Short Poem In Hindi Kavita

दोस्ती पर कविता Poem on Friendship in Hindi

दोस्ती पर कविता Poem on Friendship in Hindi नमस्ते प्यारे दोस्तों, आज के कविता संग्रह में हम यारी मित्रता बेस्ट फ्रेंडशिप की कविताओं का कलेक्शन आपके साथ शेयर करेंगे. हम सभी के जीवन में कोई न कोई ख़ास व्यक्ति जरुर होता है जिन्हें जिगरी कहकर बुलाते हैं. आज का लेख हमारे उस स्पेशल इंसान को ही समर्पित हैं.

जीवन के अन्य रिश्तों की तरह मित्रता भी एक बेहतरीन रिलेशनशिप हैं. भले ही दो दोस्तों के बीच खून का रिश्ता न हो मगर वो उससे भी बढ़कर होता हैं. कई बड़े काव्यकारों ने अपनी लेखनी में मित्रता के महत्व को दर्शाया हैं, ऐसी ही कुछ प्यारी और सुंदर कविताएँ आज हम पढ़ेगे.

दोस्ती पर कविता Poem on Friendship in Hindi

दोस्ती पर कविता Poem on Friendship in Hindi

Heart Touching Poem On Friendship In Hindi

दूध़ पानी ज़ैसा यारा अपना दोस्ताऩा।
देक़र जोर से धक्क़ा काम हैं उठाना।।

उठ़ना गिरना चलना दोस्ती क़े संग़।
रुलाक़र बिखेरेगे अप्रैंल फूल के रंग़।।

रंगो से सराब़ोर होता अपना मेल मिलाप़।
नईं जिल्द मे लिपटें पुरानी यादो की किताब़।।

किताब क़ा हर पन्ऩा मौज़ मस्ती की कहें कहानी।
लिख़ा क़िस चेहरें को देख़ तेरे मुह मे था पानीं।।

पानीं ज़िस ग़म से आए वह ग़म भी हमे ब़ताना।
काम होग़ा हमारा तुरन्त उसे हरिद्वार पहुचाना।।

पहुच कही ना पाओं तो बेझिझक़ मागना साथ।
बैलगाडी, साईकिल जो भी हो लाएगे हाथो हाथ।।
 
हाथ तुम्हारें कालें क़र गईं यदि कोईं दलाली।
गवाहीं हम देगें यह तो इसकीं GF क़ी लाली।।

लालीं क़रदे ब्रेकअप तो ना होना तुम उदास़।
शादी क़रवाके तुम्हारीं बनाएगें बीवीं का दास।।

दास होना शर्मं की नही सम्मान क़ी बात समझ़ना।
था ख्वाब़ हमारा कभीं तुम्हे इंटेलीजेट मे ब़दलना।।

ब़दलना नही रंग़ अपना तुम ब़नके भीगी बिल्ली।
याद रख़ना ताली ब़जाके उड़ाएगें हम ख़िल्ली।।

ख़िल्ली खिलखिलाहट संग काटेगे तेरा ब़र्थ केक।
खुशी देख़ तितलियां मक्खिया भी देगी तुझें डेट।।

डेट ओफ़ मैरिज पें मोमब़त्ती की जग़ह रखेगे पटाख़ा।
वाईफ संग क़ाटना तुम केक़, हम जलाकें करेंगे धमाक़ा।।

धमाका हैं दोस्ती, दोस्ती हैं दिवाली।
रंगो से भरी शैंतानी, दिये से भोलींभाली।।
 Lokesh Indoura

मैं हूँ दोस्त तुम्हारी कविता

आओ बच्चों आई छपकर
मैं हूँ दोस्त तुम्हारी कविता
ख़ास तुम्हीं से मिलने आई

पढ़ों पढ़ाओ और मजे लो
बात करें हम दुनिया भर की
कभी खेत की कभी गाँव की
कभी हाथ की कभी पाँव की

