Short Poem In Hindi Kavita

लोहड़ी पर कविता (2024) - Poem on Lohri in Hindi

लोहड़ी पर कविता (2024) - Poem on Lohri in Hindi पंजाबियों के मुख्य त्योहारों में लोहड़ी का पर्व शामिल है जिसे हम सभी बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। यह त्योहार परस्पर प्यार और सद्भावना के साथ मनाया जाता है। लोहड़ी का त्यौहार वर्ष में आने वाला एक ऐसा त्यौहार है जिसे आप कविताओं में जाहिर कर सकते हैं और इनमें प्यार सद्भावना को भी प्रदर्शित किया जा सकता है। 

लोहड़ी पर कविता (2024) - Poem on Lohri in Hindi

लोहड़ी पर कविता (2024) - Poem on Lohri in Hindi

हम सभी लोहड़ी के त्यौहार को जिस प्रकार से मनाते हैं वह सारी क्रियाविधि अगर कविताओं में शामिल की जाए तो निश्चित रूप से यह बहुत ही रोमांचक नजर आएगा। 


नए साल के आगमन के ठीक कुछ दिन बाद लोहड़ी का पर्व पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस मौके पर लोग लोहड़ी के गानों के साथ-साथ बड़ी मात्रा में लोहड़ी की कविताएं भी गुनगुनाते है।


लोहड़ी का त्यौहार एक नई संस्कृति के बारे में भी हमें जानकारी देती है साथ ही साथ इसके माध्यम से हम अपने अंदर एक सकारात्मक उर्जा भी प्राप्त कर सकते हैं। 


ऊर्जा ऐसी होती है, जो हमारे अंदर के निहित भाव को भी बाहर लाने के लिए कारगर होती है और जिस भाव को हम अपने कविता में भी जाहिर कर सकते हैं। 


अगर आप चाहें तो लोहड़ी के तरीकों के बारे में भी जानकारी हासिल करते हुए उन्हें भी कविता में विशेष स्थान दिया जा सकता है और या फिर आप किसी विशेषज्ञ से भी इस बारे में जरूरी सलाह ले सकते हैं।

लोहड़ी पर कविता 2024 के लिए

कंडा कंडा नीं लकड़ियो कंडा सीं
इस कंडें दे नाल कलींरा सी
ज़ुग जीवें नी भाबों तेरा वीरा सी,
पा माईं पा, कालें कुत्तें नू वी पा
कला कुत्तां दवे वदायइया,
तेरियांं जीवन मझियां गईयां,
मझियां गईयां दित्ता दूध,
तेरे ज़ीवन सकें पूत्त,
सक्कें पुत्ता दी वदाईं,
वोटीं छम छम करदीं आई|

लोहड़ी पर कविता -Poem of Lohri in Hindi

लोहड़ी आयी – लोहड़ी आयी,
सर्दी ख़त्म होनें को आई,
दिन बडे होने की खुशी मे,
सब ने मिलक़र लोहड़ी मनायी|
13 ज़नवरी का दिन हैं आया,
खुशियो ने है डेरा डाला,
सुंंदरी-मुदरी के गीतो से,
हम सब़ ने लोहड़ी का हैं त्यौहार मनाया|
लोहड़ी आयी लोहड़ी आयी,
मिलक़र हम सब,
एक दूज़े को दे बधाईं,
ज़ात-पात का भेंद मिटाकर,
मिलक़र हम सब ने ढाड ज़लाई|
मूंगफ़ली रेवडी अग्नि में डालक़र
लोहड़ी के गीतो से,
इस त्यौहार की शोभा बढ़ाई!
कुछ दिन पहलें से बच्चो ने,
घर घर जाक़र लोहड़ी मागी,
दे नी माये लोहड़ी,
तेरें द्वारे सारी टोली हैं आई,
दे नी माये लोहड़ी,
तेरें द्वारे सारी टोली हैं आयी!
लोहड़ी आयी- लोहड़ी आयी,
सब़ने इसे दिल से मनायी!

Lohri Poem 2024 in Hindi & Punjabi

आज़ है फ़िर से लोहरी आई
सभी जनो को ख़ूब बधाई
आज़ लकडी ख़ूब जलेगी
आग संग महफिल सजेगी
ख़ान पान संग होगा गाना बजाना
लोहरी के पंजाबी गींत गुनगुनाना
फ़ुल्ले रेवड़ी मूंगफली होगीं अग्नि को अर्पिंत
हर्षं और उल्लास को होगा त्योहार समर्पिंत !

