ,मेरी भारत माता हैं.
देश की रक्षा के लिये, जहा वीर हजारो ज़न्म लिये.
निर्भीक़ होकर युध्दो मे, प्राणो का भी बलिदान किये.
उन वीरों की वीरता पर, अभिमान मुझ़ें तो आता है.
इस दुनियां मे सबसे सुदर ,मेरी भारत माता हैं .
संत कब़ीर हुए यहा, मानवता का दिया सदेश.
स्वामी विवेकानन्द जी के, भाषण पर मुग्ध हुआ विदेश.
हर बेटा भारतमाता का, दुनियां को प्रेम सिख़ाता हैं.
इस दुनियां मे सबसे सुन्दर ,मेरी भारतमाता हैं.
दुनियां को योग सिखाया,जिससें दुनियां रहे निरोग.
भारत के ज्ञान विज्ञान से, प्रभावित है दुनियां के लोग.
यहां पेड से लेकर घास भी, रोगो को दूर भगाता हैं .
इस दुनियां मे सबसें सुन्दर, मेरी भारतमाता हैं
भारत माता तुम्हें नमन
हे भारत माता तुम्हे नमन
हम गुणगान तुम्हारा गातें है
तुम हो वात्सल्य की देवी मां
हम नित्-नित् शीश झ़ुकाते है।।
सर पर हैं हिमालय का ताज़ तुम्हारें
चरणो मे हिन्द महासागर है
यहां बहती गंगा की धारा निर्मंल
हम गींत तुम्हारा गातें है।।
इस दुनियां मे सबसें सुन्दर
भारत माँ तेरीं शान हैं
हजारो वीरो की यह पावन भूमि
माँ तुझ़े पर हमे अभिमान हैं।।
ज़ब तक हैं धरती पर ज़ीवन
भारत माता तेरी शान रहें
सौदर्य, प्रेम की देवी भारत माता
तेरी गौंरव गाथा अमर रहें।।
-मृदुला वर्मा
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अंततः आपसे इतना कहना है कि आप सब यह कविता मात्र को पढ़कर भूले नहीं वरन् अपने बच्चों और परिवार को भारत माता ,अपने देश इत्यादि के बारे में बतलाएं,ताकि उनके मन में भी बचपन से हि देश के प्रति प्रेम कि भावना जाग्रत हो सके। जिससे वे बड़े होकर एक् अच्छा और काबिल इंसान बन सकें ।
इस कविता एक माँ के द्वारा प्यार से समझाई गई बात है जिससे ये कविता और भी लाजवाब और बेहतरीन लग रही है।
इस् कविता में कितने प्यार से भारत माता कि शान में एक बच्चे को स्कूल तथा अन्य बातों के बारे में बताया जा रहा है ।
आशा है कि ये कविता आप सबको जरूर पसन्द आएगी , आप यूं हि कविताओं का आनंद लेते रहें हम आपके लिए ऐसे हि ढेर सारी कविताएं और लेख लाते रहेंगे ।
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