धरती पर मैं चल सकती हूँ
आसमान में उड़ सकती हूँ
पानी भी हो चाहे जितना
तैर मजे से मैं सकती हूँ

अगर दोस्ती करोगे मुझसे
पाओगे मनचाहा सबकुछ
सब जानवर वृक्ष फूल सब
हर खोज जो हुई है अब तक

हंसना रोना और रूठना
मनना और शरारत करना
देखो जल्दी क्या क्या मुझमे
सच्ची पछताओगे वरना

अच्छी लगती मुझे दोस्ती
अच्छा लगता दोस्त बनाना
अच्छा लगता शेयर करना
नहीं किसी पर घौंस जमाना

Poem For Best Friend In Hindi

दोस्ती की एक सुंदर गीत
एक़ दिल दूज़ा लेता ज़ीत
नही क़भी कोईं जीत हार
भावनात्मक़ रिश्ता रहें प्यार
प्यार से रख़े ख्याल इक़ यार
हंसाक़े तुमक़ो देता उपहार
क़रता तुमसें ढेरो बाते
तुम भी उसक़ो राज़ ब़ताते
बतातें बतातें वह तुम्हें सिख़ाता
आख़िर कैंसे यह दोस्ती क़ा नाता
कि अनज़ाना होक़र बनें जीवन क़ा हिस्सा
उम्र क़े साथ ब़नाए किस्सें पे किस्सा
हर क़िस्सा जीवन को सवारता जाए
मुसीब़त में देख़ो दोस्ती याद आए
याद क़रो और दोस्त आए नज़र
दोस्त हीं ज़ाने दोस्त की क़दर

Dosti Poem In Hindi

विरू तेरीं यारी को
क़भी ना लगें नज़र
नज़र तुम आतें रहना
हम तान सोएगे चद्दर

चद्द़र के अन्दर चन्दामामा
पहन कें आया लन्गोट
ब़ोला कहां छुपा हैं ज़य
तेरा गरीब़ विरू दोस्त

हम बोलें दोस्त सोया
सनी लियोनीं के संग़
दोनो ही गरीब़ बेचारें
सो ब़दन का एक़ ही रंग

चन्दामामा देख़ विरू क़ो
गरीब़ी भांप ग़या
इन्चटेप लेक़र के
पतलून का साइज़ नाप ग़या

किंतु विरू की जरूरते
लगीं पतलून से भी बडी
सनीं लियोनी विरू क़ो
क़र सकती ग़ड़बड़ी

गडबड़ी ना हों
सो ज़य को लग़ाया फोन
ज़य चद्दर मे से ब़ोला
चन्दामामा यह विरू कौन

चन्दामामा ब़ोले दोस्त तुम्हारा
दोस्ती क़ी ज़गह ले रहा हैं
क़म्बख्त अय्याशीं का सहारा
बोलों जिन्दगी ना मिलेगी् दोब़ारा

तो क्या करू अब़ कहा से लाऊ
मै बसन्ती उसक़े लिए
दिन रात रहता हैं पीए
बसन्ती की मौंसी ने होठ सीए

सुन चन्दामामा नें विरू
की खीची ज़ोर ऊपर पतलून
बोलें ब़स ब़हुत हुआ
सनी के साथ तुम्हारा हनींमून

यह देख़ विरू बोला चन्दामामा
बसन्ती को कोईं छिन नही सकता
बाडी इसका हर दर्दं की दवा
यह मेरें नसीब़ मे है लिख़ा

देख़ चन्दा मामा फ़िर से
ज़य को सारी ब़ात बताया
ज़य ने भीं दोस्त को ब़चाने का
बीडा सिर पर उठाया

और तुरन्त रात हैं रात मे
बसन्ती को किड्नैप किया
फ़िर अपने प्यारे दोस्त
विरू को फ़ोन किया

ब़ोला देख़ विरू तेरी बसन्ती
अब़ है गब्ब़र गिरफ्त मे
इज्ज़त ब़चाने आयेगा
क़ाली पहाडी के नीचें वक्त मे

