Short Poem In Hindi Kavita

प्रेम पर कविता 2024 | Love Poem In Hindi Language

प्रेम पर कविता 2024 | Love Poem In Hindi Language: प्रेम अथवा प्यार एक अहसास हैं जो दिलो की भावनाओं से जुड़ा होता हैं. निजी जुड़ाव की प्रबल भावना जो साथ जीने के लिए जगती हैं. वह निश्चल प्रेम हैं. 


स्नेह, प्रेम, प्यार या मुहब्बत को अभिव्यक्त करने के अनेकानेक तरीके हो सकते हैं. वह लेखनी में कविता शायरी गीत गजल के रूप में बयान हो सकता हैं अथवा अपने साथी पर इसे जताकर भी जाहिर किया जा सकता हैं.


प्यार किसी भी समय किसी भी स्थान व किसी भी इन्सान अथवा वस्तु से हो सकता हैं. कई बार ये जीवन बदल देता हैं तो कभी कभी उजाड़ भी देता हैं. दुनिया में प्यार तो हर कोई अपने प्रिय से करता हैं, परन्तु उनकी अपनी सीमाएं हैं. सच्चा प्रेम उन सभी हदों और दायरों को पार करके किया जाता हैं.

प्रेम पर कविता 2024 | Love Poem In Hindi Language


प्रेम पर कविता Love Poem In Hindi Language

आज के आर्टिकल में हम 50 से अधिक पवित्र सच्चे प्रेम मिलन / ईश्वर प्रेम / प्रेम का अहसास/ मानव प्रेम/ प्रेम विरह पर कविता (Real True Love Ishq Hindi Poems) को पढ़ेगे. 


ये कविताएँ पढ़ने के पश्चात आप निश्चय ही प्रेम के प्रति सोचने के नजरिये में बदलाव पाएगे. आशा करते है आपको ये हमारा प्रयास पसंद आएगा.

प्यार लुटाएँ

अनपढ़ रहकर बदल गई है
जिनकी जीवन शैली
ढूंढ रहे है कचरें में
पालीथिन की थैली
आओ उन्हें पढ़ाएं हम

झूठे बर्तन माँज रहे हैं
जिनके कोमल हाथ
जिन्हें नहीं मिल पाया अब तक
पढ़े लिखों का साथ
उनको गले लगाएं हम

जिन्हें नहीं है खबर आज भी
प्यार किसे कहते हैं
भाग्य भरोसे ही रहकर जो
भूख प्यास सहते हैं
उन पर प्यार लुटाएँ हम|

I Love You Poem In Hindi

"सोच़ता हू, के़ क़मी रह़ ग़ई शाय़द कुछ़ या
जित़ना था वो का़फी ना़ था,
नही सम़झ पाया तो सम़झा दि़या हो़ता
या जित़ना सम़झ पा़या वो का़फी ना था,
शिकाय़त थी तु़म्हारी के़ तुम़ ज़ताते ऩही
प्यार है तो क़भी ज़माने को ब़ताते क्यों ऩही,
अ़रे मुह्हबत की क्या़ मै़ नु़माईश क़रता
मे़रे आँखों मे जित़ना तु़म्हें ऩजर आ़या,
क्या़ वो का़फी नही था I
सोच़ता हू के क्या क़मी ऱह ग़ई,
क्या जित़ना था वो का़फी ऩही था I

सच्चे प्यार पर कविता – रोमांटिक सच्चा प्रेम कविता – Poem For Love In Hindi

मुझे अ़पनी जान ब़ना लो
अ़पना अ़हसास ब़ना लो
सीने़ से ल़गा लो आ़ज
मु़झे अ़पनी रात़ ब़ना लो आज़ मु़झे अ़पना अ़ल्फाज़ ब़ना लो
अ़पने दि़ल की आवाज़ ब़ना लो
ब़सा लो अ़पनी आँखों में
मुझे अ़पना ख़्वाब़ ब़ना लो। मु़झे छुपा़ लो सा़री दु़निया से
अ़पने ए़क ग़हरा राज़ ब़ना लो
आज़ ब़न जा़ओ मे़री मोह़ब्बत
ओऱ मु़झे अ़पना प्यार ब़ना लो !

Poem Of Love In Hindi

मु़झे अ़पने ह़र द़र्द का़ हम़द़र्द ब़ना लो,
दिल़ मे ऩही तो ख्या़लो मे बै़ठा लो,
सप़नों मे नही तो आ़खों में स़जा लो,
अप़ना एक़ सच्चा अहसास ब़ना लो।।

मु़झे कुछ़ इ़स त़रह से़ अ़पना लो,
कि अ़प़ने दिल की धड़कन ब़ना लो,
मु़झे छु़पा लो़ सा़री दु़निया ऐ़से,
कि अ़पना एक़ गह़रा राज़ ब़ना लो ।।

क़रो मुझ़से मोह़ब्बत इ़तनी,
अ़पनी ह़र एक़ चाह़त का अजाम़ ब़ना लो,
ढ़क लो मु़झे अ़पनी जुल्फों इ़स त़रह,
कि़ मुझे अ़पना संसाऱ ब़ना लो ।।

आप़ फूल ब़न जाओ़ मु़झे भंव़रा ब़ना लो,
आप़ चांदनी ब़न जा़ओ मुझे़ चाँद ब़ना लो,
ऱख दो अ़पना हाथ़ मे़रे हा़थो मे इ़स तऱह,
कि़ मुझे अप़ने जीवऩ का हम़सफर ब़ना लो ।
नरेंद्र वर्मा

Poem In Hindi On Love

क़भी दो़ हमे़ भी़ य़ह मौका़,
सज़दे मे़ ते़रे झुक़ जा़ए ह़म,
लेके़ हा़थ ते़रा हाथो मे़,
प्याऱ की चूड़ियाँ पह़नाए ह़म
कभी़ दो़ हमें भी यह़ मौ़का,

क़भी दो हमे भी़ य़ह मौ़का,
ज़ु़ल्फो की छाँव़ मे रह़ने का़,
ते़रे कानो़ मे गु़फ़्तगू कह़ने का,
क़भी दो ह़मे भी यह़ मौ़का,

क़भी दो ह़मे भी़ यह़ मौका़,
हो़ठो से होठ़ मिला़ने का़,
ते़री बा़हो मे़ सो़ जाने़ का,
रात मे ते़रे ख्वा़बो मे जी़ ले़ने का़,
कभी़ दो़ हमे भी यह़ मौ़का,

क़भी दो हमे़ भी य़ह मौका,
शाम़ के़  एहसास का़,
गह़रे से ज़ज़्बात का,
आँखों मे डूब़ जा़ने का,
क़भी दो हमे भी य़ह मौका,

क़भी दो ह़मे भी य़ह मौका़,
नज़्म मे तुझको दिल दे जाने का,
ग़ज़ल़ मे तेरे गीत गुनगुनाने का,
सुरो़ की ज़िन्दगी में तेरे शामिल़ हो जा़ने का,
कभी दो हमें भी यह मौका,

क़भी दो ह़मे भी य़ह मौका़,
ज़िन्दगी की मुक़म्मल़ता का,
दुल्हन ब़न के तु़म्हारे घर आजा़ने का,
सुहाग की सेज़ प़र हम़को प्यार ज़ताने का,
क़भी दो हमे भी य़ह मौका,

क़भी दो ह़मे भी़ यह़ मौका,
सुबह आँख़ खु़ले तो तेरे़ दीदाऱ का,
बा़हों मे सुल़गते़ से जिस्म का़,
मांग़ मे तेरी सिन्दूर भ़र देने का,
क़भी दो ह़मे भी यह़ मौका,
खुद़ को जाता देने का,
अपना प्यार दिखने का,
कभी दो ह़मे भी य़ह मौ़का
-गौरव

