Short Poem In Hindi Kavita

देशभक्ति पर कविता 2024 | Patriotic Poems in Hindi

देशभक्ति पर कविता 2024 | Patriotic Poems in Hindi : नमस्कार आज के आर्टिकल में हम देशभक्ति पर आधारित 50 से अधिक सुंदर और आकर्षक हिंदी कविताएँ पढ़ेगे. 


सच्चे अर्थों में राष्ट्रभक्ति क्या है इन्हें इस कविताओं को पढ़कर समझा जा सकता हैं. स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर स्कूल के स्टूडेंट्स इन कविताओं को सुना सकते हैं.

देशभक्ति पर कविता 2024 | Patriotic Poems in Hindi 

देशभक्ति पर कविताएँ  Patriotic Poems in Hindi

"वीर जवान"

आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊं,
गाथा वीर जवानों की l
हंसते-हंसते आजादी के लिए सीने पर गोली खाई,
एक मां के बेटे ने देश के लिए अपनी जान गवाई l

दिलाई आजादी देश को शान से ,
वीर शहीदों ने अपने बलिदान से l
तैनात है वह हर जगह लेने दुश्मन के और देने अपने प्राण,
गुलामी की जंजीरों से दिलाई आजादी हो कुर्बान ll

इस आजादी की बेला में हम तिरंगा लहराते हैं,
आओ सब मिलकर देश के वीरों के लिए भारत मां को शीश झुकाते हैं l

स्वतंत्रता दिवस देश की शान है,
वीर जवान मेरे देश का अभिमान है
- Shreya Khosla

Poem On Desh Bhakti

बढ़ा कदम,बढ़ा कदम
जब तक है दम

आखिरी बूंद रक्त की काम आये
वतन के, जब तक है दम
ना कभी रुकें,ना कभी झुकेंं
अपनी आन पर मिटें,अपनी शान पर मिटें
मिट गए तो क्या ? लेंगे एक और जनम
बढा़ कदम बढा़ कदम जब तक है दम

हौंंसले बुलंद हों,रगों में आग ज्वलंत हो
आए दुश्मन तो काट उसका सर
बढ़ा कदम बढा़ कदम,ऐ जान ए वतन

तूफां की कश्ती हो या सामने मौत हसती हो
मिटाकर तू काल का भय,हो विकराल काल सम
बढ़ा कदम बढ़ा कदम जब तक है दम
- Govind Rawat 

Desh Bhakti Poems In Hindi By Rabindranath Tagore

देश मेरा महान है
प्यार है सम्मान है
वीर हैं जवान है
शौर्य है बलिदान है
कोटि-कोटि प्रणाम है
देश मेरा महान है।
सत्य और अहिंसा की
राह पर चलकर
क्रांति के वीरों की
साहस को देखकर
वसुंधरा भी हैरान है
देश मेरा महान है।
धर्म अनेक, पर एक कर
राष्ट्र से प्रेम कर
प्राण अपने त्याग कर
देश की शान पर
इतिहास ये प्रमाण है
देश मेरा महान है।
शांति और समृद्धि है
साहस, धैर्य अदम्य है
वीरत्व को प्रणाम है
स्वाभिमान है पहचान है
भारत जिसका नाम है
देश मेरा महान है।
-Dheerendra Soni

Short Patriotic Poems In Hindi For Class 1

गतिमय विशाल हिम चन्द्रभाल,
सतरंग थाल सम रस रत है।
आ रही पुकार नित बार-बार ,
वह जगत जयत जय भारत है।

निश्छल प्रतीति,रस छन्द रीति,
सहित्य प्रीति छवि छलकत है।
निर्वेद मुक्त सत्कीर्ति युक्त,
वह जगत जयत जय भारत है।

अविचल सुशील,कंचन सी झील,
विध विध सुरील स्वर मोहत हैं।
संस्कृति के टील,हैं मील -मील ,
वह जगत जयत जय भारत है।
- सूर्यांश नेमा

Short Patriotic Poems In Hindi

तुम जन गण मन जो जाते हो आखिर वो किसे सुनाते हो
जय हिंद जो इठलाते हो यह किस पर गर्व जताते हो
तुम जिस भी देश को जाते हो उसे भुला न पाते हो
कहीं भी भारत का नाम सुने सबसे पहले मुस्काते हो
आखिर ये भारत चीज क्या है मुझे जरा बतलाओ तुम
मैं भी देखने को उत्सुक हूँ निज आँखों से दिख्लाओं तुम
कोई मिट्टी का टुकड़ा है या किसी माँ का दुखड़ा है या
कोई खेत खलिहान है या कोई सैनिक लहुलुहान है या
किसी माँ की ये दुलार है या किसी को जान से प्यारा है या
कोई अस्त्र है या कोई शस्त्र या जिससे सब कोई है त्रस्त है या
कोई राजा है या रंक है ये ये शून्य है कि कोई अंक है ये
कोई बहुमजिला इमारत है क्या
आखिर ये भारत है क्या 
अब समय यूं न व्यर्थ गवाओ न
मुझको भारत बतलाओ न