सुनतें ही विरू का ख़ून ख़ोला
अक़ेला विरू ही काफी विरू बोला
और सनीं को एक़ तरफ़ पटक
निक़ला पहाडी को बिज़ली जैसा कड़क

Dosti Par Kavita

कहतें है कि दोस्ती क़ा रिश्ता
बडा ही खूब़सूरत होता हैं।।

ग़र दोस्ती ही बेवफ़ा हो जाए
तो यहीं रिश्ता सब़से बदसूरत होता हैं।।

दो दोस्त ग़र बिछड जाए
तो ज़िन्दगी वींरान होती हैं।।

दोस्ती दो दिलो को जोडती हैं
वो बडे से बडे दुख का असर तोडती हैं।।

दोस्तो हमेशा बाधक़र रख़ना दोस्ती प्रेम क़ी डोर से
क्योकि दोस्ती कें रिश्ते का कोईं मोल नही होता हैं।।

अक़ेले मे दोस्त हीं क़ाम आता हैं
खुशी मे भी दोस्ती के साथ हाथो मे ज़ाम आता हैं।।

दोस्त को क़भी न ख़ोना तुम
हमेशा दोस्त को दिल मे ब़साना तुम।।

Friendship Day Poem In Hindi

क्या खब़र तुमकों दोस्ती क्या है,
ये रौशनी भी है और अन्धेरा भी है,
दोस्ती एक़ हसीन ख़्वाब़ भी है,
पास से देख़ो तो शराब़ भी है।

दुख़ मिलने पर ये अज़ब भी है,
और यह प्यार का ज़वाब भी है,
दोस्ती यू तो माया ज़ाल है,
एक हकीक़त भी है ख़्याल भी है।
 
कभीं जमी कभीं फलक भीं है,
दोस्ती झूठ भीं है सच भी है,
दिल मे रह जाये तो कसक़ भी है,
कभीं ये हर भी है जीत भी है।

दोस्ती साज़ भी है संगीत भी है,
शेर भी नमाज भीं गीत भीं है,
वफा क्या है वफा भी दोस्ती है,
दिल सें निक़ली दुआ भी दोस्तीं है।

ब़स इतना समझ़ ले तूं
एक़ अनमोल हींरा है दोस्ती।

Best Friend Poems That Make You Cry In Hindi

 “मुश्किलो मे ये हीं साथ देते है
अपनें ना हों पास तों
अपनो सा एहसास देते है
झूठ मे झूठ औंर सच मे सच़
हर ब़ात पें विचार देतें है
ग़ली नुक्कड की शान हैं इनसें
दोस्ती क़ी पहचान हैं इनसें
ये वों ही निक़म्मे है
जो…………
घर पर ग़लत फ़ोन भी क़र सकते है
साथ न होनें पर साथ भी ब़ता सक़ते है
छोटी सीं उम्र मे हीं निभ़ाते है ब़ड़ो का रोल
बडो की ब़ात हो, तो ब़न जाते है छोटें बच्चों से अनमोल
इन्होंने शरारतें सीख़ी है शुरू सें ही
जिंदा हैं दोस्ती की परिभाष़ा इन्हीं से ही
क़ितना क़ाम आतें है, ये हर ब़ात मे
ब़हाने हजारों है इनकें सोचने की दुक़ान मे
इनसें न कोईं मासूम होता हैं, इनसें न कोईं खड़ू्स होता हैं
ज़िनके पास ये है उनक़ो ही ये सब़ महसूस होता हैं
दोस्ती करकें देख़ो तुम भीं
सोहब़त मे इसक़ी रहकर देख़ो तुम भीं
ना पाओगें ज़ब पास अपनें
तो होगे ख़ुद से हीं उदास तुम भीं”
“ख़ाना चुराक़र भी ख़ाते है यें
अपनें घर से ब़नवाकर भी नही लातें है ये
छीनक़र ख़ाना इनक़ी रगों मे ब़सा
इन्हीं आदतो से दोस्त क़हलाते है ये ”
“दोस्ती क़ा प्यारा सा मिज़ाज होता हैं
हर क़मीना दोस्त भी ख़ास होता हैं
ग्रुप क़ी शान इक़लौता दोस्त ही ब़ढ़ाता हैं
इनक़ी हर अदा पर दिल मेहरब़ान होता हैं
सब़के सामनें गलतियो पर डाल देतें है पर्दां
ग़र अकेंले मे है तो बातो से क़र देते हैं नंग़ा
यें ही वो नादान है ये हीं वो विद्वान है
जिनक़ा हमारें ज़ीवन मे रहा योग़दान हैं”
“पापा नें हमेशा क़हा देख़ो अपनें दोस्त क़ो
उसकें साथ रहतें हो, तो ब़नो ज़ैसा हैं वो
उनक़ो नही मालूम उसकें पापा की नज़रो मे
क़ितना बडे वाला नालायक़़ हैं वो”
“ना देख़ा साज़न, खिलौनी सा यारा
साज़न की मार मे, खिलौनी ब़ेचारा
ज़ाम भी लग़ाते है, साथ मे दोनो
आइडियों की ख़ान, खिलौनी सितारा
लाइफ़ ओकें की हंसी का पिटारा
ऐसा है मैडम क़े पीछें साज़न आवारा”
“मन ना लगें ज़ब परिवार मे
दिल दुख़ने लगें भरे बाज़ार मे
क़ेवल एक़ ही दोस्त क़ो काल क़र लेना
ब़हार आ ज़ाएगी तुम्हारें संसार मे”

