गुब्बारे पर कविता | Poem on Balloon in Hindi में आपका स्वागत हैं. आज के आर्टिकल में हम गुब्बारे पर लिखी हुई कुछ बेहतरीन हिंदी कविताएँ शेयर कर रहे हैं. उम्मीद करते है आपको यह कविता संग्रह पसंद आएगा.
गुब्बारे पर कविता | Poem on Balloon in Hindi
गुब्बारा
एक गुब्बारा गोल मटोल सा
ऊपर उड़ता जाता था
मांगे था एक छोटा बच्चा
रो रो कहता जाता था
मुझे चाहिए वही गुब्बारा
गोल मटोल सा वही गुब्बारा
ऊपर उड़ता वही गुब्बारा
रंग बिरंगा वही गुब्बारा
पापा मम्मी साथ खड़े थे
तभी दिखा एक साइकिल वाला
लिए खड़ा था हाथ में अपने
ढेर बड़ा गुब्बारे वाला
हाथ में उसके प्यारे प्यारे
खूब रंगों के थे गुब्बारे
नीले पीले लाल गुलाबी
और कई बिंदियों वाले
पर बालक को लगी जिद्द थी
उसे चाहिए वही गुब्बारा
गोल मटोल सा वही गुब्बारा
ऊपर उड़ता वही गुब्बारा
रंग बिरंगा वही गुब्बारा
प्यारा उसका वही गुब्बारा
Poem on Balloon in Hindi
गुब्बारो का लेकर ढ़ेर,
देख़ो आया हैं शमशेर।
हरें, बैगनी, लाल, सफेद,
रंगों के है कितनें भेद।
कोई लम्बा, कोईं गोल
लाओं पैसा, ले लों मोल।
मुट्ठीं मे हैं इनकी डोर,
इन्हे घुमाओं चारो ओर।
हाथो से दों इन्हे ऊछाल,
लेक़िन छूना ख़ूब सम्भाल।
पडा किसी के उपर ज़ोर,
एक़ जोर का होगा शौर।
गुब्ब़ारा फ़ट जायेगा,
ख़ेल खत्म हो जायेगा।
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