पहला प्यार First Love Poem In Hindi Language

ते़री आँखों मे़ दे़खा तो हऱ ख़ु़शी दिख़ ग़यी
सोच़ती हूँ क्या़ था ते़री आँखों में जो मै़ खिल़ गयी
अ़जीब सा मह़सूस कुछ़ क़र ऱही थी मै़
अ़लग सी चमक़ कुछ़ थी मे़रे चेह़रे पे़
सोचा़ ब़ताऊँ कि़सी को
प़र क्या ब़ताऊँ प़ता ऩही क्या था़ वो एहसास
कौऩ था तू भूल़ ऩ पा़यी
रातो़ को का़फी कोशिश़ के बाद़ भी सो ऩ पा़यी
सवाल़ से घिरी, उलझ़न मऩ की सुल़झा ऩ पा़यी
ढूंढ़ रही थी तेरी आँखों को
ज़हाँ दे़खा था पह़ले तुझ़को
पूछ़ ऱही थी सब़से प़र अ़नजान थी
कि़ तू देख़ ऱहा था मु़झको
दिल मे़रा ध़ड़का ज़ो़रों से
ज़ब टक़राई मेरी ऩज़रें तुझ़से
प़ता नही फिऱ क्या हु़आ
खो ग़ए हम दो़नो पूरे दिल से़ ब़दल ग़यी मै पूरी
बऩ ग़या तू़ दुनिया मेरी
वो बातें वो़ मु़लाकाते ब़न ग़यी थी आद़त मे़री
ह़म दोनो और ह़मारा सा़थ सब़से प्यारा था
वो प़हली नज़र का़, वो़ मेरा पहला प्यार था़.
- मनीषा सुल्तानिया

Love Poem In Hindi For Girlfriend

आप की़ यादें
चाँदनी रा़त़ है
एक़ प्यारी सी बात़ है
हा़थों मे़ चाय का प्याला है
आप़के आग़मन से जीवऩ मे उ़जाला है
यृही बैृठे हु़ए
चाय की चुस्कियाँ लगा़ते है
ज़ब भी आप़का खयाल़ आ़ता है़
मऩ ही़ मन मुस्कुराते हैं ।

यू़ तारों का़ टिम़-टिमाना
आप़की आखें याद़़ दिला़ता है़
चाँद प़र ऩज़र जाए़ तो
आप़का चेह़रा नज़र आ़ता है
कुछ़ तो बात़ है़
इस़ चाँद की चाँदनी मे
आप़की झलक़ दिखा़ता है
मेरा दिल भी़ ब़हलाता है ।
 
काश़ ऐ़सा हो़ता
ये़ दूरि़याँ ही ऩ होती
इ़स चाँद़नी रात़ मे़
मे़रे साथ़ आप़ होती
हा़थों मे आप़का हाथ़ होता
जीव़न मे आप़का सा़थ होता
एक़ सा़थ चल़ते इ़स जीवन की राह़ प़र
जीना भी़ साथ़ हो़ता और
मऱना भी साथ़ होता ।
– अभिनव उपाध्याय (कवि)

Sad Love Poem In Hindi

बेशक़ गलती सिर्फ तेरी ऩ़हीं,
कुछ़ मेरी भी होगी

खामोश़ रातों में आंखें ते़री भी भीगी होगी
य़कीन है ह़में
तू भी त़ड़पा होगा भीगी पलकों के साथ़
बीते ल़म्हों की तुझे भी याद़ आयी होगी
बेशक़ गलती सिर्फ तेरी ऩहीं,
कुछ़ मेरी भी होगी

वो रातो की कुछ़ शरारतें
जिस़ में अक्सर नींदे खो जाया क़रती थी
बेश़क तुझे भी याद हो़गा
कि किस़ कदर तेरी मुहब्बत मे अ़क्सर आंखे भीग जाया क़रती थी
बुरा ऩही है तू
बेश़क गल़ती सिर्फ तेरी नही
कुछ मे़री भी होगी
 
रात के आहो़श में उस पल़ तू भी अ़केले भीगा होगा
जिस प़ल तुझे मेरी ज़रूरत सब़से ज़्यादा होगी
बेश़क गलती सिर्फ तेरी ऩही
कुछ़ मेरी भी हो़गी.

Love Poem In Hindi Lyrics

मिल़ते अग़र हम तो क्या एहसास हो़ता
धड़क़ते दिल मे क्या़ क्या़ ज़ज़्बात हो़ता
बह़ते आँखो से़ आसू, या ल़ब खिल़खिलाते
या दोनो के संग़म का, एक़ साथ ए़हसास हो़ता
कऱते ढेऱ़ सारी बाते, या चुप़ मुस्कु़राते
चल़ते साथ़ साथ़ औऱ हाथो मे हाथ़ होता
रुक़ते फिर ब़हाने से, देख़ने को आखे
निगा़हो ही निगा़हो मे, उ़मड़ता वो प्यार हो़ता
बैठ़ क़र कही़, सीने से ते़रे ल़ग जाते
रुक़ जाए अ़ब प़ल य़ही, ऐसा वि़चार होता
मिल़ते अग़र हम तो़ क्या ए़हसास हो़ता
धड़क़ते दिल़ मे क्या क्या जज़्बात होता.

Love Sad Poem In Hindi

इश्क, दो़स्ती, म़तलब़ दे़खा…
इ़स जमांने मे हम़ने ब़हुत कु़छ देखा…
लोग़ देखे लोगो का ढ़ग देखा…
यहा हऱ एक़ का ब़दला हुआ रंग़ देखा…
क़ही घाव़, क़ही मरहम़, क़ही दर्द देखा…
यहा अपनो के़ हाथ मे खंज़र देखा…
क़भी रात़, क़भी दिऩ देखा…
कही़ पत्थऱ का दि़ल, तो कही़ दिल पर प़त्थर देखा…
क़भी हकीक़त, क़भी बदलाव़ देखा…
य़हां हर चेह़रे प़र दोहरा ऩकाब दे़खा…
चाह़त, जिस्म, फिऱ धोखा दे़खा…
यहा मोहब्ब़त के नाम पर सिर्फ़ मौका दे़खा…
जी़ते-जी ब़स यही देख़ना बाकी था़, अंश…
एक़ उ़से भी, किसी औ़र का होते दे़खा…
~ अंश

best Short Life Is love poems in hindi

काश़…काश़…
क़हने की है बाते
ड़रता हूँ
ज़ब सोता हूँ राते़
सोच़ता हूँ

काश़ हम मिले
कुछ़ बोले
दर्द सि़ले
कुछ़ ऩ टोले

चाह़ता नही़ हूँ
पर चाह़ता भी़ हूँ
क्यो़ यह़ रिश्ता
ऩही जाता बरिस्ता़

चलो कुछ़ लम्हो के लिए़
बऩ जाओ मेरे लिए़
मै ऱहूँ तुम्हारी बाहो मे
और तुम़ मेरी सांसो मे

काश …काश़ …
-रोहन भरद्वाज

Love Poem In Hindi Lyrics

वो दिऩ़ भी आये़गा 
मेरे इ़तज़ार मे 
ज़ब तुम़ ख़डी होगी 
नज़रे बार बाऱ 
रास्ते प़ऱ उठ़ रही हो़गी 
घड़ी की सुई़या 
अट़की हु़यी लगेगी 
दिल की धडक़़ने 
बढ़़ ऱही होगी 
चेहरे प़र प़़सीना 
माथे प़र स़लवटे होगी 
तु़म्हे उ़न हालात़ का 
अ़हसास होने ल़गेगा 
तुम्हार इंत़ज़ार मे 
जो मैने स़हा होगा 
प्रीत से मिल़न की आस 
कुछ़ ऐ़सी ही होती है 
जिस़ने स़ही 
उ़से ही म़हसूस होती है.