ये ना ही कोई माटी का टुकड़ा है न ही माई का दुखड़ा है
ये नहीं खेत खलिहान कोई ना ही सैनिक लहूलुहान कोई
ये खुद ही तात हमारा है जो हमको माँ सा प्यारा है
ये कोई निज अस्त्र शस्त्र नहीं इसमें है कोई त्रस्त नहीं
हर राजा रंक बसता है है अमूल्य पर सस्ता है
ये भूमि नहीं आकाश नहीं ये दिल में सबके बसता है
वो भूमि जहाँ हर प्राणी में बहती नित समरसता है

निज देश मेरी वो मातृभूमि भारत वहां पर बसता है
हिमालय सा गर्व लिए और फूलों सा जो हंसता है
मेरी धडकन और अभिमान मेरा भारत वहां  पर बसता है
मन में विकास प्रयास लिए भावों में निज इतिहास लिए
हम अकड़ दिखाते है क्योंकि यहाँ राम कृष्ण कई वीर जीए

अपने प्रयासों को दिखलाओ जरा अपना इतिहास सुनाओ जरा
तुम जो भी मुझे सुनाते हो हर शब्द से रूचि बढाते हो
मेरा अहोभाग्य मिला तुमसे महज एक धोखे से
मुझे दीदार कराओ इतिहास का एक झरोखे से

तो सुनो मैं तुम्हे सुनाता हूँ संक्षिप्त दर्शन कराता हूँ
वैसे तो पूरा जलधि है ये फिर भी एक अंजुलि पिलाता हूँ
भूत भविष्य का भेद है भारत
उपनिषदों के संग्रह वेद है भारत
मर्यादा में स्वयं राम है भारत, निज पिता को प्रणाम है भारत
गीता का सार है भारत रामायण का भार है भारत
अर्जुन का गांडीव है भारत मन की गति से तीव्र है भारत
नारी का सम्मान है भारत, वेदव्यास का ज्ञान है भारत
पृथ्वीराज का तीर है भारत अशोक सा वीर है भारत
टैगोर का शब्द है भारत चाणक्य का अर्थ है भारत
धर्म कर्म का मंत्र है भारत विष्णु शर्मा का पंचतंत्र है भारत
हिमालय है श्वेत है भारत, सबका पेट भरता खेत है भारत
राहगीर को छाँव है भारत, प्रेम बांटता गाँव है भारत

भगत आजाद की क्रांति है भारत ऋषि मुनियों की शांति है भारत
गांधी की अहिंसा है भारत विवेकानंद की प्रशंसा है भारत
बोस का नारा है भारत अभिमन्यु सा प्यारा है भारत
धर्म अधर्म का युद्ध है भारत शांति मुद्रा का बुद्ध है भारत
राधा कृष्ण का प्रेम है भारत धातुओं में हेम है भारत
गंगा जमुना सिंध है भारत है आर्यावर्त और हिंद है भारत
जितना भी बताता जाऊँगा नित नया विषय ही पाऊंगा
ये सागर है ज्ञान का जितना तैरूँगा और तैरता जाऊँगा
इतना जानो सत्य यही है इतिहास का प्रमाण है भारत
कही बसों चाहे कही रहो दिल में धड़के वो प्राण है भारत
- अभिनव आजाद

Patriotic Poem In Hindi For Class 3

जय जवान जय किसान
जय उनकी जो समरों में सो कर
चिर जागृत हो गये
जय उनकी जो यमपाश में बंधकर
भारती को मुक्त बंधन कर गये
जिनके गिरते ही धरा पर
वह हुई ऊँची आकाश भर
जय उनकी जिनके वीरत्व की
थाह वीरता पा ना पाई

जय उनकी जो हिय चीर धरा का
धान का बीज बोते
जो सींचते नित निज लहू से फसलें
देश को है अन्न देते
जय उनकी जिनका ही उद्यम
चलता कल खानों में भी
उनकी परिश्रमशीलता ही
मिट्टी से है सोना उगाती

ये जवान वे किसान
बलिदान की परिभाषा है
त्याग की पराकाष्ठा है
वे ही भारत राष्ट्र की प्रतिष्ठा है

जिनसे है गंगा जमुना सतलज सिंध
जिनसे है हिमाद्री नील दक्कन विन्ध्य
जिनसे ही कश्मीर कन्याकुमारी
जिनसे गुजरात बंग
जिनसे ही असली जन गण के अधिनायक
करते है भाग्य विधान
जय जवान जय किसान
- पलकेश सोनी

Heart Touching Patriotic Poem In Hindi

ये हिंदुस्तान हमारा है
मेरा प्यारा भारत जो सब देशों से प्यारा है
मेरा भारत महान ये हम सबका नारा है
ये हिंदुस्तान हमारा है
कोई मजहब भाषा और जाति का भेद नहीं इस देश में
मिलकर हम सब रहते है एक ही परिवेश में
यहाँ भावनाओं का सम्मान है न किसी का अपमान है
मेरा प्यारा भारत जो.... ये हिंदुस्तान हमारा है

करते है सम्मान हम एक दूजे के त्यौहार का
खुशियों में खो जाए जैसे रंग यही हो पयार का
यही भारत की है संस्कृति ये भारत का सोहार्द है
मेरा प्यारा भारत जो सब देशों से प्यारा है
ये हिंदुस्तान हमारा है.........