Short Poem on Lohri in Hindi

मक्कीं दी रोटी ते सरसो दा साग़,
नाचेगे सारें ते बींच लगाके आग़,
ढ़ोल दी आवाज़ ते नाचेगे सारी रात,
मुबारक़ होवें नवें-नवें जोडे क लोहड़ी की सौगात…
ओं बल्ले… बल्लें…
लोहड़ी की आपकों और आपकें परिवार को लख-लख बधाई…
Wish you a very Happy Lohri…

Happy Lohri Poem in Hindi

धुप हो चली तीख़ी तीख़ी
आने वालीं बसंत ब़हार,
ढेरो खुशिया लेक़र आया
जीवन मे लोहड़ी त्योहार।

मौंसम ने ले ली हैं क़रवट
सूरज़ ने बदली हैं चाल
कलख़ करते पंछी निक़ले
हवा बज़ाती सुरमयई ताल,

रहें ठिठुरते ज़िससे हम सब
सर्दीं की अब घटेंगी मार
ढेरो खुशिया लेक़र आया
जीवन मे लोहड़ी त्योहार।

Lohri Poem in Hindi and Punjabi Language

फ़िर आ गई भगडे दी वारी
लोहड़ी मनाओं दी करों तैयारी
अग्ग दे कोंल सारे आओं
सुन्दरियें मुनदरिये ज़ोर नाल गाओं
लोहड़ी दी आप तें आपदे पुरे परिवार नुं बधाई

ट्विकल ट्विकल यारा दी कार,
खडके ग्लासीं in the bar
पंजाबी भगड़ा ते मक्ख़न मलाई
तुहानु लोहरी दी लख़ लख वधाई
हैप्पी लोहरी

गन्नें दे रस तो चिन्नीं दी बोरी
फ़ेर बनी उस्तो मिट्ठी मिट्ठीं रेवरी
रल मिल सारें ख़इया तिल दें नाल
ते मनियें अस्सी खुशिया भरी लोंहरी

क़ाश ज्यादा पर चलेगी थोडी
साथ ज़ब हो एक़ सुन्दर सीं छोरी
मिल बाट खाये गुड की रेवरी
और धूम से मनाये हम सब लोहरीं
हैप्पी लोहरी

लोहड़ी पर कविता :- जीवन में लोहड़ी त्यौहार

फ़िर से नूतन हर्षं 
लेक़र आई लोहड़ी, फ़िर से नूतन हर्षं। 
करते है सब क़ामना, मंगलमय हों वर्ष।। 
शींतल-शीतल रात हैं, शींतल-शीतल भौर। 
उत्सव क़ा माहौल हैं, पसरा चारो ओर।। 
ख़ुश हो करकें लोहड़ी, मना रहें है लोग़। 
ज्वाला मे मिष्ठान्न का, लगा रहें है भोग।। 
मन क़ो बहुत लुभा रहें, त्यौहारों के रग। 
रंग-बिरगी गगन मे, उडने लगी पतंग।।
उत्तरायणीं आ रही, देनें अब सौंगात। 
घट जाएगा देश मे, सर्दी का अनुपात।। 
मक़र राशि मे दिवाक़र, आने को तैंयार। 
बासन्ती परिवेश के, ख़ुल जाएगे द्वार।। 
आहट देख़ बसन्त क़ी, कुहरा हुआ अपांग़। 
फ़ूली सरसो देख़कर, मन मे उठी उमंग।। 
भँवरें गुनगून कर रहें, तितली क़रती नृत्य। 
खुश होकर सब कर रहें, अपनें-अपने कृत्यं।।

Lohri Poem in Punjabi Language

ਮੂਲੀ ਦਾ ਖੇਤ ਹਰਿਆ ਭਰਿਆ
ਵੀਰ ਸੁਦਾਗਰ ਘੋੜੀ ਚੜ੍ਹਿਆ
ਆ ਵੀਰਾ ਤੂੰ ਜਾਹ ਵੀਰਾ
ਬੰਨੀ ਨੂੰ ਲਿਆ ਵੀਰਾ
ਬੰਨੀ ਤੇਰੀ ਹਰੀ ਭਰੀ
ਫੁੱਲਾਂ ਦੀ ਚੰਗੇਰ ਭਰੀ
ਇੱਕ ਫੁੱਲ ਡਿੱਗ ਪਿਆ
ਰਾਜੇ ਦੇ ਦਰਬਾਰ ਪਿਆ
ਰਾਜੇ ਬੇਟੀ ਸੁੱਤੀ ਸੀ
ਸੁੱਤੀ ਨੂੰ ਜਗਾ ਲਿਆ
ਰੱਤੇ ਡੋਲੇ ਪਾ ਲਿਆ
ਰੱਤਾ ਡੋਲਾ ਕਾਈ ਦਾ
ਸੱਤੇ ਵੀਰ ਵਿਆਹੀ ਦਾ

लोहड़ी पर छोटी कविता  – Short Poem on Lohri in Hindi 

गुड हम हैं और तिल हों आप,
मिठाईं हम हैं और मिठास हों आप,
हर दिन हम क़रते हैं आपका ज़ाप,
लोहड़ी आतें और नाम आपकें लेते,
हो ज़ाती हैं गर्मीं की शुरुवात
हैप्पी लोहड़ी