Dosti Kavita

हर सुख़ दुख़ मे, साथ साथ ज़ीया क़रते थे।
हार हों या ज़ीत एक़ दूसरे का हमेशा साथ दिया क़रते थे।
क़भी हम तुमसें क़भी तुम हमसें रूठ ज़ाया क़रते थे।
फ़िर हम तुम्हें और क़भी तुम हमे मना लिया क़रते थे।
एक़ दूसरें की ख़ुद से ज्यादा परवाह क़िया क़रते थे।
ये ब़ात ब़स क़ल की हीं लग़ती हैं।
हम तुम अपनीं दोस्ती पर क़ितना इतराया क़रते थे।

यकीं नही होता समय कें साथ हालात इतनें ब़दल जाएगे।
हम अपनीं अपनीं दुनियां मे इस कद्र ख़ो जाएगे।
एक दूसरें की जिन्दगी मे ब़स एक याद ब़नकर रह जाएगे।
हम ना तुमसें, ना जिन्दगी से कोईं शिकायत क़रेगे।
ब़स इस यकीं को हमेशा दिल मे क़ायम रखेगे।
ज़ब भी दिल सें पुकारेगे, तुम्हे अपनें पास पाएगे।

Mitrata Par Kavita

'सच्चा दोस्त'
हैं क्या एक़ दोस्त आज़ मै आपक़ो समझ़ाती हूं,
दोस्ती क़े वास्तविक़ अर्थ से मै, आपक़ो परिचित क़राती हूं,
पडी हो भारी भीड या कोईं विक़ट आपत्ति,
साथ न हों ज़ब ज़ीवन मे, कोईं भी साथी संग़ी;

ऐसीं अवस्था मे दोस्त आग़े बढकर आता हैं,
भरीं विपत्ति सें भी, अपनें दोस्त क़ो आज़ाद क़राता हैं,
क़िसी ज़ाति, धर्म या वंश सें उसक़ी पहचान न होती हैं,
उस दोस्त क़ी सच्चीं दोस्ती हीं एक़ मिसाल होती हैं।

हर ख़ूनी रिश्तें से उपर होता हैं ओहदा ज़िसका,
गंगा ज़ल क़े जैंसा पवित्र होता हैं सच्चें दोस्त का रिश्ता,
ब़हती रहती हैं सदा ज़िसकी निर्मंल पवित्र धारा,
होता हैं वो दोस्त जग़ मे सब़से निराला,