कोई आँख उठाकर देखेगा या देश को तोड़ेगा
मजबूत इरादों वाली सेना उनकी हड्डी तोड़ेगी
ये हिंदुस्तान की सेना है ये हिंदुस्तान की ताकत है
न टकराना प्यारे मालूम कहाँ ठिकाना है
ये हिंदुस्तान हमारा है
मेरा प्यारा भारत जो सब देशों से प्यारा है
मेरा भारत महान ये हम सबका नारा है
ये हिंदुस्तान हमारा है
- कुमारी विपश्यना सहाने

Patriotic Poem On Republic Day In Hindi

प्यारे देशवासियों राष्ट्र को आदर सत्कार दो
आत्म निर्भर भारत बने देश को उपहार दो

अन्तः करण में सहेजिए स्मृतियाँ स्वाभिमान की
नव पीढ़ी में उदित करो प्रवृत्तियां उत्थान की
गाथाएं अनगिनत इतिहास में है वीरों के गुणगान की
मंगलमय हो भविष्य सबका जय हो हिंदुस्तान की
नन्हें मुन्ने बच्चों को अच्छे पुण्य संस्कार दो
आत्म निर्भर भारत बने देश को उपहार दो
प्यारे देशवासियों............

स्वच्छ रहे स्वस्थ रहे घड़ी नहीं विश्राम की
सामर्थ्य को बढ़ाते रहो कमी नहीं है काम की
पूण्य धरा पावन कर्म संस्कृति है प्रणाम की
सुखमयी जीवन हो सबका जय बोलो श्रीराम की
हष्ट पुष्ट तन्दुरस्त रहो भारत को दृढ आधार दो
आत्म निर्भर भारत बने देश को उपहार दो
प्यारे देशवासियों.............

शिक्षा को शस्त्र बनाओं नींव रखो अभ्यास की
कामयाबी दूर नहीं है, आवश्यकता प्रयास की
आज नहीं तो कल सही जय होती है विश्वास की
घर घर झांकी सजेगी ख़ुशी उल्लास की
ज्ञानवान गुणवान बनो बुद्धि को विस्तार दो
आत्मनिर्भर भारत बनें देश को उपहार दो
प्यारे देशवासियों.............

कृषि करो फूलो फलो बढ़ाओ चाल की
मेहनत की खेती से मिलते हाथी घोडा पालकी
कल किसने देखा चिंता करो फिलहाल की
संकल्पों से राह खुलेगी नवजीवन नये साल की
जय जवान जय किसान जय विज्ञान को आकार दो
आत्म निर्भर भारत बने देश को उपहार दो
प्यारे देशवासियों...........

Best Patriotic Poem In Hindi

स्वतंत्र भारत गणतन्त्र भारत
वतन ये सबसे प्रिय है
मुझे गर्व है मैं जन्मा
इस देश ए अतुल्य में
भाग्य विधाता है साथ जिसके
वह मेरा भारत देश है

स्वदेश है हिन्द देश है
भारत मेरा सर्वश्रेष्ठ है
बहुमूल्य है संस्कृति जिसकी
और अतुल्य जिसकी विरासत है
वह मेरा भारत देश है
जो सर्वशक्तिमान है
बहुलता है पहचान जिसकी
सजा ताज जिसके शीश पर

वो मेरा हिंदुस्तान है
जो सर्वदा महान है
गर्व है उन सेनानियों पर
जिनसे पाई स्वतंत्रता हमने है
जिनकी यह माटी थकती नहीं
दे देकर धन्यवाद है
खून देकर दी थी कीमत
हमारी इस आजादी की
बलिदान दी थी जीवन की पूंजी

लिए हमारे इस स्वराज्य की
शान रहेगी भारत की सबसे ऊंची
यह मेरा वतन ए गुलिस्तान है]
नमन देश की माटी को मेरा
जिसने सींचे फूल ए महान है
भारत है माता हमारी
और हम इस की सन्तान है
सलाम करता ह्रदय मेरा

जब देखू इसके तिरंगे को
है सादगी अंदर इसके
जो लाती मन में प्रीती है
इसके सादगी से मन में मेरे
जागृत होती भावना देश के
प्रति प्रेम की
यह भावना मन में मेरे
पहुचाती शांति बड़े सुकून की
सम्मान देता कण कण मेरा

अपनी मातृभूमि के प्रेम को
यह मेरा भारत देश है
जो जान से भी प्यारा है
इस देश के लिए मर मिटेगे
पर शीश कभी ना झुकने देंगे
दुश्मनों पर सदा विजयी
पर मेरा देश शांतिप्रिय है
मैं वह भारतीय हूँ

जो करता भारत से प्रेम है
मेरी जान भी है भारती
और शान भी है भारती
वन्दना करे हम सब तेरी
तू है विधाता हमारे भाग्य की
तू है सबकी भारत माता
तेरी महिमा अति निराली हैं

और सेना तेरी अति बलशाली हैं
सब कुछ उपजे माटी में तेरे
देश में रहे सदा खुशहाली
सदा सम्पन्नता रहे जहाँ पर
वहां रहे भारत की जनता न्यारी है
सब कुछ न्यौछावर है तुझ पर
तू करती सिंह पर सवारी है

