Short Poem In Hindi Kavita

बिल्ली पर कविता | Cat Poem in Hindi

 
बिल्ली का बच्चा

रोती रोती मुन्नी आई
टीचर ने की कान खिंचाई
मम्मी ने लडिया के पूछा
किस कारण से हुई पिटाई

क्या तुमने की नहीं पढ़ाई
या फिर पोएम नहीं सुनाई
शायद सब बच्चों ने मिलकर
आपस में की हाथपाई

मुन्नी ने रोकी सुबकाई
फिर धीरे से बात बताई
रधिया अपने झोले में रख
इक बिल्ली का बच्चा लाई

मैडम जी कक्षा में आई
उन्हें देख बिल्ली घबराई
शायद उसको भूख लगी थी
म्याऊं म्याऊ वो चिल्लाई

फिर बिल्ली ने उधम मचाई
सबको नानी याद दिलाई
आगे बिल्ली पीछे टीचर
फिर भी उसको पकड़ न पाई

प्रिंसिपल गुस्से में आई
हमसे ऊठ बैठ करवाई
सुन मुन्नी की बिल्ली गाथा
मम्मी धीरे से मुस्काई

बिल्ली की बीमार

छत से फिसली बिल्ली रानी
हड्डी टूटी चार
पहुँच गई चूहे की क्लिनिक
होकर के लाचार

रेफर किया चूहे ने बोला
मौसी आई एम सॉरी
मेरी क्लिनिक है दांतों की
दूजी यह बिमारी

कुत्ते जी आर्थों के डोक्टर
पास उन्ही के जाओ
निल ओरल रखवा कर इनको
एम्बुलेंस बुलाओ

बिल्ली का रसगुल्ला

चुनमुन बोला प्यारी बुआ
बिल्ली से डरता क्यों चूहा?
जब आती छुप जाता है
फिर बाहर न आता है
ये सुन बुआ मुस्काई
अंदर से रसगुल्ला लाई
बोली जब इसको खाओगे
तुम उत्तर पा जाओगे
चुनमुन ने रसगुल्ला खाया
फिर बुआ ने उसे बताया
मीठी मीठी प्यारी मिठाई
जैसे तुम को भाती है
चूहे को समझ रसगुल्ला
बिल्ली चट कर जाती है

बिल्ली का चश्मा

बिल्ली के हाथ लगा
नाना जी का चश्मा
सोचा इसको डालूंगी
लगेगा सुंदर मुखड़ा

लगा के चश्मा कानों पर
मंद मंद मुस्काए
ठुमक ठुमक चले मतवाली
वो पगली इठलाए

छोटी छोटी चीजें भी
दिखने लगी बड़ी
चले बड़ी इतरा इतरा
ले हाथों में छड़ी

तभी सामने आया चूहा
बिलकुल दुबला पतला
चश्में के कारण बिल्ली को
लगा वो मोटा तगड़ा

डर के मारे भागी बिल्ली
छोड़ छाड़ के चश्मा
चूहा भी हैरान रह गया
देखकर अद्भुत किस्सा

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