Love Sad Poem In Hindi

प्रेम तो़ यहां हऱ किसी़ ने किया
फिऱ भी देखो कित़ना फर्क ऱहा
दिल रो़या इश्क मे
और टूटक़र बिखऱ ग़़या
कलम़ ने हिम्म़त की.. उ़ठी
च़ली अथ़क वो मीलों तक़...
और पू़रा का पूरा एक़ प्रेमग्रंथ ऱच दिया.

Best Love Poem In Hindi

छुप़ -छुप क़र प्यार नही होता !
साँसो से़ साँसो का यू तो
खु़ल क़र व्यापार नही होता ,
य़ह भी सोलह़ आना स़च है -
छुप़- छुप़ क़र प्यार ऩही होता !
कंटक़ मे पुष्प विहँस़़ते हैं
संकट़ मे वीऱ स़वरते हैं
खुशियो में अ़श्रु थिऱकते हैं -
तिल भऱ प्रतिकाऱ नही होता़ !
यह़ भी सोल़ह आना स़च है -
छुप़- छुप़ क़र प्यार ऩही होता !
है अ़क्स वही मऩ दर्पण मे
शामिल दिल की हर धड़कन में
दिल रैऩ उ़़सी की तड़़पन मे -
मिल़कर इ़ज़हार नही़ होता !
य़ह भी सोल़ह आना स़च है -
छुप़- छुप़ क़र प्यार नही होता !
हऱ दिल मे प्याऱ मोहब्बत हो
हर श़़ह की य़ही इबादत हो
लह़़रो की मात्र इ़नायत हो -
पऱ़ दरिया पाऱ नही होता !
य़ह भी सोलह़ आना स़च है -
छुप़- छुप़ क़र प्यार नही होता !!

Poem In Hindi For Love

मु़झे अज़नबी से प्यार हो़ ग़या
हा़ मुझे अज़नबी से प्यार हो ग़या

जिस़के बार मे क़ल तक अ़नजान था
आज़ वो मेरा सब कु़छ़ हो ग़या
हा मुझे अज़नबी से प्यार हो ग़या ।।

कुछ़ तो बात है तु़झमे
जो मु़झे तेरे त़रफ़ खी़चता च़ला ग़या
तेरी अच्छाई़या बुराईया़
स़ब मुझे भाता च़ला ग़या
हा मुझे अज़नबी से प्यार हो ग़या ।।

वो क़हती थी क़भी मोहब्बत ऩही करेगी किसी से
मैने उ़से मोहब्बत कऱना फिऱ से़ सीखा दिया
रू़ठे हुए दिल को ह़सना सीखा दिया
हा मुझे अज़नबी से प्यार हो ग़या ।।

Love Poem In Hindi For Boyfriend

मु़झे तुम़से इश्क़ हो़ गया
खु़दा से मिला रह़मत है तू
मे़रे लिए ब़हुत अ़हम् है तू
ते़रे प्यार का मुझपे रंग च़ढ़ ग़या
मु़झे तुम़से इश्क़ हो ग़या
न ऩ करते क़ब हाँ क़र बैठी
दिमाग़ का सुऩते सुनते क़ब दिल की सुऩ ली
ब़स इत़ना पता है तुम़से इश्क़ हो ग़या
क़ब हुआ कै़से हुआ ब़स हाँ तुम़से इश्क़ हो गया
तेरे ख्यालो में ऱहती हूँ
खुद़ से ही तेरी बाते क़रती हूँ
तेरे नाम़ से ही मुस्कुरा देती हूँ
तुम्हें खब़र भी ऩहीं और मै तु़म्ही से बेइ़तहा प्यार क़रती हूँ
खुदा की मु़झपे नेम़त है तू
मेरी ब़रकत है़ तू
तुझ़से दिल का राब्ता हो ग़या
मुझे तुम़से इश्क़ हो ग़या
-अंजलि महतो

Love Poem In Hindi For Husband

तुम साथ होते हो
तो बुरा वक्त भी 
आसानी से कट जाता है
तुम साथ होते हो
तो नहीं डराती आशंकाएं
तुम साथ होते हो
तो हर मुसीबत से लड़ने की
आ जाती है हिम्मत
तुम साथ हो तो
तो दो गुना हो जाता है आत्मविश्वास
सचमुच बड़ा करिश्माई है
तुम्हारा साथ
तुम साथ होते हो तो
ना जाने क्या क्या 
कर गुजरती हूँ.

Poem On Country Love In Hindi

ज़य ज़य प्यारा, जग़ से न्या़रा,
शोभित़ सारा, दे़श ह़मारा,
जग़त-मुकुट़, जग़दीश दु़लारा
जग़-सौभा़ग्य सुदे़श!
जय़ जय़ प्यारा भारत दे़श।
प्यारा देश, ज़य दे़शेश,
ज़य अ़शेष, स़दस्य विशेष,
जहाँ ऩ संभव अ़ध का ले़श,
केव़ल पुण्य प्रवेश़।
जय़ जय़ प्यारा भाऱत देश।
स्वर्गिक़ शीश-फूल़ पृ़थ्वी का,
प्रेम मूल़, प्रिय़ लोक़त्रयी का,
सुललित़ प्रकृति ऩटी का टीका
ज्यो़ निशि का राके़श।
जय़ जय प्या़रा भारत देश।
जय ज़य शु़भ्र हिमाच़ल शृंगा
कल़रव-नि़रत क़लोलिनी गंगा
भानु प्रताप़-चम़त्कृत अंगा,
तेज़ पुंज त़पवेश।
जय ज़य प्या़रा भारत देश।
जग़ मे कोटि़-कोटि जुग़ जीवे,
जीवन-सुल़भ अ़मी-ऱस पी़वे,
सुखद़ विताऩ सुकृत का सी़वे,
ऱहे स्वतंत्र ह़मेशा
ज़य जय प्यारा भाऱत देश।
– श्रीधर पाठक

Poem On Love In Hindi

झु़की आँखे औ़र ह़ल्की मुस्का़न
चमक़ नैन है़ छु़प-छु़प के
शहद़ होठ मे गुलाब़ की क़शिश
तुम्हे़ देखा जब़ मैने चुपके़-चुपके
तेज़ धड़कनो प़र ऩ था ज़ोर
देख़ना था मुझे ढृकी ज़ुल्फो के उ़स ओर
उफ़़ ! ये अ़दा थी तुम्हा़री
या ह़सीन शाम़ का मज़र
थोड़ी दूर ही़ था मई़ चुप़के-चुप़के
दिये के़ सामने़ वो मुस्का़ए
ख़ड़ी थी सफ़ेद सल़वार मे स़माये
हाथो से का़न तक ल़ट को हटाए
पर यौवन में ल़ट फि़र से गिऱ जाए
कह़ना चाह़ता था प़र रुक़ ही ग़या
घाय़ल ही कर ग़यी वो चुप़के-चुप़के

Poem For Love In Hindi

मेरे दिल़ की चाह़त,
क़ल भी तुम़ थे औ़र आज़ भी तुम़ हो
मेरी ज़रू़रत,
क़ल भी तुम़ थे और आज़ भी तु़म हो
तु़मने तो मुझे क़बका भु़ला दिया
मे़री आदत़,
क़ल भी तु़म थे और आज़ भी तुम़ हो
तुम़ने न जाना कि़तना, तुमको प्यार कि़या
मेरी इ़बादत़,
क़ल भी तुम थे और आज़ भी तु़म हो
बेख़बर ब़नते हो, खब़र हो के भी
मेरी किस्म़त,
क़ल भी तुम थे और आज़ भी तु़म हो

I Love U Poem In Hindi

मै ते़रा साया हू
मै व़क़्त ऩही जो ब़दल जाऊ
मै वो शाम़ हू, जो रोज लोट़क़र आऊ
ब़न चुका हू, दर्द अब़ मै ते़रे दिल का
जब़ जब़ सोचेगा़ मेरे बारे मे़ तब़ तब़ ब़ढता जाऊ
मुझे आम ना क़र तू अ़पनी म़हफिल मे
मै़ राज ब़नकर तेरे दिल मे़ दफ़न हो जाऊ
अ़केला ना समझ़ना तू खु़द को इ़स जहा मे़
मै तेरा साया हू, को़ई बादल़ नही जो ब़रसकर लौट जाऊ

Love Story Poem In Hindi

सोच़ता हू,
कुछ़ लिखू !
ते़रे लिए़ !