तेरा तिरंगा है अति मनभावन
जिसकी रक्षा करे सेनानी है
जय हिन्द जय भारत
- शिवम चतुर्वेदी

Patriotic Kavita In Hindi

हम शूर अखंडित भारत के, माँ भारत की सन्तान सभी
है प्राण देह में जब तक भी, जाने ना देंगे आन कभी

उस राणा की सन्तान है हम, जिसने शत्रु को चीर दिया
हो रत उस घातक चेतक पर, रण में भीषण संग्राम किया

उस माँ का हमने क्षीर पिया, जिससे भयभीत जमाना था
मेरे देश की नारी शक्ति का, हर मतवाला दीवाना था

याद करो उस पृथ्वी को जिससे गौरी अकुलाता था
चक्षु को खोकर के भी जो नाराच से मार गिराता था

न्र से लेकर हर अश्व यहाँ साहस अद्भुत दिखलाता था
रण में चौकडी भर भर कर चेतक बादल इठलाता था

ए वीर बांकुरो जाग उठो माँ भारत का आंचल सेजो
है कौन यहाँ जो रोकेगा तुम साहस तो करके देखो

है मार्ग तो बाधाएं भी है अडचन विरति है निवारण भी
तुझ सा कौशल औरों में कहाँ क्यूँ डरता है बिन कारण ही

आडम्बर में अविलम्ब न कर रत नेत्रों में विश्राम कहाँ
अविराम रमण करने वाली पावन वेला में विश्राम कहाँ

है कीर्ति का यह साधन भी तुम हेतु तो बनके देखो
आँखों में सपनों को लेकर कभी सागर तो भरके देखो

मेरे देश कि पावन भूमि पर जो त्याग तपोवन धारी है
अधिकारी सृजन सुहावन की वो मेरे देश की नारी हैं

कुछ आये थे कुछ चले गये कुछ अजर अमर अविनाशी हैं
कुछ हुए अमर निज कर्मों से संघर्ष अभी तक जारी हैं
- प्रथम सिंह परिहार

Patriotic Poem In Hindi For Independence Day

बस दिन महीनों की बात नहीं
वह सदियों का संग्राम हुआ

किसी के घर का एकल चिराग
किसी के घर की प्यारी बिटिया
मिलकर डटकर जब खूब लड़े
तब कहीं जाकर यह काम हुआ
बस दिन महीनों.........

किसी ने अपना घर भी छोड़ा
किसी ने तोड़े सब मोह पाश
होने स्वतंत्र सब डटे रहे
तब कहीं जाकर यह नाम हुआ
बस दिन महीनों..........


किसी ने विचार को अपनाया
किसी ने बाहुबल दिखलाया
स्वाधीन बने एक भाव रखा
तब कहीं जाकर यह काम हुआ
बस दिन महीनों

कभी सत्तावन की आंधी थी
कभी सैंतालिस का महा ज्वर
जब बलिदानों की बाढ़ चली
तब कहीं जाकर आराम हुआ

बस दिन महीनों की बात नहीं
वह सदियों का संग्राम हुआ

Small Patriotic Poem In Hindi

फौजियों की आन बान शान भारत देश है
इन सभी का सुख चैन नींद भारत देश है

माता पिता भाई बहन से बढ़कर देश प्रेम है
पत्नी बाल बच्चे इन सबसे आगे देश है
जंग की लड़ाई में डटकर चढाई करते है

दुश्मनों को मार गिरा खुद जान की बाजी खेलते है
जान माल परिवार के मोह से पहले देश है
फौजियों की आन बान शान भारत देश है

होते है शहीद जो वो गर्व की मौत मरते है
विधवा नारे और उनके बच्चे फक्र के साथ जीते है
रक्षा सुरक्षा और बलिदान इनका यह वेश है

फौजियों की आन बान शान भारत देश है
इन सभी का सुख चैन नींद भारत देश है
- रवि बमणके

Patriotic Poem In Hindi For Republic Day

"अपना प्यारा भारत"

प्रेम सुधा की जहां धार है,
अपना प्यारा भारत है।
मर्यादा का जहां सार है,
अपना प्यारा भारत है।।

कर्मभक्ति का जहां पाठ है,
अपना प्यारा भारत है।
गंगा मां का पुण्य घाट है,
अपना प्यारा भारत है।।

भीष्म प्रतिज्ञा करने वाला,
अपना प्यारा भारत है।
वचन की खातिर मरने वाला,
अपना प्यारा भारत है।।

महाराणा के भालों वाला,
अपना प्यारा भारत है।
फडुए और कुदालों वाला,
अपना प्यारा भारत है।।

