Short Poem In Hindi Kavita

बाल दिवस पर कविता | Poem on Bal Diwas in Hindi

 बाल दिवस "भैरूंलाल गर्ग"

काश, सुहाने सपने लेकर
ऐसा बालदिवस आ जाए

खेल खिलौनों की बच्चों से
रहे न जिस दिन कोई दूरी
छुटपन में बच्चों को करनी
पड़े न मुश्किल में मजदूरी
हर बच्चा बस्ता ले करके
हंसी ख़ुशी विद्यालय जाए

मम्मी पापा अपनी इच्छाओं
को हम पर कभी न थोंपे
अंधी भाग दौड़ से बचकर 
सुख के ही सब सपने रोपें
हो दिन ऐसा एक चाँद जब
आ धरती पर गाना गाए

छोटी उम्र उठाए फिरती
बस्ता पांच किलो का भारी
पैदल या बस में भी होती
बस्ता ढ़ोने की लाचारी
हे प्रभु बस्ते का बोझा
काश, किसी दिन कम हो जाए!

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