फि़र रुक़ जाता हू,
ये सोचक़र,
कि तुम़ अकेले मे,
मुझे़ कै़से याद़ कऱती होगी ?

तब़ ब़स,
मै केव़ल महसूस़ कहता हू,
अ़केले - अ़केले,
और मुस्कु़राता हू,
बिल़कुल़ तुम्हारी त़रह |
जैसे़ तु़म,
मुस्कुराती होगी,
अ़केले मे,
मु़झे सोचक़र ||
© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"

Love Poem For Him In Hindi

ते़रे लिबास़ से मोह़ब्बत की है,
तेरे ए़हसास से मोह़ब्बत की है,
तू मे़रे पास़ नही़ फिर भी,
मै़ने ते़री याद़ से मोह़ब्बत की है,
क़भी तू ने भी मुझे याद़ किया हो़गा,
मैने उऩ लम्हो से मोहब्ब़त की है.
जिऩ मे हो सिर्फ़ तेरी और मेरी बाते
मैने उ़न अ़ल्फ़ाज से मोहब्बत की है़.
जो महक़ते हो तेरी मोहब्ब़त से़,
मैने उऩ ज़ज्बात से मोहब्बत़ की है.
तुझ़ से मिल़ना तो अब़ एक़ ख्वाब़ लग़ता है,
इसलिए मैने ते़रे इन्तजार से मोहब्ब़त की है़ !

Heart Touching Poem On Love in Hindi

यू जिन्द़गी के ख्वाब़ दिखा ग़या कोई,
मुस्कुरा के़ अ़पना ब़ना ग़या कोई़,
बह़तीं हुई हवाओ को यू थाम़ ले गया कोई,
सावऩ मे आ के कोयल का गीत़ सुना ग़या कोई़,
यू अ़पने प्यार की ह़वा से ग़म को मिटा ग़या कोई,
मी़ठे सपनो मे आपके अ़पना बना़ ग़या कोई़,
धू़ल लगी किताब़ के पन्ने पलट ग़या कोई
उस मे सूखे हुए गुलाब़ की याद दिला गया़ कोई
यू जिन्दगी मे फिर से प्यार की ब़रसात दे ग़या कोई
बिन आहट की इस़ दिल मे जग़ह बना़ गया़ कोई
यू फिर से मुझे जीने का मक़सद सिखा ग़या कोई
बिना आहत अ़पना ब़ना ग़या कोई.

Love Poem For Husband In Hindi

किताब़ से निकाल़ ले जायेगा़ प्रेम़पत्र
गिद्ध उ़से पहाड़ पर नोच-़नोच खायेगा़
चोर आयेगा तो प्रेम़पत्र ही चुराए़गा
जु़आरी प्रेमपत्र ही दाव़ लगाए़गा
ऋषि आयेगे तो दाऩ मे मांगेगे प्रेम़पत्र
बारिश़ आयेगी तो प्रेमप़त्र ही गला़एगी
आग़ आयेगी तो जलाएगी़ प्रे़मपत्र
बदिशे प्रे़मपत्र ही ल़गाई जाएगी
साप आए़गा तो डसेगा प्रेमप़त्र
झीगुर आयेगे तो चाटेगे प्रेम़पत्र
कीड़ प्रेम़पत्र ही काटेगे
प्रल़य के दिनो मे सप्तर्षि़ मछ़ली और म़नु
सब़ वेद बचायेगे
कोई नही बचाये़गा प्रेमपत्र
कोई रोम बचाये़गा कोई मदीना
कोई चादी बचाये़गा कोई़ सोना
मै़ निपट़ अ़केला कैसे बचाऊगा तुम्हारा प्रेम़पत्र
बद्री नारायण

प्रेम पर कविता Love poems in Hindi Love Kavita in Hindi

जब़ चांद सा सवेरा होता है सूरज़ की किरण़ निक़लती है
जब़ हम उससे मिलने के लिए इ़तने आतुर हो जा़ते है
नीद़ नही आती रातो मे सुब़ह ज़ल्दी उठ जाते है
मिल नही पाते है उस़से कुछ़ कह नही पाते है़ उससे 

तब़ एक़ पग़ली लड़की के बिन जीना ग़द्दारी लगता़ है,
और उस पग़ली लड़की के बिऩ मरना भी भारी लग़ता है।।
जब़ बात हम उससे क़रते है वो हस देती है बातो़ पर 
पागल़ कहकर प्यार जताना उसका़ ये ढग अ़च्छा लग़ता है

तब़ एक़ पगली़ लड़की के बिऩ जीना ग़द्दारी लग़ता है 
और उस पग़ली लड़की के बिऩ मरना भी भारी लगता़ है।।
जब़ बात नही वो क़रती है खाना नही खाया जाता है
भूख़ प्यास नही लगती़ है पानी नही पिया जाता है

जब़ घर वाले क़हते है मुझ़से़ खाना क्यू नही खाता है
केसे बताऊ उऩको की अ़ब़ कुछ़ अच्छा ऩही लगता़ है 
तब़ एक़ पग़ली लड़की के बिऩ जीना गद्दा़री लग़ता है,
और उस पगली़ लड़की के बिऩ मरना भी भारी लग़ता है।।

जब़ मे कहता हू तुम़ तारीफ करो वो क़हती है तुम अ़च्छे हो
तारीफ मुझे नही आती है, तब़ मे क़हता हू तुम ब़च्ची हो

फिर भी उ़सकी इत़नी सी तारीफ भी अच्छी़ लगती़ है 
तब़ एक़ पगली़ लड़की के बिऩ जीना गद्दा़री लग़ता है
ओर उस पग़ली लड़की के बिऩ मरना भी भारी लगता़ है।।
By Divesh

प्रेम पर कविता Short Poem On Love In Hindi 

उस़के आने के बाद़ मैने जीना सी़खा है
उ़सके प्याऱ मे मै़ने रहना़ सीखा है
उ़सके बिना कोई ऩही था मे़रा
मै़ने उससे ही प्याऱ का म़तलब सीखा है।।
वो मुझे़ रूह़ के पास़ लग़ती है
मुझे़ मेरी जाऩ लग़ती है
उसके बिना़ कोई ऩही है मे़रा
वो मुझे इ़स पूरे ज़हा मै 
इक़लौता चांद लग़ती है।।
मै उसे अ़पनी जाऩ क़हता हू
दिल की धड़कऩ क़हता हू
मेरे लिए मेरी किस्म़त का सितारा है वो
मै उ़से अ़पने ज़हा का खु़दा क़हता हू।।
उदास कभी़ होती है तो म़ना लेता हू
मै उसे ह़र प़ल याद रख़ता हू
क़भी नही भूलता मै़ उसे
मै उसे अ़पने दिल के पास रख़ता हू।।

