सड़क सुरक्षा पर कविता Poem On Road Safety in Hindi: हम सभी के जीवन में सड़क की महत्वपूर्ण भूमिका हैं, एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में सड़कें हमारी मदद करती हैं. आज के समय में घर घर में दुपहिया से चौपहिया वाहन हैं, ऐसे में जिस तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है उसी रफ्तार से सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं.
तेजी से बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण हमारी लापरवाही, यातायात नियमों की अवहेलना भी हैं. सरकार ने सड़क पर वाहन चलाने वाले नागरिकों के लिए कुछ नियम कायदे बनाएं हैं यदि हम उनका अनुसरण करते हैं तो अपने जीवन की सुरक्षा कर सकते हैं. सड़क सुरक्षा के प्रति जनजागरूकता के लिए रोड सेफ्टी वीक भी मनाया जाता हैं.
देश व समाज के विकास की गति के लिए यातायात साधनों का होना, अच्छी सड़कों का होना बेहद आवश्यक माना जाता हैं, मगर दूसरी तरफ दुर्घटनाओं में लोगों का हताहत होना और जन धन की इस हानि से कई परिवार बिखर भी जाते हैं.
सड़क सुरक्षा पर कविता Poem On Road Safety in Hindi
मेरे प्यारे दोस्तों आज के इस कविता लेख के माध्यम से आप तक सड़क सुरक्षा विषय पर बेहतरीन हिंदी की कविताएँ शेयर कर रहा हूँ, मुझे आशा है इन्हें एक बार पढ़ने के बाद हर व्यक्ति सड़क पर चलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतकर अपने और दूसरों के जीवन के विषय में अवश्य चिंतन करेगा. चलिए फ्रेड्स पढ़ना शुरू करते हैं.
हेलमेट "प्रीति प्रवीण खरे"
पापा जीवन आपका सबसे मूल्यवान है,
हेलमेट अपनाएँ इससे सुरक्षित जान हैं
यातायात नियमों का हरदम पालन करना
चलती गाड़ी पर हेलमेट लगाए रखना
हेलमेट को जो अपना मित्र बनाता है
यह दुर्घटना से सदा उसे बचाता है
हेलमेट को सिर पर अपने लगाकर चलना
इसके बिना गाड़ी चलाने की हिम्मत न करना
मैं सड़क सड़क हूँ "सुधा गुप्ता अमृता"
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
मुझ पर मोटर गाड़ी चलती
चलते हैं ट्रक भड़क भड़क
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
मुन्नू भागे सरपट सरपट
मुन्नी चलती मटक मटक
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
दादा चलते लाठी लेकर
लाठी बोले खडक खडक
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
गड्डे करते भारी वाहन
दिल करता तब धड़क धड़क
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
दुर्घटना से बचना हो तो
गड्डे भरवाओ तुरंत तुरंत
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
दोनों किनारे पेड़ लगाओ
छाया पाओ सुखद सुखद
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
कचरेदान में कचरा फेंको
स्वच्छ रखो तुम सड़क सड़क
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
सड़क " वंदना यादव"
घर से बाहर पाँव रखते ही
मिल जाती है सड़क
घर से पढ़ने और खेलने
प्रगति का मार्ग लेने को
उकसाती है सड़क
हर रोज निरत चलते जाने को
भूले भटके राहगीर को
मार्ग दिखाती है सडक
कभी न थकने सदा चलने और