स्वरचित मौलिक
रचनाकार:-सोनू मीना

Desh Bhakti Poetry In Hindi

कर्तव्य है हमारा
जिन वीरो ने हमे आजाद है कराया
कतरा कतरा उन्होने स्वाधीनता में बहाया
करे हम नमन जिन्होंने देश आजाद कराया,
'ये वतन है हमारा हम इसे मोती बनाएगे
कर्तव्य है हमारा कर्तव्य हम निभाएगे,
टूटेगी ना ऐसी मंजिल हम बनाएगे
उठेगे पड़ेगे फिर भी संभल हम जाएगे
बिना पंख हम उड़ कर बताएगे ,
स्वाधीनता रिश्ता हम ऐसे निभाएगे
जंग के मैदान में हैम शौर्य दिखाएगें ,
विश्वास का दिया हम रोज जलाएंगे
कर्तव्य है निभाना कर्तव्य हम निभाएगे

Patriotic Poem In Hindi For Class 5

भारत मेरा देश है इस पर गर्व विशेष है
वीरों की यह पावन भूमि पावनहार प्रदेश है
जन्म लिया है इस मिट्टी में भाग्य मेरा सर्वेश है
भारत मेरा देश है इस पर गर्व विशेष है

देश मेरा रंगीला यारों निराले इसके परिवेश है
भाषा का हर क्षेत्र अलग अलग उनका गुणगान है
बलिदानों से सनी मिट्टी जीवंत हर अवशेष है
भारत मेरा देश है इस पर गर्व विदेश है

पहाड़ नदियाँ झील और झरने भाषा बोली जाए न बरते
राम कृष्ण के संस्कार समाएं पावन उनके कर्म करने
तीज त्यौहार या आतिथ्य सत्कार ये कहना भी शेष है
भारत मेरा देश है इस पर गर्व विशेष है

Patriotic Poem In Hindi For Class 4

कुछ लोग खड़े है सरहद पर जान हथेली के लिए चलते है
वह इन्सान नहीं खुदा के फरिश्ते मालूम पड़ते है
बदन पर वर्दी दिल में मुकाम लिए चलते है
कतरा कतरा साँसों का वतन के नाम किये चलते है

लोग देश बांटते जाति धर्म और शहरों से
अपने और गैरों से
वो खड़े वहां कई दिन रात और पहरों से
ईमान में उनके इंसानियत हर मजहब की सेवा करते है
जात धर्म ना देखते दिल में बस हिंदुस्तान रखते है

तूफ़ान आंधी बर्फ पानी ना किसी से डरते है
भारत माँ का नाम लिए दुश्मन से ये लड़ते है
ऐसे लाल सपूत ही तो मेरे देश की शान बढाते है
देश के लिए जीते है और देश के लिए ही मरते है

देश इनसे और यह देश से जाने जाते है
वतन की हिफाजत में यह अपने प्राण लुटाते है
मौत भी क्या मारेगी उनको जो मरकर भी जी जाते है
ऐसे सूर्य वीर यौद्धा सरहद पर देखे जाते है
- सृष्टि जैन

Patriotic Poems In Hindi For Class Nursery

निजमातृभूमि को शीश नवा प्रकट उदगार करती हूँ]
ह्रदय में बसता है भारत उस बारे में बाते चार करती हूँ
शीर्ष पर मुकुट हिमाला है वक्ष पर राज्य रूपी मोती की माला है
कटी में महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा की करधनी शौभित
शोभा एवं उमंग है हर अंग अंग की निराली
चरण में शोभित केरल की हरियाली
मुक्त श्रंगारित धानी भारती दुल्हन
विचरती है कश्मीर से कन्याकुमारी
अपने प्रिय वासियों पर नित बरसाती प्रेम व स्नेह की लाली
गर दुश्मन आँख दिखाए हमको तो बन जाती है काली
धरती माँ तेरे स्नेह से सिंचित मेरा जीवन
धन्य मैं इस काया को समझती हूँ
न्यौछावर कर दूंगी मैं तुझ पर सब
वक्त आने पर यह प्रण भी करती हूँ
तुम छूलो हर बुलंदी को तुम्हारा नाम हो रोशन
नित यही दुआ व कामना बारम्बार करती हूँ
इस पवित्र भूमि पर जन्म लिया इसका सम्मान करती हूँ
उर अंतर से गदगद होकर मैं पुनः प्रणाम करती हूँ.
- श्रुति शर्मा

Famous Patriotic Poems In Hindi

ठहरो सुनो मेरे देश की स्वतंत्रता की कहानी
अमर यौद्धाओं के इतिहास की कहानी

हाँ यह आजादी हमने संघर्ष से पाई थी
पाने में इसे कई वीरों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी

तभी तो नाज है हमे हमारे वतन पर
उन यौद्धाओं के बलिदान के किस्सों पर

दिन वह सबसे अनमोल है
जब आसमां में बिखरे थे आजादी के रंग
झूम उठा था हर दिल
ख़ुशी से अपनों के संग

वक्त कठिन था जब मुकाम हमारा था
हर देशभक्त की जुबां पर जयहिंद का नारा था

उगते हुए सूरज में जज्बे की एक चमक सी थी
उड़ते हुए परिंदों में बुलंद हौसलों की एक उड़ान सी थी

मेरे देश की यह कहानी तो एक अमर गाथा है
शौर्य निडरता और तत्परता का सटीक उदाहरण हैं.
- गुरप्रीत कौर बल

Short Poem On Desh Bhakti In Hindi For Class 9

अपना प्यारा भारत देश हमारा जन जन का न्यारा
बली बली जाऊं इस वतन पर यही है मान हमारा