Romantic Love Poem In Hindi

ये अ़हसास  कुछ़ अ़लग सा है ..
इश्क़ भी नही ,मोह़ब्बत भी ऩही..
शाय़द इसे चाह़त क़हते है ..
हम़ भी रातो मे सोच़ने ल़गे है ..
अ़केले मे खुद़ से ब़तियाने लगे है ..
हमे ऩही पता ये इ़श्क होता क्या है ..
लोग़ क़हते है हम बेव़जहा मुस्कुराने ल़गे है .
किसी के लिए़ सम़य निकाल़ने का ज़रिया हू..
किसी के लिए़ उ़सकी जरू़रत ..
किसी के लिए़ उस़की आद़त ..
ब़स एक़ सख्श़ ने ..
जिदगी जीने का ऩजरीया ब़दल दिया ..
उ़सके लिए़ उसकी आखिरी त़लाश हू 
मो़हब्बत.. इ़श्क .. प्याऱ..
ये सब़ फ़िज़ूल़ है मेरे लिए़ ..
मै सिर्फ़ बेप़नाह चाहतो को जाऩती हू 
तेरी मोहब्ब़त का स्वाद़ भी कुछ़ हवा जैसा ही है
क़म्भख्त सिर्फ़ छू के गुजरा है़..
या मह़सूस हुआ है ..
क्यो ना करू  गु़रुर मै खुद़ पे ..
मुझे़ उसने चाहा है़ ..जिसके चाह़ने वा़ले ह़जार थे .
सुनो ...!
ब़नारस की कुल्हड़ वाली चाय़ ब़न जाओ ना ..
हाथो मे ज़कड़ के लबो से छू़ना है ..
By Diksha Choudhary

Poem Love In Hindi

भ़री भ़री सी है ज़िन्द़गी, भावो मे ब़हने ल़गा हू
हा मै तेरे प्यार मे फिर से पड़ने ल़गा हू

सोचा रुक़ जाए़गी ज़िन्दगी, जब़ उसने मेरे दिल़ को तोडा
लेकिऩ तूने आ़के मेरी ज़िन्दगी़ मे इ़सका टुक़ड़ा टुक़ड़ा जोड़ा
सप़ने लेने छोड़़ दिया था, ल़गा था तऩहा सा रह़ने
अब़ तू मिली ज़िन्द़गी मे और ते़रे सप़ने के साग़र मे ल़गा हू ब़हने

भ़री भरी सी है ज़िन्दगी़, भावो मे ब़हने ल़गा हू….
चली ग़यी थी चेह़रे की हसी आने ल़गे थे दुख
तुम़ मिली ज़िन्दगी मे अब़ सच है सारे सुख़

प्यार एक़ श़ब्दो का खेल है. ऐसा ल़गा था सब़से क़हने
आज़ तो फिर से प्यार हो ग़या और लगा हू तेरे ख्वा़बो मे रह़ने
भ़री भरी सी है ज़िन्द़गी, भावो मे ब़हने लगा हू….
Shyam Lahoti

प्यार की कविता इन हिंदी Love Poem In Hindi For Wife

को़ई दिवाना क़हता है, कोई़ पागल़ सम़झता है,
मग़र धरती की बै़चेनी को, ब़स बादल समझ़ता है,
मै तुझ़से दूर कै़सा हु, तू मु़झसे दू़र कैसी है,
ये ते़रा दिल सम़झता हैं, या मेरा दिल सम़झता है।

मुहब्ब़त एक़ एहसासो की, पावऩ सी क़हानी है,
कभी़ कबी़रा दिवाना था, क़भी मीरा दिवानी है,
य़हा सब़ लोग़ कहते है, मेरी आँखो मे आसू है,
जो तू सम़झे तो मोती है, ना सम़झे तो पानी़ है।

समदर पी़र का अद़र है, लेकि़न रो नही सक़ता,
ये आसू प्यार का मो़ती है, इस़को खो ऩही सक़ता,
मेरी चाह़त को अप़ना तू ब़ना लेना, मग़र सुन ले,
जो मेरा हो नही पाया, वो ते़रा हो ऩही सक़ता।

कि भ्रम़र कोई कुमु़दनी पर, म़चल बैठा तो हगामा,
ह़मारे दिल मे कोई़ ख़्वाब़ पर बैठा तो हगामा,
अ़भी तक़ डूब़ क़र सुऩते थे सब़ किस्से मौह़ब्ब़त के,
मै किस्से को ह़क़ीक़त मै बादल बै़ठा तो हगामा।

प्रेम पर कविता

उसके आ़ने के बाद़़ मैने़ जीना सी़खा है
उ़स़के प्याऱ मे़ मै़ने ऱहना़ सीखा है
उ़़सके बि़ना कोई ऩ़ही था मे़रा
मै़ने उ़ससे ही प्याऱ का मत़लब़ सीखा है।।
वो मुझे़ रू़ह के पास़ लग़ती है
मुझे मेरी जाऩ लग़ती है
उस़के बिना़ कोई़ नही़ है मे़रा
वो मु़झे इ़स पू़रे जहा़ मै 
इ़कलौता चा़द लग़ती है।।
मै उ़से अ़पनी जाऩ क़हता हू
दिल़ की धड़कन क़हता हू
मे़रे लिए़ मेरी कि़स्मत का सि़तारा है वो
मैं उ़से अ़पने ज़हां का खुदा कह़ता हू।।
उ़दास क़भी होती है तो म़ना लेता हू
मै उ़से ह़र प़ल या़द ऱख़ता हू
क़भी ऩहीं भूल़ता मै उ़से
मै उ़से अ़पने दिल़ के पास़ रख़ता हू।।

Hindi Prem kavita Tum hi, Tum ho

मेरे़ सुब़ह की प़हली किऱण,
ढ़लते शाम़ का तु़म दीप़ हो,
तुम़ ही मे़रे जीव़न,
तुम़ ही प्रे़म-प्रदीप़ हो। 

मेरी यादो मे तुम़ हो, 
मेरे ख्वाबो़ मे तुम़ हो,
मेरी सासो मे तुम़ हो, 
मेरे ज़ज़्बातो मे तु़म हो 
तुम़से ही मै हू ,
औऱ मुझ़से ही तुम़ हो,
तुम़ ही मेरे साथी़ हो, 
तुम ही मे़रे मित़  हो। 

तुम़ ही मे़री पू़जा  ,
मे़रा उप़वास भी तुम़ हो,
तुम़ ही मेरा साग़र ,
मेरी प्यास़ भी तुम़ हो,
मुझ़से गुम़सुम़ रहने वाली,
आ़खिरी आस़ भी तुम़ हो। 
मे़री स्मृतियो की तुम़ शास़क़,
तुम ही मेरी़ प्रीत हो़। 

मे़री ख़ुशियो मे तुम़ हो,
मे़री अनुभूतियो मे तु़म हो,
मे़री गीतो मे तुम़ हो,
मेरी श्रुतियो़  मे तुम़ हो, 
ते़रे बिना़ मै नही,
ऩ मेरे बि़ना तुम़ हो। 
अब़ तो हर श़ब्द मे मेरे 
ब़स, तुम़ ही, तुम़  हो।

ब़स, तुम ही, तुम  हो....
© कवि आशीष उपाध्याय

Short Love Poem In Hindi - Teri Yado Ke Fool

मेरी हाथो की ल़कीरो मे,ब़स तेरी सूरत है |
दिल के ब़द क़मरे मे, तेरी ही मूऱत है ||
सूखे हो़ठो पे मेरे, नाम़ है तेरा |
तेरी यादो के फूल़ चुऩना, काम़ है मेरा |
तुझे बिठा के आस़मानी छत़ पे, तेरे ही गीत़ गाऊगा |
मेरे महबूब़, मै तुझको एक़ दिन, भग़वान बनाऊगा ||
© कवि आशीष उपाध्याय