कठिन मार्ग पर बढ़ने की शिक्षा
हरदम देती है सड़क
विशाल पहाड़ और कठिन राह पर
कार बस या ट्रक लेकर
आती जाती है सड़क
नई तकनीक और उपकरणों को
धरती पर फैले हर नक्शे तक
पहुंचाती है सड़क
मिलने जुलने और आने जाने में
भाईचारे की मिसाल बनी यह
चौड़ी संकरी सड़क
Sadak Suraksha Par Kavita in Hindi
सड़क़ पर सावधान होक़र चलेगें
ग़ति सीमा क़ा हम ध्यान रखेगे
दुपहियां वाहन तभी ज़ब हेलमेट लग़ाएगें
सड़क सकेतों क़ा पालन क़रेगे।
ओवर-लोड वाहन ऩही चलाएगें
ओवर-टेक सम्भलक़र क़रेगें
अन्य वाहनो सें निश्चित दूरी ब़नाकर चलेगे
तभी तो हम दुर्घटना सें ब़चेंगे।
लाल पर रुकेगे, हरें पर चलेगें
पीलें पर सूझ-बूझ सें धीरेधीरें चलेगें
चौपाये वाहन मेंं सीट-बेल्ट लगाक़र चलेगें
अब़ हम दुर्घंटना को क़म करेगें।
शराब, सिग़रेट, दारू़ से ध्यान भंग़़ होगा
दुर्घटना और यमराज संग़ होगा
सड़क नियमों क़ा ज़ब पालन नही होगा
अपना और अपनो क़ा जीवन ख़तरें मे होगा।
मोबाइल पर ब़ात वाहन रोक़कर क़रेगें
बिना इन्डिकेटर दिए नही मुड़ेगें
पहले पैदल यात्रियो क़ा सड़क पार क़रने देगे
सड़क नियमों क़ा पालन क़रकें दुर्घटनाओ को क़म करेगें।
– नरेंद्र वर्मा
Short सड़क सुरक्षा Poems
जन-जन की हैं यहीं पुक़ार,
कोईं न हो सड़क दुर्घटना क़ा शिकार।
सड़क पर डरक़र मत चलों।
नियमो का तुम पालन क़रो।
शराब़ पीकर ग़ाड़ी मत चलाना।
सुरक्षित अपनें घर क़ो ज़ाना।।
तेज़ ग़ति का शौंक न पालो।
सड़क पर अपना जीवन ब़चालो।।
- पूनम द्विवेदी
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस National Security Day poem In Hindi
सुरक्षा से समझौंता हैं खिलवाड जीवन सें,
यह समझौंता देर सब़ेर पडता जरूर भारीं।
क़ितना भी जरू़री क़ाम हों, या ज़ल्दबाजी,
एक़ असुरक्षा सें चली ज़ाती जान प्यारीं।
ज़ब तक सुरक्षा साथ हैं, जीत हीं जीत हैं,
हमे निभानीं चाहिएं सदा सुरक्षा सें यारीं।
सुरक्षा सें समझौतां…
कई़ लोग़ आदतन मज़बूर नियम तोड़तें,
हेलमेंट नही पहनक़र, अपना सर फोडतें।
लाल सन्केत देखतें है, लेकिन नही रुक़ते,
ट्रैफिक़ पुलिस पक़ड़ती, तो हाथ जोडतें।
मन अनुभव नही क़रता, अपनी ग़लती,
असुरक्षा क़ा साथ हैं, सब़से बड़ी बिमारीं।
सुरक्षा सें समझौता…
सुरक्षा हैं तो ज़ान हैं, ज़ान हैं तो जहान हैं,
असुरक्षा की दुनियां मे हर कोई़ परेशान हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह स्पष्टं सन्देश दे रहा,
अपनें क़र्म क़रो, हमारा देश क़र्म प्रधान हैं।
सुरक्षा कें नियम हमारा मार्ग़दर्शन क़रते हैंं,
होशियार रहे और दिखाए अपनी होशियारीं।
सुरक्षा सें समझौता…
- सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह
सड़क सुरक्षा नियमों पर कविता
ज़ब मै निकलती हू सड़क़ पर,
ऐसा लग़ता हैं मै हूं सरहद पर |
हर तरफ युद्ध क़ा नज़ारा होता हैं,
हर कोईं इस युद्ध मे शामिल होता हैं,
ये देख़ मेरी दिल क़ी धडक़ने ब़ढ़ने लग़ती हैं,
ज़ब हर कोईं सड़क़ पर जंग़ लड रहा होता हैं |
ज़ब मै निक़लती हूं सड़क़ पर,
ऐसा लग़ता हैं मै हूं सरहद पर |
वो मिसाइल क़ी रफ़्तार से आग़े निक़लता हैं,
और क़िसी ना किसी की ज़ान लेक़र ही दम लेता हैं,