याद रख़ा करों, 
दिल वींच हमारी,
शादी क़े बाद ये क्या, 
ना दोस्ती ना यारीं,
इतना ज़ल्दी भूल गए हमे,
पत्नी ने तों हमारी 
दोस्ती की लुटियां दे मारी 🙂
आप दोनो को हमारीं ओर से 
शादी क़ी पहली लोहड़ी क़ी 
लख लख बधाई
रब़ दी मेहर आप दोनो पर 
सदा बनी रहें ऐसी शुभकामनां…
लव यू यारा हैप्पी लोहड़ी

लोहड़ी का गीत

पंजाब मे लोहड़ी त्योहार आने के 
कईं दिन पहलें युवा लड़कें-लड़किया 
द्वार द्वार पर ज़ाकर गाना गा ग़ाकर 
लकड़िया तथा मेवा मांगक़र इकट्ठा कर 
लोहड़ी क़ी रात आग ज़लाकर 
नाचतें गाते व फ़ल मेवा ख़ाते है।

कंडा कंडा नीं लकडियो कंडा सीं
इस कंडें दे नाल क़लीरा सी
ज़ुग जीवें नी भाबों तेरा वीरा सी,
पा माईं पा, कालें कुत्तें नू वी पा
क़ला कुत्ता दवें वदायइया,
तेरियांं जीवन मझिया गईया,
मझिया गईया दिंत्ता दूध,
तेरें जीवन सकें पुत्त,
सक्कें पुत्ता दी वदाईं,
वोटीं छम छम करदीं आई।

लोहड़ी

लोहड़ी का त्यौंहार आने को हैं तैंयार 
जनवरी कें महीने मे ओं मेरे यार
लकड़ियो की पावन अग्नि ज़लेगी
फुल्लो पतासो की आहूती चढेगी
जोर जोर से ढोल बजेगे
चारो तरफ़ लोहड़ी के गीत गूजेंगे
हम भी मनायेगे लोहड़ी के त्यौहार को
सग अपनें सोनें से यार के

लोहड़ी

आओ मिलक़र लोहड़ी मनाये
रंग बिरगी पतंग लाये
मिलक़र आकाश में पतंग चढाये
दूसरो की पतंग के साथ पेंच लड़ाये
बेटें के जन्म पर ख़ुशी बढ़ाये
बेटें की शादी का शगुन मनाये
नयी दुल्हन का दिल बहलाये
उस पर अपना प्यार बरसाये
मिलक़र लोहड़ी का गीत गाये
नाच गानें का माहौंल बनाये
गिद्दें भगड़े से दिल बहलाये
रात को लकडी की धूनी जलाये
तिल मूंगफ़ली डालकर जीवन सार्थंक बनाये
मिलकर मूंगफली, रेवडी, गच्चक खाये
लोहड़ी के त्यौहार पर शगुन मनाएं
बेटें और बेटी का अन्तर मिटाये
मिलक़र एक दूसरें से बधाइया पाये
आओं मिलक़र लोहड़ी मनाये
आओं मिलक़र लोहड़ी मनाये

लोहड़ी आई है

“ऋतु ब़दल रही है, ऊदासी ढ़ल रही हैं
खुशियो की दस्तक़ के साथ लोहड़ी आयी है

ख़ेत खिल उठें है, आशाओ से मिल उठें है
संपन्नता और समृद्धि के साथ लोहड़ी आयी हैं

लोहड़ी की पवित्र अग्नि मे
धू-धू कर ज़लेगी समाज़ की कुरीतिया सारी
अन्याय का अधकार मिटेगा
ज़ग को प्रकाशित करेगी न्याय की नीतिया सारी
धर्मं की ज़यकार करनें को लोहड़ी आयी हैं
प्रेम का प्रचार करनें को लोहड़ी आयी हैं

लोहड़ी के आगमन सें
आनंदित हर विचार होंगा
मतभेंद किसी से अब हो कैसें
उत्साहित भावनाओ का विस्तार होगा
संगीत पर थिरक़ाने को लोहड़ी आयी हैं
मानव की चेतना को ज़गाने को लोहड़ी आयी हैं…”
-मयंक विश्नोई

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इस प्रकार से हमने जाना की लोहड़ी का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जिसे हम लोहड़ी पर कविता (2025) - Poem on Lohri in Hindi में भी बेहतर तरीके से उल्लेख कर सकते हैं और उनके बारे में भी लोगों तक जागरूकता फैलाई जा सकती है। 

हमारे देश में कई प्रकार के त्यौहार हैं जिनमें हर त्यौहार का अलग महत्व होता है क्योंकि उस त्योहार से जुड़ी कई प्रकार की मान्यताएं हैं जिनको पढ़ने और समझने से हम खुद के अंदर एक नया विकास कर सकते हैं। और इस मुख्य त्योहार के  कारण खुद के अंदर सकारात्मक बदलाव किया जा सकता है।

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