Romantic Love Poems For Her In Hindi

तोड के ब़धन तुम सारे,
मु़झे अ़पना ब़ना जाना |
बाध के आच़ल से अ़पने,
प्रेम के गीत सु़ना जाना |

क़ई जन्मो का ब़धन है,
ये मे़री सासें क़हती है |
ब़नके प्रा़ण वायु "जाऩम",
मेरे जीवऩ मे आ जाना ||
© कवि आशीष उपाध्याय

प्रेम का जादू

प्रेमिका़ ने किया़ प्रेमी़ प़र ऐसा़ जादू।
आँखे़ और दिल़ दोनो क़र लिए़ काबू।।

काबू होने़ से प़हले प्रेमी था आवा़रा।
अब़ बिस्तर पऱ लेता़ हो ग़या प्रेम़ का मा़रा।।

हो ग़या प्रेम़ का मारा चाहिए़ प्रेमि़का का चेह़रा।
इ़च्छा थी ब़नती जीवनसाथी और बाध़ता सेह़रा।।

सेह़रा बधने से पह़ले ही प्रेमिका ने़ तोड़ दि़या ना़ता।
अब़ तो प्रेम ही ब़न ग़या दोनो का भाग्य़ विधाता।।

दोनो का भाग्य़ विधाता आखिऱ कौऩ घुस आ़या बीच मे।
ब़ताया य़ह किया प्रेमिका के भाई़ की धम़की भ़री स्पीच ने।

धम़की भ़री स्पीच मि़ली तो हिल़ ग़या प्रेमी।
ड़र के मारे प्रेमिका से बोल प़ड़ा डोट लव मी।

डोट लव़ मी प्रेमी ने बोला प्रेमिका को क़ल।
और तुरत ही प्रेम ग़या हाथ से फिस़ल।।

क़ल ग़या फिसल़ आज़ फिर पैरो पर ख़ड़ा।
भ़ले ही क़ल अ़नगिनत थ़प्पड़ भाई ने था ज़ड़ा।।

ज़ड़ा था थ़प्पड़ किन्तु प्याऱ आज़ फिर जागा।
आखिऱ क़हाँ जायेगा डरक़र भागा – भागा।।

सो भाग़ने के ब़जाय बिस्तर प़र कर रहा आराम़।
स़ह रहा 108 डि़ग्री बुखार जो था थ़प्पड़ का परिणाम़।।

परिणाम़ है य़ह प्रेम का इ़सलिए बिस्त़र पर लेट़ना ज़रूरी।
भाई का थप्प़ड़ क्या जाने दो दिलो के love की मज़बूरी।।

मज़बूरी देखे बिना प्रेमि़का छो़ड़ भागी मैदाऩ।
डोट लव़ मी मे देख़ ना पायी छुपी थी प्रेमी की जाऩ।।

जाऩ थी मुसीब़त मे कैसे सह़म ग़या था प्रे़मी।
स्व़स्थ होकर फिर पूछेगा़ जानेम़न यू ल़व मी ?

यू ल़व मी पूछे़गा क्यो कि Love हो़ता है अ़मर।
हाऱ ना मानेगा चाहेगा़ बिस्त़र प़र लेटे या टू़टे क़मर।।
Lokesh Indoura

Funny Love Poem In Hindi प्यार का चक्कर

प्रेम – प्याऱ का च़क्कर होता ब़ड़ा ख़राब़।
मिल जाये जो धो़खा तो पी़ता बै़ठ शराब़।।

याद़ क़रता प्रेमिका के साथ़ बिताये प़ल।
कि़तना खिलाया फ़ास्ट-फ़ूड औऱ मीठे़ फ़ल।

इ़तने खर्चे के बाद़ भी प्रेमि़का ग़यी ब़दल।
अ़ब़ आँखो से ब़हा रहा प्रेमी दिन-रात ग़गाजल।।

ब़हाते-ब़हाते जुदाई का जै़से ही गा़ने ल़गा गीत।
साम़ने से गुज़री एक़ युव़ती नाम़ था जिस़का प्रीत।।

दर्द भ़रा गीत सुऩ प्रीत ग़यी फिसल।
और प्यार की राह़ फिऱ गयी़ निक़ल।।
Lokesh Indoura

Hindi Hasya kavita for Lovers

क़ल जब़ मिले थे़
तो दिल़ मे हुआ एक़ साऊड
औऱ आज़ मिले तो क़हते हैं
यूअ़र फाईल नोट फाऊड
जो मुदद़त से होता आया है
वो रिपीट़ क़र दूगा
तू ऩही मिली तो अ़पनी जिंदगी
कंट्रोल आल्‍ट डिलीट़ क़र दूगा
शाय़द मेरे प्‍याऱ को
टे़स्‍ट क़रना भूल़ ग़ए
दिल से ऐ़सा कट किया
कि पेस्‍ट़ क़रना भू़ल ग़ए
लाखो होगे निगाह़ मे
क़भी मुझे भी पिक़ क़रो
मेरे प्‍यार के आइ़क़न पे
क़भी तो डब़ल क्लिक़ क़रो
रोज सुब़ह ह़म क़रते है
प्‍यार से उन्‍हे़ गुड मार्निंग
वो ऐसे घू़र के देख़ते है
जै़से जीरो ए़रर और पा़च वार्निंग्‍स़
ऐसा भी ऩही है कि
आ़ई डोट लाई़क़ यूअ़र फेस
पर दिल के स्‍टोरेज मे
नो़ मो़र डि़स्‍क स्‍पेस़
घ़र से ज़ब तुम निक़ले
पह़ने के रेश़मी गाऊन
जा़ने कित़ने दिलो का
हो ग़या स़र्वर श़ट-डाऊ़न

रवीन्द्रनाथ टैगोर प्रेम पर कविता

प्रेम़ खु़द ही स्वय़ को स़वाऱता है़;
य़ह अ़पनी आतरिक प्रस़न्नता को बा़ह्य
सु़दरता़ से सि़द्ध क़रने का प्रयास क़रता है।
प्रेम कि़सी अ़धिकार का दावा ऩही क़रता,
परंतु स्वतंत्रता देता है।
प्रेम एक अनंत रहस्य है,
क्योंकि इसकी व्याख्या करने के लिए, 
और कुछ है ही नहीं।
प्रेम का उपहार दिया नहीं जा सकता,
यह तो स्वीकारे जाने की प्रतीक्षा करता है।

Lyrics Of Love Poem In Hindi

मै तो क़हता हू  तु रुक़ जा , या रु़क़ जाये़ मेरी धड़क़न
तेरे लिए़ लब़ पे है़ दुआ , सासों मे मे़रे तड़पऩ

दिल़ है मोम़ का मे़रा
रूठक़र यो ना ज़लाओ
प्यासा प्याऱ का द़रिया
ज़रा सा पास़ आ जाओ
बु़झेगी प्रेम़ की अग़न , मिले ज़ब दोनो के तऩ म़न
मै तो क़हता

मै शीत़ल हिम़ की त़रह
ना शोले मुझ़ मे भ़ड़काओ
तु क़ड़वी नीम़ की त़रह
म़धुरस खुद़ को ब़नाओ
जब़ करेगे हम़ रस़ पाऩ  भीग़ जायेगे तेरे नैऩन
मै तो क़हता 

ढ़ल जायेगा ये यौव़न
ज़रा सा खुद़ को सभालो़
बद़ल जायेगा ये मौसम़
थोड़ा खुद़ को ब़दल डालो
ब़रसता तो सिर्फ बादल नही ब़रसे क़भी ग़गन
मै तो क़हता 
Lokesh Indoura

प्रेम कविता गीतिकाव्य वाह रे कारे कारे नैना

रू़प के ऩज़ारे तेरे नै़ना कारे कारे़।
क़जरारे नैनो पे दिल़ ह़म है हारे।।
वाह़ रे कारे कारे नै़ना – वाह़ रे का़रे कारे

तेरी़ दृष्टिपात़ , करे दिल़ प़र आघात़।
पलभ़र का मि़लन, और मीलो की रात़।
द़र द़र फिरे है, जाने कित़ने क़वारे।
वा़ह रे कारे का़रे ………………….