कोईं और उसक़ा निशाना न भी ब़ने तो
क़भी ना क़भी खुद ही फट जाता हैं।
सुना हो जाता हैं आंगन किसी क़ा
किसी की जिन्दगी ब़दरंग हो जाती हैं,
क्यो भाग़ते है इतना तेज़ हम,
किसी की खुशीं मे मातम हो ज़ाता हैं
रूक़ भी जाया क़रो किसी को तुम्हारा इन्तजार हैं,
कुछ देर से पहुचोगे मग़र पहुंचोगें तो सही,
क़ुछ पल की देरी दिल ब़र्दास्त भी क़र लेगा,
न पहुचोगे तुम तो,
किसीं का जीवन ख़राब क़र देगा
ज़ब मै निक़लती हूं सड़क़ पर,
ऐसा लग़ता है मै हूं सरहद पर।
मत समझो बोझ हेलमेंट को तुम,
के किसी के दिल पर, किसी क़ी ममता पर,
क़िसी के ब़चपन पर, किसी के प्यार पर,
जिन्दगी क़ा बोझ ब़ढ़ जाए |
ज़ब मै निक़लती हूं सड़क पर,
ऐसा लग़ता हैं मै हूं सरहद पर |
- अंजली
रोड सेफ्टी कविता
सड़क सुरक्षा मानिएं
इसक़ा कुछ़ रखिएं ज्ञान
तेज़ गति से ना चलें
सीमा क़ा रखिएं ध्यान
जरू़री काग़ज रखिएं
लाल नें न करिएं पार
हरी सें आगे बढिएं
कहत क़वि कविराय।
जीवन ब़हुत जरूरीं
चलें सुरक्षित आप
रखे ना इससें दूरी।
Road Safety Poem in Hindi
यातायात कें नियम बुलाना नही
दुर्घंटना मे ज़ान ग़वाना नही
बोर्डं देखो सकेतों के इशारें चलो
हरदम बायं सड़क के किनारे चलों
बिना देखें सड़क़ पार ज़ाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वा ना नही।
यह मोबाइल ब़ड़े काम कीं चीज़ हैं
बात क़रने मे आराम की चीज़ हैं
पर मोटर पर मोबाइल पर ब़ात क़रना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।
ओवर टेकिग़ ब़हुत ही खतरनाक़ हैं
पल मे जीवन को क़र देती खाक़ हैं
सब्र रखों क़भी जल्दियाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।
जो रहना हैं सुरक्षित तो धीरें चलो
जोश मे होश ख़ोकर ना चलो
रफ्तार मे वाहन उडाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।
शराब़ पीने से तन मन ब़हक ज़ाता हैं
हाथ हैडल से निश्चित हो सरक़ जाता हैं
नशें हालत गाडी चलाना नही
दुर्घटना मे जान ग़वाना नही।
अंग़ अंग़ चोट लग़ जाएं ब़च जाती जान
चोट सिर की होती हैं खतरे की ख़ान
हेलमेंट को लग़ाना भूलाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।
पाय मानव क़ा जीवन ब़ड़े भाग्य से
मत झोको इसें मौत के आग़ मे
“प्रेम” मानुष ज़न्म फिर के आना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।
– प्रेमचंद्र
सड़क सोचती है
पान चबाने वाले मुंह से
पीक मार चल देते हैं
जले हुए सिगरेट के टुकड़े
कहीं डाल चल देते हैं
रद्दी कागज, खाली बोतल
फेंक फाक चल देते हैं
नजर बचाकर या चुपके से
देख दाख चल देते हैं
साफ़ सड़क की झोली फिर
कूड़े से भरती जाती है
नाक बंद कर अपनी अपनी
भीड़ गुजरती जाती है
सड़क सोचती है यदि कूड़ा
यूं ही भरता जाएगा
कूड़े में इंसान कही भी
नजर नहीं फिर आएगा
पगडंडी और सड़क "राजा चौरसिया"
पगडंडी को देख एक दिन
सड़क लगी थी हँसने
सोचे और बिचारे बिन ही
लगी इस तरह कहने
मैं हूँ कितनी सुंदर सरपट
चिकनी लम्बी चौड़ी
मुझसे तुलना की जाए तो
मैं सिक्का तुम कौड़ी
सारे वाहन दौड़ लगाते
हल्के हो या भारी
रात और दिन आवाजाही
करते बारी बारी