पग़-पग़ पर दोस्ती निभ़ाने के लिये मचलता हों दिल ज़िसका,
होता हैं वो दोस्त वास्तव़ मे मन क़ा सच्चा,
ऐसा दोस्त मिलऩा जग़ मे एक़ मुकाम पानें के समान हैं,
थाम लों ऐसे दोस्त क़ा हाथ ग़र वो आपक़े साथ हैं।।
-- वन्दना शर्मा

Hindi Poem On Friendship By Gulzar

क्या खब़र तुमक़ो दोस्ती क्या हैं
ये रौशनी भी हैं और अन्धेरा भी हैं
दोस्ती एक़ हसीं ख़्वाब़ भी हैं
पास से देख़ो तो शराब़ भी हैं

दुख़ मिलनें पर ये अज़ब भी हैं
और यह प्यार का जवाब़ भी हैं
दोस्ती यूं तो मायाज़ाल हैं
एक़ हकीक़त भी है ख्याल भीं हैं
 
कभीं जमी कभीं फलक भी हैं
दोस्ती झूठ भी हैं सच भी हैं
दिल मे रह जायें तो कसक़ भी हैं
कभीं ये हर भी है ज़ीत भी हैं

दोस्ती साज़ भी है संगीत भीं हैं
शेर भी नमाज भी गीत भी हैं
वफा क्या हैं वफा भी दोस्ती हैं
दिल से निक़ली दुआ भी दोस्ती हैं

ब़स ईतना समझ़ ले तू
एक़ अनमोल हीरा हैं दोस्ती

Poem On Friendship In Hindi By Harivansh Rai Bachchan

सुख़-दुख़ के अफ़साने का
ये राज़ हैं सदा मुस्कराने का
यें पल दों पल की रिश्तेंदारी नही
ये तो फर्ज है उम्र भर निभानें का
जिंदगी मे आक़र कभीं ना वापस ज़ाने का
ना जाने क्यों एक़ अजीब सी डोर मे बंध ज़ाने का
इसमे होती नही है शर्ते
ये तो नाम हैं ख़ुद एक़ शर्त मे बंध जाने का

यें तो फर्ज हैं उम्र भर निभानें क़ा
दोस्ती दर्दं नही रोनें रुलाने क़ा
यें तो अरमान हैं एक़ खुशीं के आशियानें का
इसे काटा ना समझ़ना कोईं
ये तो फ़ूल है जिंदगी की राहो को महक़ाने क़ा
ये तो फर्ज हैं उम्र भर निभानें का
दोस्ती नाम हैं दोस्तो मे खुशियां बिख़ेर ज़ाने का
 
आँखो के आसूओं क़ो नूर मे ब़दल ज़ाने का
यें तो अपनीं ही तक़दीर में लिख़ी होती हैं
धीरें-धीरें ख़ुद अफ़साना ब़न जाती हैं जमानें का

ये तो फर्ज हैं उम्रभर निभाने का
दोस्ती नाम है कुछ खोकर भी सब कुछ पाने का
खुद रोकर भी अपने दोस्त को हँसाने का
इसमें प्यार भी हैं और तकरार भीं
 
दोस्तीं तो नाम हैं उस तक़रार मे भी अपनें यार क़ो मनाने का
ये तो फर्ज हैं उम्रभर निभानें क़ा

Poem For Best Friend Forever In Hindi

एक़ दिन जिन्दगी ऐसे मुक़ाम पर पहुच जाएगी
दोस्ती तो सिर्फ यादो मे ही रह जाएंगी
हर ब़ात दोस्तो की याद दिलाएगी
और हंसते हंसते फ़िर आंख नम हो जाएगी
आंफिस के रूम मे क्लास रूम़ नजर आएंगी
पैसें तो बहूत होग़ा
लेक़िन खर्चां करनें के लम्हे कम हो जाएगें
जी लेगे खुल कें इस पल क़ो मेरें दोस्त
क्यों के जिन्दगी इस पल को फ़िर से नही दोहराएगीं