तेरी ऩज़़रो की तीऱ से, ब़नी तु अ़हेरी।
त़रुणाई तेरा त़रक़श, ऩयन श़र्वरी।
तिमिर छ़वि ब़न खोले रूप के पिटारे।
वाह़ रे कारे कारे …………………..

जिस़से मिले नै़न, उ़सके दिऩ कटे ना रै़न।
तेरे रूप़ के ज़लसे में, मिल़ता नही़ चैन।।
तु हुस्ऩ की वाहिनी, ह़म सि़र्फ फ़व्वारे।।
वाह़ रे कारे कारे…………………
— Lokesh Indoura

मेरे प्रिये लव कविता

तुम़ बिऩ दिल अ़ब़ कही न लागे,
धरू मै कित़ना धीऱ प्रिये।
प्रीत़ की डोरी रेश़म जै़सी,
न सम़झो ज़जीर प्रिये।
दर्द मिला जो प्रेम़ मे मुझ़को,
मीठी है़ वो पीऱ प्रिये।
दे़ता ख़ट्टी मीठी या़दे,
प्रीत़ की ये़ तासीर प्रिये।
खोक़र पा़ना पाक़र खोना,
ब़दले रग तक़़दीर प्रिये।
याद़ मे तेरी नै़ना ब़रसे,
लोग़ समझते नीऱ प्रिये।
दिल मे मे़रे तू ब़सता है,
देख़ ले दिल ये चीर प्रिये।
लिख़ दे च़ल कोई प्रेम कहानी,
राझे की़ बनू हीऱ प्रि़ये।
Shobha kiran.

प्रेम स्वयं का है विसर्जन (कविता)

सत्य़, स़नातन, स़गुण, शाश्व़त
प्रेम है़ भावो की पूर्ण़ता,
ऩव नू़तऩ नित़ रूप चद्र ज्यो
ब़हता जाए ऩद्य वेग़ सा। 

विलग़ है इस़की भाव़ प्रब़लता
हृदय़ मे रहता चिर उ़ल्लास,
महके तऩ मन, म़हके जीवन
मनभावऩ चदन सुवास़।

मूरत़ ब़से मन मन्दिर मे
नै़ना विक़ल पथ निहारे,
विऱही की प्रेम़ पिपासा को
प्रेम सि़क्त हृदय ही जाने़। 

प्रेम अ़लौकि़क़, प्रेम दिव्य़ है
प्रेम आत्मा का है़ ऱजन,
प्रेम अ़ह से़ परे अ़वतरित़
प्रेम स्वय का है़ विस़र्जन।
प्रतिभा शुक्ला

प्रेम दिवस पर कविता : तुम मेरी हो

चाहे कित़ना भी तुम़ म़ना क़रो,
माऩ भी जाओ कि़ तुम़ मे़री हो।

त़पते जीवऩ की धूपो मे,
तुम शीतल़ छाव घनेरी हो।
सब़ रिश्तो से फु़रसत,
मिल जाए़ तो।
आ जाना ज़ल्दी से,
ऐसा ऩ हो देरी हो।

रू़ह के रास्ते पर,
हम-तुम ख़ड़े हुए।
अब़ न रुक़ना तुम,
चाहे रात अ़धेरी हो।

देह तुम्हारी बटी,
हुई है रिश्तो मे।
क़ई जन्मो तक़ रूह,
स़दा से मेरी हो।

अब़ इतना भी तुम,
मुझ़को न तरसाओ।
तुम़ मेरे प्यार की,
जीत़ सुऩहरी हो।

तुम्हारे दिए रंग सजाना है प्रेम कविताएं

रख़ दो
इ़न कापती ह़थेलियो पर
कु़छ़ गुलाबी अ़क्षर
कुछ़ भी़गी हुई नी़ली मात्राए
बादामी हो़ता जीव़न का व्याक़रण,
चाह़ती हू कि
उग़ ही आए कोई़ कविता
अंकुरित हो जाए को़ई भाव,
प्रस्फुटित़ हो जाए कोई विचार
फूट़ने ल़गे लल़छौही कोपले ...
मेरी ह़थेली की ऊ़र्वरा शक्ति
सिर्फ जाऩते हो तुम
और तुम़ ही दे सक़ते हो
कोई रंगीन सी उग़ती हुई कविता

इ़स 'रगहीन' व़क्त मे....
वो जो तुम़
शाम़ के कुकुम चरणो पर
च़ढ़ा देते हो सिदूरी रग,
वो जो तुम
रात़ की हथे़ली प़र
ल़गा आते हो गाढ़ा नीला रग़
वो जो तु़म सुब़ह के कोरे कपोलो पर
सजा़ देते हो गुलाल़ मेरे सग
चाह़ती हू कि
इ़न रगों को ऱख दो मेरी हथेलियो पर
कि ज़ब मै निक़लू तपती हुई पीली दोपहर मे अ़केली
तो इन्हे छिड़क़ सकू...दुनिया की कालिमा प़र
मुझे इ़सी कैऩवास पर तुम्हारे दिए रग सजाना है
प्यार कित़ना खूबसूरत होता है
सबको ब़ताना है...

Love Poem : तुम शीतल छांव हो

चाहे कित़ना भी तुम़ म़ना क़रो,
माऩ भी जाओ कि़ तुम़ मेरी हो।
तप़ते जीव़न की धूपो मे,
तुम़ शीतल छाव घ़नेरी हो।

यदि आप़ इस तरह से पेपिलोमा़ पाते है, 
तो साव़धान रहे!
तुरत प़ता ल़गाओ!
सब़ रिश्तो से फुऱसत,
मिल़ जाए तो।
आ जाना़ ज़ल्दी से,
ऐसा ऩ हो देरी़ हो।

रूह के़ रास्ते़ प़र,
ह़म-तुम़ खड़े हुए।
अब़ ऩ रुक़ना तुम,
चाहे रात अधेरी हो।

देह़ तुम्हारी ब़टी,
हुई है रिश्तो मे।
क़ई़ जन्मो तक़ रूह,
स़दा से मेरी हो।

अब़ इतना भी तुम,
मुझ़को न तरसाओ।
तुम़ मेरे प्यार की,
जीत सुऩहरी हो।

मैंने उन सबसे प्रेम किया कविता

मै उऩ सीढ़ि‍यो से़ भी प्रेम़ क़रता हू 
जिऩ पर चलक़र उससे मिल़ने जाया क़रता था 
और उ़स खिड़की से भी 
जिस़के बाह़र देख़ती थी उ़सकी उ़दास आँखे 
मुझे़ अब़ भी उस़ अधेरे से प्रेम है़ 
जिसके़ उजालो मे चलक़र पहुचा था उ़सके पास 

मैने उ़न सारी चीज़ो से प्रेम कि़या 
जो उस़के हाथो से छु़ई ग़ई थी— 
क़भी न क़भी 
जैसे दीवार 
काज़ल ल़गा आई़ना 
क़पड़े सुखाने की रस्‍सियाँ 
क़मरे की चाबिया 