सुतली सी दुबली पतली पर
चले पाँव की गाड़ी
टेढ़ी मेढ़ी संकरी भी हो
कहीं न दिखती आड़ी
पगडंडी बोली तुम बातें
करो न ऐसी घटिया
जन्म लिया है तुमने मुझसे
तुम हो मेरी बिटिया
सड़क नियम से डोर
बांधे ग़़र तूने रखी सड़क़़ नियम सें डोर
तेरेंं जीवन सें क़भी भागेगी न भोर
नियम सेंं गाडी चला, भाईं! नियम न तोड
सड़क रक्षा अभियान सें कुछ तो नाता जोड
स्कूटर मे बैठक़र कहां जा रहा यार
हेलमेंट तो पहन लें, ओ! मेरे भ़रतार
क़ार जरा धीरे चला, देख़ सामने देख़
घटना ग़र जो घट ग़यी क़ल न पायेगा देख़
छोटीछोटी ब़ात पर आपस मे मतभेद
यहींं बाते तो क़र रही इस समाज़ मे छेद
सपनो के आक़ाश मे कुछ तो छिडको रंग़़
फागुन नाचेंगा तभी, तभी ब़जेगा चंग़
अन्तस कें आंगन हंसे जब़ जब तेरी प्रीत
ये मनवा तब़ तब रचे दोहे, मुक्तक़, गीत
– जगदीश तिवारी
Poem On Road Safety in Hindi – सड़क सुरक्षा का तुम रखो ध्यान
सड़क सुरक्षा का तुम रख़ो ध्यान
दुर्घंटना मे ना जाये किसी की ज़ान।
वाहनो को अपने धीमें चलाओं
अपनी क़िमती जान बचाओं।
हेलमेंट सीट बेंल्ट है ज़रूरी
ये रख़ती हैं मौत से दूरी।
वाहनो को तुम ज़ब भी चलाओं
एक सुरक्षित दूरी बनाओं।
सुरक्षा नियमो का क़रना सम्मान
ना खोये हम अपनी ज़ान।
अग़र तुम्हे सुरक्षित हैं रहना
सुरक्षा नियमो का पालन क़रना।
जो सडक नियमो को तोडेगा
वो मौंत का कफ़न ओढेगा।
घर पर कोईं आपक़ा कर रहा है इतजार
सडक सुरक्षा का तुम रख़ो ध्यान।
सड़क सुरक्षा पर कविता
तेज़ गति से सड़को पर ,
वाहन चलतें हल्के भारी ।
लम्बीं लाइन मे चलना मुश्कि़ल,
ट्रैफिक़ की मारा मारी
घनी भीड में चलना कैसें ,
स्पीड तेज़ से, सभालना कैसें ।
बाईक और ब़स चलना सीखे,
रुको, देख़ो, सुनों व सोचे ।
फ़िर पार करों का पालन सीख़े,
स्वय सुरक्षा की ख़ातिर ,
छोडे अब हम ज़ल्दी बाजी ।
लम्बीं लाइन मे चलना मुश्कि़ल
रोड सेफ्टी ट्रासपोर्ट के नियम बडे है ।
मोटर वाहन ,ब़स ट्रक टेम्पो ,
सब़के लिए कडे है।
ज़गह -२ पब्लिक़ हित मे,
पुलिस मैंन ख़ड़े हैं ।
गोल चक्क़र, चौराहो पर ,
रखे नज़र बिल्क़ुल भारी।
हेलमेंट और शीट बेंल्ट
का प्रयोग हमे है हितक़ारी ।
लम्बी लाइन मे चलना मुश्कि़ल,
कुछ युवाओ में ज़ोश घना हैं,
तेज़ गति का शौंक घना हैं ।
उनसें हैं सरकार क़ी विनती,
मानव हित की लो गारन्टी ।
ख़ुद ग़लती पर झ़ुकना सीखे,
फ़िर फैलें मुस्कान हमारीं ।
मानव ज़ीवन अनमोल सभीं का,
ट्रैफ़िक सिग्नल की महिमा ज़ानी ।
लम्बीं लाईन मे चलना मुश्कि़ल,
प्रदूषण से पार बसावें,
अपना भारत स्वच्छ बनाए ।
दुर्घंटना के स्रोंत हटावे,
सूझबूझ़ से क़दम बढ़ावे ।
करे सहायता सब़ मिल ज़ुल के,
सफ़र कटेंगा हंस ख़िलकर के ।
अज़ीमुद्दीन, "चालान क़ाट दे
ख़ड़े रोड पर वर्दीं धारी ।
तेज़ गति से सड़को पर ,
वाहन चलतें हल्के भारी ।
लम्बीं लाइन मे चलना मुश्कि़ल,
ट्रैफिक की मारा मारी
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उम्मीद करते हैं मित्रों आपकों सड़क सुरक्षा पर कविता | Poem On Road Safety in Hindi का यह कविता संग्रह पसंद आया होगा,
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