इस धरती में पवित्र नदियाँ की बहती निर्मल धारा
खड़ा हिमालय शीश हमारे जो है रखवाला

ज्ञान दिया विश्व को अपनी अमिट छाया
सत्य अहिंसा का पाठ सीखा कर मिटा दिया अधियारा

पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण की विविधता में एकता हमारी
गीता बाइबिल कुरआन ने दिया सिखा उजियारा

वीरों की इस भूमि में रचा यह इतिहास है
माटी के कण कण में बसा हुआ हिंदुस्तान है

जहाँ पूजी जाती नारी ऐसा देश हमारा महान है
जन जन की वाणी में दिया यह संदेश है

राम की इस पावन धरा पर पुरुषों में उत्तम राम है
जय जय ऐसी धरती की जन्मा महान है

भाईचारा की भावना से ओत प्रेत ये आसमान है
नमन है ऐसी मातृभूमि को दिया जिसने अभियान है

सारे जग में छाप हमारी ऐसा हिंदुस्तान है
बलि जाऊं इस यह मेरा अभियान है.

Small Poem On Desh Bhakti In Hindi

जबर्दस्त नफा लेकर आती है योमे आजादी
फरमान ए वफा लेकर आती है योमे आजादी
कसमें हब्ब अलोतनी की निभाती है योमे आजादी
सबको दिले को छा जाती है योमे आजादी

ताईद हुकुमत निभाती है योमे आजादी
हजारों खुशियाँ लेकर आती है योमे आजादी

जागी थी आज हिन्दुस्तान की आत्मा]

पैदाइश नये मुल्क की फिरंगियों का खात्मा
वतन को मिला आज आजादी का ताज
गुलामी से दूर एक माकूल समाज

आदमियत याद दिलाती है योमे आजादी
हजारों खुशियाँ लेकर आती है योमे आजादी

शहीदों की कुर्बानियों का नतीजा है
गांधी नेहरु आजाद का कलेजा है
कितने ने ही इसे अपनी जान गंवाकर
तिनका तिनका करके सहेजा है

गुमराहों को रास्ता दिखाती है योमे आजादी
हजारो खुशियाँ लेकर आती है योमे आजादी
- ओजस्वी शर्मा

Patriotic Poem In Hindi By Famous Poets

15 अगस्त की आजादी से लेकर
26 जनवरी के संविधान तक है मेरा वतन

वंदेमातरम् के गर्व से लेकर
शहीदों के बलिदान तक है मेरा वतन

गीता के श्लोक से लेकर
कुरआन की आयत तक है मेरा वतन

ताजमहल की चमक से लेकर
कुतुबमीनार की ऊंचाई तक है मेरा वतन

हरे लाल रंग के मेल से लेकर
तिरंगे की शान तक है मेरा वतन

संस्कृत के वर्ण से लेकर
ऊर्दू की मिठास तक है मेरा वतन

बादशाहों की हुकुमत से लेकर
नवाबों के रौब तक है मेरा वतन

देश के प्यार से लेकर
उस देश पर फ़िदा होने तक है मेरा वतन

उस देश की मिट्टी की खुशबू से लेकर
उस देश के नमक के स्वाद तक है मेरा वतन

हर हिन्दुस्तानी के दिल में है मेरा वतन
रग रग में है हम सबके मेरा वतन
- फरहीन दाउदी

Patriotic Poem In Hindi For Class 10

देश को तो तुम अपना कहते हो
पर क्या इस बात को अपने दिल में रखते हो
कश्मीर की वादियों के हक के लिए तुम लड़ते हो
पर क्या कभी सरहद पर खड़े सिपाहियों की भी चिंता करते हो
तुम स्वतंत्रता के गीत तो गाते बहुत हो पर
क्या तुम कभी शहीद संग्रामियो के लिए भी नतमस्तक हो जाते हो

झंडा तो तुम हर साल फहराते हो पर
क्या किसी और दिन भी झंडा उठाकर अपने दिल से लगाते हो
कहते हैं जन गण मन तो हमारी शान है पर
थिएटर में इसको गाना भी तो एक इम्तिहान है

स्वतंत्रता तो शहीदों के खून में लिपटी इनाम है पर
इसको संरक्षित रखना हर एक भारतवासी का काम है
खूब लड़ी मर्दानी वाली रानी पर गर्व तो बड़ा बताते हो पर
क्या समाज से पीड़ित औरत के हक के लिए लड़ जाते हो
स्वदेशी स्वदेशी तो जोर जोर से चिल्लाते हो फिर
इट्स नोट गुड बोलकर आगे क्यों निकल जाते हो

गंगा में तो तुम पाप धोने जाते हो फिर
क्यों उसे ही गंदा कर आते हो
स्वच्छ भारत लक्ष्य को तो तुम अपना बताते हो
फिर सडकों पर कचरा पड़ा देखकर आगे क्यों बढ़ जाते हो
फेसबुक पर स्वतंत्रता दिवस के पोस्ट तो सब डालते है पर
क्या तुम स्वतंत्रता का सही मतलब भी जानते हो
यह महज एक सवाल नहीं है जिस दिन खुद से इनका जवाब मागोगे
उस दिन एक अलग ही देशभक्त बन जाओगे