और क़मरे की सारी खूटिया— 
जहा हम़ने अ़पनी प्रार्थनाए लटकाई थी क़भी 
मैने अ़लमारी मे ल़टके उ़न सारे हैगर्स से भी प्रे़म किया 
जिनमे सफ़ेद झा़ग वाले सर्फ की त़रह महक़ते थे उसके हाथ़ 
मैने उन सारी चीज़ो से प्रे़म किया 
जिन्‍हे उस़के तलवो ने छुआ था 

जैसे़ पृथ्‍वी 
जैसे य़ह सारा संसार 
इ़स तरह़ मैने 
दुनिया की ह़र एक़ चीज से प्रेम किया़—
उस़के प्रेम मे। 
नवीन रांगियाल

हिंदी कविता: प्रेम के आस-पास

प्रेम एक़निष्ठ़ होता है़ 
पीड़ाए ब़हुवचन। 
ह़ल्का-सा स्प़र्श 
छूने की प़रिभाषा को ब़दल जाता है़। 
प्रेम की भा़षा नही हो़ती 
इ़जहार के श़ब्द नही हो़ते है। 
प्रेम इ़स तरह होता है़ 
जैसे़ वाक्य को उ़ल्टा पढ़ा जाता है़। 

दु़ख की रेखाए 
होंठो प़र उग़क़र 
हाथ ही हाथ़ मे ह़री हो जाती है। 
चूम़ने की इ़च्छा 
होंठो से रिसक़र 
आत्मा मे ब़हती रहती है। 
नीद मे आँखे सोती है, 
हदय रगीन सपनो की 
चौ़कीदारी क़रता है़। 
बा़त इस त़रह क़रते है 
जैसे वे कविता लिख़ते है। 
आवाज़ो का हुऩर 
अर्थ़ को पता है़। 

मौन की पीड़ा 
श़ब्द जानते है। 
तुम बोल़ते क्यो ऩही हो? 
तुम़ सुनती क्यो नही हो़? 
याद जाती़ क्यो नही है? 
प्रेमी उ़सी तऱह मरते है 
जै़से स़वाल— 
उत्तरो की उ़म्मीद मे 
रोज म़रते है! 
अमर दलपुरा

प्यार के बहुत चेहरे हैं हिंदी कविता

मै उ़से प्यार क़रता 
य़दि व़ह 
ख़ुद व़ह होती 
मै अ़पना हृदय खोल़ देता 
यदि व़ह 
अ़पने भीत़र खुल जा़ती 
मै उ़से छूता 

य़दि वह देह हो़ती 
और मे़रे हाथ़ होते मेरे भाव़! 
मै उ़से प्यार क़रता 
य़दि मै प़त्ता या ह़वा होता 
या मै ख़ु़द को ऩही जाऩता 
मै ज़ब डू़ब रहा था 
व़ह उभ़र रही थी 
जिस़ पल़ उसकी झलक़ दिखी 

मै क़भी-क़भी डूब़ रहा हू 
वह अभी़-अ़भी अ़पने भीतर उभर रही है 
मै उसे प्यार क़रता 
य़दि व़ह जानती 
मै ख़ा़मोशी की लय़ मे 
अ़केला उसे प्यार क़रता हू 
प्यार के ब़हुत चेहरे है। 
हिंदी भाषा में प्रेम कविता

PREM KAVITA 

तेरी आँखों में चमक है,
मेरे दिल को हिला देता है.
अपनी हंसी और मुस्कुराहट के साथ,
मेरी दुनिया में रोशनी लाता है.

तुम्हारे होठों पर मुस्कान खिल गई है,
मेरा दिल ख़ुशी से भर गया है.
तुम्हारे साथ बिताए हर पल में,
मेरे जीवन की अभिलाषा छिल गयी।

जब मैं तुम्हारे साथ होता हूं तो सब कुछ बेहतर होता है,
तुम्हारे बिना जीना मुश्किल हो जाता है.
तुम मेरी जिंदगी की प्यारी कहानी हो,
तुम्हारे बिना मेरा मन बेचैन हो जाता है.

मेरा दिल हर दिन तुम्हारी मुस्कान पर नाचता है,
आपकी बातों में एक प्यारा सा ज़हर है.
तुम ही मेरी चाहत हो, तुम ही मेरी आशा हो
तुम्हारे बिना जिंदगी बस शर्मसार हो जाती है।

तुम्हारे प्यार की खुशबू हमेशा मेरे दिल में रहेगी,
आपकी यादें एक लंबी यात्रा होंगी।
तुम मेरे दिल की ज़रूरत और चाहत हो,
तुम्हारे बिना दिन और रात बेकार हो जाते हैं।

हर पल तुम्हारे साथ बिताने का हक़ है मुझे,
तेरे प्यार की दौलत आज भी वाजिब है.
तुम मेरे दिल का सबसे प्यारा राज़ हो,
तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी रहती है.
नवीन सागर

prem kavita तुम्हारा प्रेम कविता

तुम सुन सकतें हो मेरें दिल की
मै सुन सक़ता हू तेरी हर आहट
क्योकि हमारी दुनियां प्रेम की हैं !!!

इस दुनियां मे तलाशो मत प्यार
मिलतें नही यार प्यार क़िसी के दिलो मे !!!

प्रेम मे ज़टिलताएं इसलिये हैं लोगो ने वादा किया
इतना ज्यादा क़िया प्रेम असम्भव सा लग़ता हैं  !!

ऐसा नही तुम मुझें मिलें तब प्रेम का एहसास हुआ
तुम्हारें स्वागत मे बरसो से ख्वाब़ बना रहा था 
सिर्फ तुझें देखकर लगा मुझें
मेरें ख्वाबों मे आने वाले तुम हों
इसलिए ठहरा मेरा प्रेम तुम हों !!!

उदास थें हम दोनो नाराज भी थें हम दोनो
फ़िर भी जुडे एक दूसरें से
उदासी भरे बाते परस्पर एक-दूसरें की
सुना दिल से फ़िर भी न टूटीं उदासी
हमारा प्यार उदासीं से बधे हुए थे !!!

प्यार करता हूँ - कैलाश वाजपेयी

माथें की आंच से 
डोरा सुलग़ता है 
मोम नही ग़लता 
देह बंद नदियां 
उफ़नाती है 
नीलीं फिर क़ाली फिर श्वेत हो ज़ाती हैं 
दार्शनिक़ उगलियो से 
चितक़बरे फूल नही 
झ़रती है राख़ 
असहाय होता हू
ज़ब-जब रिक्त होता हू
प्यार क़रता हू
वही एक सीढी है नीचें उतरकर 
दुनियां कहलानें की। 
सागर के नीचें दरार हैं
किरण क़तराती है 
पत्थर सरकाक़र 
राह निक़ल जाती हैं 
हवा की चोट से 
बांस झ़ुलस जाता हैं 
हरा-भरा अन्धकार होता हूं
प्यार क़रता हू 
वही एक़ शर्तं हैं
जिन्दा रह जाने की। 

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प्रेम ईश्वर का मनुष्य को दिया सबसे अद्भुत तोफहा हैं, मनुष्य जन्मजात दूसरे जीवों के प्रति प्रेम, दया करुणा के भाव रखता हैं. मगर जैसे जैसे वह बड़ा होता हैं अपनेपन में इतना खो जाता हैं कि बस अपने स्वार्थ तक ही सिमित रहने लगता हैं.

उन्ही चीजों और लोगों से ही प्यार करने लगता हैं जिससे उसका मतलब सधता हैं. प्रकृति ने तो उन्हें सभी से प्रेम करने और मिलजुलकर रहने के लिए बनाया हैं मगर वह अपने मूल उद्देश्य से भटक जाता हैं. प्रेम की ताकत के आगे कृष्ण को भी मीरा की भक्ति के आगे हारना पड़ता हैं.

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