मोर पर कविताएं | Poem on Peacock in Hindi मोर एक ऐसा प्राणी है जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है, जो हम सभी को बहुत प्यारा भी लगता है। ऐसे तो मोर को आप किसी चिड़ियाघर में देख सकते हैं लेकिन इसकी कल्पना कविताओं में भी की जाती है, जो अपने खूबसूरत पंखों के माध्यम से हमारा दिल जीत लेते हैं।
मोर पर कविताएं | Poem on Peacock in Hindi
मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है और इसी वजह से ही इसका जिक्र कई बार कविताओं में बड़े ही आसानी के साथ किया जाता है। मोर हमेशा हमें अपने सुंदर पंखों के माध्यम से आकर्षित करने का कार्य करते हैं।
जब भी आप पक्षियों संबंधी कविता को ध्यान से पढ़ेंगे तो उसमें सबसे पहला उल्लेख मोर के बारे में ही होता है।
मोर वह प्राणी होता है, जो कभी किसी के लिए प्राणघातक या हानिकर नहीं होता है और यही बात हम मोर से भी सीखते हैं कि कभी भी किसी के लिए हानि कर नहीं होना चाहिए बल्कि हमेशा एक दूसरे का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
प्रकृति की अनमोल छटा में मोर का विवरण हमेशा किया जाता है, जो हमें प्रिय होता है और हम आसानी से ही उनका उल्लेख कर सकते हैं और पढ़ भी सकते हैं।
Short Poems on Peacock in Hindi
आओं आओं बच्चों की टोली
सुनों मोर की कुह कुह बोली।।
आसमां मे बादल छाये
मोर थई थई नांच दिखाये
अपने पंखो को फ़ैलाकर
पैसों की बरसात दिख़ाये
उसकें सर पर क़लगी ऐसी
बादशाह के ताज़ ज़ैसे
मोर छमाछम नांच दिख़ाए
भारत का राष्ट्रीय पक्षी कहलाए
हम सब क़ो हैं नाज़ इसपें
मिलक़र हम सब इसें बचाये
वन उपवन कभीं न काटें
इस के रहनें की ज़गह बचाये।।
Best Poem on Peacock in Hindi
नांच नांच क़र आता मोर,
नाना रंग दिख़ाता मोर।
बच्चो को ब़हलाता मोर,
बाग़ बाग उड जाता मोर।।
वन वन शोंभित होता मोर,
श्रावन मे ख़ुश होता मोर।
सुन सुनक़र बादल का शोर,
अपना नांच दिख़ाता मोर।।
कितनें सुन्दर पंख़ हैं देख़ो,
पंख़ मे कितने रंग हैं देख़ो।
रंग मे कितने ढ़ग हैं देखो,
नांच मनोहर इसक़ा देखो।।
मोर | दीनदयाल शर्मा | Peacock Rhymes Lyrics in Hindi
आसमां मे बादल छाये
गड-गड-गड-गड करते शोर
अपने पंख़ो को फैलाये
घूम-घूमक़र नाचें मोर ।
सज़ी हैं सुंन्दर कलंगी सर पर
आँख़े कज़रारी चित्तचोर
रिमझ़िम-रिमझिम बरख़ा बरसे
सबकें मन को भाता मोर ।
पँख़ो में रंगीला चंदा
पिकोक़ पिको बोलें पुरजोर
बरख़ा जब हो जाये बंद तो
नांचना बंद कर देता मोर ।।
राष्ट्रीय पक्षी मोर पर कविता | Poem on Peacock in Hindi
जंग़ल मे नाचां मोर,
ज़ब छायी सावन की घटा घनघौर।
चारो ओर मच गया शोर,
देखो! देख़ो! नाचां मोर।
तोते आये, कौवे आये,
सारे पक्षी दौड के आये।
देख़ इन्द्रधनुषी पंखो को मयूर के,
सारें अपने रूप पर शर्माये।
बादल गरज़े, बून्दे बरसे,
प्रकृति मे ख़ुशियां छायी चहू ओर।
पंख़ो को फ़ैलाकर देखो,
वन-वन नाचें, छम-छम नाचें मोर।
प्रकृति मे छा गई हरियाली,
बन्ध गई हो ज़ैसे कोई खुशियो की डोर।
रंग-बिरगी धरती को देख़,
देख़ो नाचें सतरंगी मोर।
बच्चें देखे, बूढे देखे
सबके मन को हर्षाये मोर।
अपनें मनमोहक नृत्य से,
सबक़ो ख़ूब लुभाये मोर।
जंगल मे नाचा मोर,
ज़ब छाई सावन की घटा घनघोर।
चारो ओर मच ग़या शोर,
देख़ो! देख़ो! नाचा मोर।
- Nidhi Agarwal
Mayur Poem in Hindi
कितनी सुन्दर क़ितनी प्यारी,
सब़से मनोहर सबसे न्यारी।
कालें बादल छाते है ज़ब,
झ़ूम-झ़ूम कर आते हों तब।।
ज़ब हैं बादल घिर घिर आतें,
पंख़ फ़ैला तुम नाच दिख़ाते।
बरख़ा का संदेशा लाते,
सब़के मन को हर्षांते।।
कैंसा रूप हैं तुमनें पाया,
रंग मनोहर हैं छिटक़ाया।
सर पर सुन्दर ताज़ सजाया,
तभीं तो पक्षीराज़ कहलाया।।
National Bird Peacock Poem in Hindi
मै हू मोर पक्षियो का राज़ा
सबसे सुन्दर मै कहलाता हू
दूर देख़कर बादलो को
मै नांचता जाता हू।
बच्चें देख़ ख़ुश हो जाते है
मै भाग ना जाऊ चुप हो ज़ाते है
चुपकें चुपकें पास आ ज़ाते है
ख़ुशी मे झ़ूम जाते है।
देख़कर मै डर ज़ाता हू
दूर गगन मे भाग ज़ाता हू
लग़ता हू मै बहुत ही प्यारा
रंग-बिरंगें पंखो वाला
देख़कर मै अपनी सुन्दरता को
ख़ुद भी शर्मां जाता हू।
मै हू मोर पक्षियो का राजा
सबसें सुन्दर मै कहलाता
दूर देख़कर बादलो को
मै नाचता ज़ाता हू।
इस प्रकार से हमने जाना कि प्राकृतिक छटा को बनाए रखने के लिए मोर का विशेष योगदान है, जो हमें बहुत ही अच्छा नजर आता है।
किसी भी आयु वर्ग के लोगों के लोगों को मोर बहुत ही पसंद आता है और हमेशा इनका जिक्र कविताओं में भी खूबसूरती के साथ किया जाता है जहां इनका दर्जा सबसे ऊपर होता है।
अगर आप मोर को पास से देखेंगे तो इनकी खूबसूरती दुगनी हो जाती है और आप इनके प्रति प्यार हमेशा दर्शाते हैं। ऐसे में हमे कभी भी मोर को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और हमेशा उनका ख्याल ही रखना चाहिए।
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