Patriotic Poem For Republic Day In Hindi

अनेकता मै भी एकता थी,
यही भारतियों की शान है।
कितने वीरो ने वीरगति प्राप्त करली
इसिलिए तो वह हर भरतीय के लिये,
महान है।
बिना अहिंसा के भी पिता की छाया मै,
अजादी प्राप्त करली इसलिये
तो भारत मेरी जान है।
उन वीरो पर सभी को मान,
उन सब की राह पर चलने मै
ही सबका कल्यान है।
इफरा क़ुरेशी

Ramdhari Singh Dinkar Patriotic Poems

गुन-गुन करता आया भंवरा,छेडे इक ही तान
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,है हम सब की शान
मिली विरासत में आजादी,कीमत इसकी जाने
अमर शहीदों से श्रध्दा से,मिलकर शीश झुकाये
हँसते-हँसते देश के खातिर,दे दी अपनी जान
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,है हम सब की शान
आओ हम सब मिलके,काम बडा़ कर जाये
अपने प्यारे हिन्दोस्तां को,जग में श्रष्ठ बनाये
देश की उन्नति से ही होगा,हम सबका उत्थान
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,है हम सब की शान।

Patriotic Poems In Hindi By Rabindranath Tagore

भारतमाता
ग्राम-वासिनी
खेतो मे फैला है श्याषमल
धूल भरा मैला-सा अचल
गगा-यमुना मे ऑसू-जल
मिटी की प्रतिममा उदासिनी
दैन्यन-जडिन अपलक नत चितवन
अधरो मे चिर नीरव रोदन
युग-युग के तम से विषण्णत मन
वह अपने धर मे प्रवासिनी

Best Patriotic Poems In Hindi

शोर मचा है चारों ओर
बजे नगाड़े और ढोल
दिल से गला चीर के निकली पुकार
रूह से रोम तक नस नस में
फिर सुनने में आया वही जयजय कार घोष
फिर से जश्न ए हिंदुस्तान आया
आओ फिर हम भी शामिल हो
इसी शोर इसी घोष में
आज फिर भारत स्वतंत्रता के गान गाएगा
जन गण मन अधिनायक जय हे
वंदेमातरम् के गीत
भारत माता की जय, भारत माता की जय
साथ ही जय जवान जय किसान
शामिल होंगे वीर रण नायक और शहीद
जिन्होंने हस्ते हस्ते कुर्बान कर दिए जान
जान ए वतन के नाम 
कायरों से भेडिये तक दहल फिर जाएगे जयघोष के नारों से
बजा दो फिर एक बार गाना वीर जवानों के
बजाओ फिर ढोल नगाडो और शंखो क
लहरा दो तीन रंग का प्यारा झंडा सदा ऊँचा रहे हमारा
विजय विश्व तिरंगा प्यारा
सबसे अच्छा प्यारा भारत हमारा
विजय विश्व तिरंगा प्यारा

Hindi Patriotic Poem For Republic Day

सुनो ध्यान से भारतवासी
कथा सुनाता वीरों की
उन वीरों की महावीरों की
जो हमे दिला गये आजादी
कोई लड़ा था दम खम से
तो कोई लड़ा था अनशन से
कोई खेला था खून की होली
कोई झेला था बम और गोली
कोई चढ़ा था फंदे पर
तो कोई चला रहा था कंदे पर
देख कर उत्साह वीरों का
कोहराम मचा था लन्दन में
अंग्रेजों की नीव झुका दी
भारत माँ के नन्दन ने
हम सबको स्वाधीन बना गये
भारत माँ के नन्दन रे
- आदर्श साहू

A Patriotic Poem In Hindi

स्वतन्त्रता संग्राम में वीरों का अतुलनीय बलिदान
नहीं गया व्यर्थ बनी रही भारत की शान

स्वाभिमान से हमने गौरव है पाया
भारत माता के पुत्रों ने लहू से अपना कर्ज चुकाया

नहीं डरे वह वीर जिन्होंने आजादी की कसम खाई थी
अंग्रेजों से पीछे न हटने की उन्होंने रणनीति बनाई थी

आजादी के लिए चली देश की बहुत लम्बी लड़ाई थी
हुआ स्वतंत्र देश 1947 को घर घर खुशहाली छाई थी

हुआ स्वतंत्र यह देश हमारा ना जाने कितनों ने जान गवाई थी
सलाम उन रणबाकुरो को जिन्होंने अंग्रेजों को धूल चटाई थी

अहिंसा के पथ पर चलना बापू ने हमको सिखलाया था
नमक सत्याग्रह जैसे आंदोलन ब्रिटिश के खिलाफ चलाया था

धन्य धन्य वह देश जहाँ चन्द्रशेखर सुभाष जैसे शूरवीर हुए
ऐसी धरती को शत शत नमन जहाँ सम्मान से हर एक के शीश झुके

जिस तरह एकजुटता से हमने लड़ी लड़ाई थी
ली प्रतिज्ञा आजादी की अंग्रेजों को धूल चटाई थी