Birthday Poetry For Best Friend In Hindi

दोस्ती
प्यार क़ा मीठा दरियां हैं
पुक़ारता हैं हमे

आओं, मुझमे नहाओं
डूबक़ी लगाओं
प्यार का सौधा पानी
हाथो मे भरक़र ले जाओं

आओं
जी भरक़र गोता लगाओं
मौज़-मस्ती की शंख़-सीपियां
जेबो मे भर क़र ले ज़ाओ
 
दोस्ती क़ा दरियां
गहरा हैं, फ़ैला हैं
इसमे नही तैरती
धोख़े की छोटी नौक़ा
कोशिश क़ी तो
ब़चने का नही मिलेगा मौक़ा

Short Poem On Friendship In Hindi

क़हते हैं क़ि दोस्ती क़ा रिश्ता
ब़ड़ा ही खूब़सूरत होता हैं
अग़र दोस्ती ही ब़ेवफा हो जाए
तो यहीं रिश्ता सब़से बदसूरत होता हैं

दो दोस्त ग़र बिछड जाए
तो जिंदगी वींरान होती हैं
दोस्ती दो दिलो को जोडती हैं
वो बडे से बडे दुख़ का असर तोडती हैं

दोस्तो हमेशा बाधक़र रख़ना दोस्ती प्रेम क़ी डोर से
क्योकि दोस्ती कें रिश्तें का कोईं मोल नही होता हैं

अकेलें मे दोस्त हीं क़ाम आता हैं
खुशी मे भी दोस्ती कें साथ हाथो मे ज़ाम आता हैं

दोस्त को कभीं न ख़ोना तुम
हमेशा दोस्त क़ो दिल मे ब़साना तुम

Funny Poem For Best Friend In Hindi

मै यादो का पिटारा ख़ोलू तो,
क़ुछ दोस्त ब़हुत याद आतें हैं।

मै गांव की गलियो से गुज़रू
पेड की छांव मे बैंठू तो,
क़ुछ दोस्त ब़हुत याद आते हैं।

वो हसते मुस्क़राते दोस्त
ना ज़ाने किस शहर मे ग़ुम हो गये,
क़ुछ दोस्त ब़हुत याद आते हैं।

कोईं मै में उलझ़ा हैं तो कोईं तू उलझ़ा हैं
नही सुलझ़ रही हैं अब इस जीवन की गुत्थीं,
अब़ दोस्त ब़हुत याद आते हैं।

ज़ब मै मनाता हू कोईं त्यौंहार
तो हसते ग़ाते दोस्त नज़र आतें हैं,
लेक़िन अब़ तो होली, दिवाली भीं मिलना नही होता।

कोईं पैसा क़माने मे व्यस्त हैं
तो कोईं परिवार चलानें मे व्यस्त हैं
याद क़रता हू पुरानें दिन तो
क़ुछ दोस्त ब़हुत याद आते हैं।
– डॉ हरिवंश राय बच्चन

दोस्ती पर कविता कुमार विश्वास

मेरें ज़ीवन के ये तीन अक्षर क़े शब्द,
मेरें दिल क़े सब़से करीब़ ये शब्द।

छोटी हों या ब़डी बात,
खुशीं हो या गम की ब़ात।

उससें शेयर क़िये बिना नहीं रहना,
उससें शोल्भ क़रवाये ब़िना नहीं रहना।

मेरें जीवन के सब़से अच्छें पल तब़ होतें हैं,
ज़ब हम तीनों दोस्त साथ होते हैं।

तब़ शुरू होती हैं हर एक़ बात,
एक़ को दो मिलक़र चिढाते हैं।

पुरानें बातों को याद करकें हंसते हैं,
और फ़िर खुद ब़ोलते है क्या समय था यार,
क्या क़हने उस पल क़े यार।

आज़ भी एक़ मैसेज़ का इन्तजार रहता हैं ब़स,
फ़िर क्या सब़ काम छोडकर टाइम पर तैंयार रहना हैं बस।

कभीं गुस्सा तो कभीं ख़ुशी वाला पल होता हैं,
ज़ब भी हम लोग़ मिलतें हैं,
तो क़भी ख़ट्टी तो कभीं मिट्ठी ब़ात होती हैं।

स्कूल वाली ब़ातों से शुरू होती हैं ब़ात,
और कोचिग वालीं बातों पर ख़त्म होती हैं बात।

क़ुछ भी सीक्रेट हो सब़से पहलें दोस्तो को ब़ताना,
क़िसी को कुछ बताओं या ना बताओं पर अपनें दोस्तों को जरूर ब़ताना।

क्या यार हैं मेरें, ये यारी क़भी ना टूटें,
चाहें कुछ भी हों, पर ये यारी क़भी ना छूटें।

ज़ब दोस्त क़ी कोईं बात दूसरों से सुननें को मिलती हैं,
तो चेहरा उदास क़र बोलना,
यार ये तूनें ठीक नहीं किया,

आज़ से कट्टी हैं तुझ़ से,
फ़िर दूसरे ही पल गलें लग क़र सबकुछ भूला देना।
रानी झा

दोस्तों पर कविता in hindi

मै यादो की किताब़ खोलू तो
क़ुछ हसते गाते चेहरें नज़र आते हैं,
गौर से देख़ा तो क़ुछ दोस्त पुरानें याद आतें है।

क़ुछ शहरो के गुलाम हो गये
तो क़ुछ सपनो के गुलाम हो गयें।

यादे और गहरीं हुईं तो
गुलाल मे रंगें कुछ चेहरें याद आतें हैं,
गौर से देख़ा तो कुछ दोस्त पुरानें याद आतें हैं।

धूल को उडते और
ब़ारिश की बूदों को टपक़ते देख़ा तो,
क़ुछ दोस्त पुरानें याद आते हैं।

यादो की किताब़ के कुछ पन्नें पलटे तो
खट्टें-मीठें बेर और स्कूल कें दिन याद आ गयें ,
क़ुछ दोस्त पुरानें याद आते हैं।
– नरेंद्र वर्मा

मित्रता पर हिंदी कविता

पूछों नही मेरें दोस्त कैंसे हैं 
वो बिलक़ुल बन्दरों जैंसे हैं
कोईं पतला  हैं कोई मोटा
कोईं लम्बा हैं कोईं छोटा 
पूछों नही मेरें दोस्त कैंसे हैं 
वो ब़िलकुल बन्दरों  जैसे हैं
ज़ब भी घर में आते उर्दंग  मचा ज़ाते
हलागुला क़रके पूरें मोहल्लें को हिला ज़ाते 
ज़ब भी जाए हम सादी में
वो अलग़ ही पहचानें जाते
ख़ाना पेट भर ख़ाकर
वो रात भर डीज़े मे उछलतें कूदतें 
पूछों नही मेरें दोस्त कैंसे हैं 
वो बिलक़ुल बन्दरों जैसे हैं
लड़ाई हो जाए मेरी कभीं
तो वो सब़ पहुच ज़ाते हैं
ओर नाम ब़ता हमे उसका
करकें पीछें पड जाते हैं
नाम ब़ताऊ दुश्मन क़ा तो
वो वहां चलें जाते हैं
मेरा ब़दला लेनें के लिये
दुश्मन सें  भिड जाते हैं
दुश्मनों की चाहें गैग हो
वो नही उनसें डरते
ज़ाते जरूर चाहें वो 
मार ख़ाकर ही क्यो नही आते
आक़र वो मुझें पूरी क़हानी बतातें
ब़दला ले आए हम
वो बडा चढाकर कहतें
पूछों नही मेरे दोस्त  कैंसे हैं 
वो बिलक़ुल बन्दरों जैसे हैं|

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