आज फिर उसी प्रतिज्ञा संग एकजुटता से आना है
कोरोनावायरस से लड़ने के लिए मोदी जी के कदम से कदम मिलाना है
होगा कोरोना मुक्त देश हमारा सोशल दिस्टेंसिंग का पालन करना है
कोरोना मुक्त भारत होगा आत्मनिर्भरता तथा विकासशीलता के पथ पर आगे बढना है
- श्रीयम सिंह बघेल

वीर रस की देशभक्ति कविता

गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
जवानों के देश प्रेम के
जज्बे को
पल पल हम करे सलाम
सरहद पर वे जान लुटाते

करते इस देश के कण कण की
सुरक्षा का इंतजाम
दुश्मन के आते ही मिट जाता
उसका नामोनिशान
हिन्दू जैन सिख ईसाई
नहीं यहाँ किसी का नाम

जानो पर जो खेल जाए
वह ही सच्चा जवान
माँ के आंचल में लिपटकर सोना
भारत माँ के आंचल के समान
आँख बंद करे तो याद आये
बस देश सुबह या शाम
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
अन्न देते वो हमें
अन्न उगाना उनका काम
अगर अन्न हमें ना मिले

तो जीवन हमारा लगे जैसे
जल बिन मीन का धाम
दिन रात करते है वो काम
हंसी ख़ुशी लोगों के नाम
उनके सानिध्य को पाकर
कहते है हम उन्हें किसान
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
इसरो ने ऊंचाई छुई
मार्स पर हुआ एक नया मुकाम

गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
एनक पहने लाठी पकड़े
बापू थे देश की शान
दांडी सत्याग्रह यात्रा से
बने महात्मा बड़े महान
रानी लक्ष्मीबाई सरोजनी नायडू
थी देश की आन
आजादी के बाद फिर

मिसाइल मैंन बने अब्दुल कलाम
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
भारत माता के चरणों में
मेरा यही प्रणाम
इनके सर का ताज है
हमारा और मोदीजी का
स्वाभिमान
सोते जागते यही चाहे
बड़े देश का मान
बड़े देश का मान
गर्व करे इस देश पर
इसमें देशभक्ति महान

उठ जाग मुसाफ़िर - वंशीधर शुक्ल

उठ जाग़ मुसाफिर! भौर भई, 
अब रैंन कहां जो सोवत हैं। 
जो सोवत हैं सो ख़ोवत हैं, 
जो ज़ागत हैं सो पावत हैं। 

ऊठ जाग मुसाफिर! भौर भई, 
अब रैंन कहां जो सोवत हैं। 
टुक नीद से अखियाँ ख़ोल जरा 
पल अपने प्रभू से ध्यान लगा, 
यह प्रीति करन की रीति नही 

ज़ग जागत हैं, तू सौवत हैं। 
तू जाग जगत की देख़ उडन, 
जग जागा तेरें बंद नयन, 
यह ज़न जाग्रति की बेला हैं, 

तू नीद की गठरी ढ़ोवत है। 
लड़ना वीरों का पेशा है, 
इसमे कुछ भी न अदेशा है; 
तू किस गफलत मे पड़ा-पड़ा 

आलस में जीवन ख़ौवत है। 
है आजादी ही लक्ष्य तेरा, 
उसमे अब देर लगा न ज़रा; 
जब सारी दुनियां जाग उठीं 
तू सर खुज़लावत रोवत है। 
उठ जाग मुसाफ़िर! भोर भई 
अब रैंन कहाँ जो सोवत है। 

Poem on Desh Bhakti in Hindi – जय जय प्यारा, जग से न्यारा

जय जय प्यारा, ज़ग से न्यारा,
शौ भित सारा, देश हमारा,
ज़गत-मुक़ुट, ज़गदीश दुलारा
ज़ग-सौभाग्य सुदेश!
जय जय प्यारा भारत देश।

प्यारा देश, ज़य देशेश,
ज़य अशेष, सदस्य विशेंष,
जहां न सम्भव अध का लेश,
क़ेवल पुण्य प्रवेश।
ज़य ज़य प्यारा भारत देश।

स्वर्गिक़ शीश-फ़ूल पृथ्वी का,
प्रेम मूल, प्रिय लोक़त्रयी का,
सुललिंत प्रकृति नटीं का टीका
ज्यो निशि का राक़ेश।
ज़य ज़य प्यारा भारत देश।

ज़य जय शुभ्र हिमाचल शृगा
क़लरव-निरत क़लोलिनी गंगा
भानु प्रताप-चमत्कृत अंगा,
तेज़ पुंज़ तपवेश।
ज़य जय प्यारा भारत देश।

ज़ग मे क़ोटि-कोटि ज़ुग जीवे,
जीवन-सुलभ अमीं-रस पीवें,
सुख़द वितान सुकृत का सीवें,
रहें स्वतंत्र हमेशा
ज़य जय प्यारा भारत देश।
-  श्रीधर पाठक

उम्मीद करता हूँ दोस्तों देशभक्ति पर कविता 2024 | Patriotic Poems in Hindi   का यह कहानी संग्रह आपको पसंद आया होगा. यदि आपको देशभक्ति की ये कविताएँ पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मिडिया पर इस आर्टिकल को जरुर शेयर करें.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें